जिले के सूरवाल बांध की भराव क्षमता बढ़ाने से डूब क्षेत्र में आने वाली जमीनों का उचित मुआवजा दिलाने को लेकर पीड़ित किसानों ने राज्य सरकार से मांग की है। इस संबंध में आज ग्रामीणों ने घुड़ासी गांव स्थित हनुमान मंदिर पर एक प्रेस वार्ता आयोजित की और मीडिया के समक्ष अपनी मांग दोहराई।
प्रेस वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि पहले सूरवाल बांध का भराव क्षेत्र 11 फीट था, जिसे अब 16 फीट कर दिया गया है। इसके कारण बांध के पानी में ग्रामीणों की जमीन डूब गई है। मत्स्य विभाग द्वारा बांध का मछली पकड़ने का ठेका दिया जाता है। डूब में कृषि भूमि आने से ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, वहीं मवेशियों के चराई के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है।
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ग्रामीणों ने डूब क्षेत्र में आई कृषि भूमि का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। ऐसा न होने पर उन्होंने सूरवाल बांध की भराव क्षमता पुनः 11 फीट करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि सूरवाल बांध में लगभग 11–12 गांवों की लगभग 11–12 हजार बीघा भूमि डूब में आ गई है। किसानों ने अपनी जमीन पर केसीसी आदि ले रखी है। जमीन के डूब क्षेत्र में आने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और मवेशियों के चराई की समस्या भी उत्पन्न हो गई है।
ग्रामीणों ने बांध को खाली कराने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शासन-प्रशासन द्वारा उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ने और बड़ा आंदोलन करने को तैयार हैं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।