साइबर ठगी के एक बड़े मामले में करौली साइबर थाना पुलिस को अहम सफलता मिली है। अंतरराज्यीय स्तर पर करोड़ों रुपये की साइबर ठगी करने वाले एक शातिर आरोपी को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन एंटी वायरस 2.0 के तहत की गई।
पुलिस के अनुसार आरोपी धर्मेंद्र चावड़ा हरीशभाई (40), मूल निवासी गीता अपार्टमेंट, रानिप, अहमदाबाद, वर्तमान में अरविंद सोसायटी, रानिप में किराये पर रह रहा था। उसने खुद को एक ई-कॉमर्स बूस्टिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया। करौली जिले के एक पीड़ित से आरोपी ने करीब 10 लाख रुपये की ठगी की, जिसमें से 4 लाख 33 हजार 40 रुपये IMPS के जरिए अपने खाते में ट्रांसफर करवाए।
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एक करोड़ रुपये की एक दिन में ठगी की पुष्टि
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी के बैंक खाते से जुड़े देशभर के विभिन्न राज्यों में 23 साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। अब तक इन मामलों में करीब 33 लाख रुपये की ठगी की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी ने एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर अपने खातों में राशि ट्रांसफर करवाई थी।
न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया
पुलिस ने आरोपी को 26 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया और 27 जुलाई को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर नेटवर्क और अन्य पीड़ितों की जानकारी जुटा रही है।
गिरफ्तारी में टीम की अहम भूमिका
इस कार्रवाई में करौली साइबर थाना प्रभारी हरीराम मीणा के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने विशेष भूमिका निभाई। टीम में मुख्य रूप से कांस्टेबल नेत्रेश कुमार, संदीप, गिरेंद्र सिंह, विष्णु कुमार और महिला कांस्टेबल रेनू शर्मा शामिल रहे। आरोपी की गिरफ्तारी में रीडर रेनू शर्मा और कांस्टेबल संदीप की विशेष भूमिका रही।पुलिस की इस कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ चल रहे अभियान की महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। पुलिस अब ठगी से जुड़े अन्य पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है।