जोधपुर जिले के तिंवरी तहसील क्षेत्र के सामेरी भाखरी गांव में बारिश के पानी से बना जलभराव एक बार फिर ग्रामीणों के लिए भारी परेशानी का सबब बन गया। गांव की 72 वर्षीय सुगनीदेवी की शवयात्रा ढाई से दो किलोमीटर तक करीब तीन फीट पानी से होकर निकाली गई। हालात इतने विकट रहे कि ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के समय भी जलभराव की मुसीबत से गुजरना पड़ा।
छह दिन पहले भी हुआ था ऐसा ही हाल
गौर करने वाली बात यह है कि महज छह दिन पहले भी इसी गांव में 82 वर्षीय बुजुर्ग की शवयात्रा पानी से लबालब रास्तों से गुजरनी पड़ी थी। लगातार दूसरी बार ऐसे हालात बनने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि जिम्मेदार विभाग और प्रशासन की लापरवाही के कारण गांववासियों को अंतिम संस्कार जैसे अवसर पर अपमानजनक स्थिति झेलनी पड़ रही है।
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जल निकासी व्यवस्था ठप, हर साल दोहराई जाती है समस्या
भाखरी क्षेत्र में वर्षा जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था न होने से हर साल बरसात के मौसम में यही समस्या सामने आती है। इस बार भी 5 दिन से बरसात थमी हुई है, लेकिन निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते विभागों में आपसी समन्वय कर जल निकासी की व्यवस्था कर दी जाती, तो यह स्थिति न आती। उन्होंने बताया कि वे कई बार अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, बावजूद इसके कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
औसत से अधिक बारिश से बनी जलभराव की स्थिति
मरु प्रदेश में इस बार मानसून मेहरबान रहा और औसत से कई गुना अधिक बारिश हुई। इससे जहां किसानों की फसलें शानदार हुईं, वहीं जगह-जगह जलभराव की स्थिति ने लोगों को परेशान कर दिया। तिंवरी और ओसियां इलाके में भारी बरसात के बाद गांव-गांव में पानी जमा हो गया है। प्रशासनिक उदासीनता के चलते ग्रामीणों की यह परेशानी लगातार बनी हुई है और अब यह आक्रोश में बदल रही है।
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