देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान हुए चर्चित समरावता थप्पड़ कांड में जेल में बंद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मंगलवार को टोंक की एससी-एसटी कोर्ट में पेशी के दौरान न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। पेशी के बाद कोर्ट से बाहर आते ही नरेश मीणा ने मीडिया से बात करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सब जगह भ्रष्ट सिस्टम है। छह महीने से जेल में हूं, जबकि मेरे खिलाफ जो मामला बनता है वह केवल मामूली मारपीट (धारा 323, 32) का है।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की आंखों पर जो पट्टी थी, वह इसलिए हटाई गई ताकि अब जाति और धर्म देखकर न्याय किया जा सके। इस बयान के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद लोग और मीडिया कर्मी भी कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए। नरेश मीणा के इस बयान को लेकर अब राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छिड़ गई है।
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अलग-अलग मामलों में चल रही सुनवाई, 30 मई अगली तारीख
नरेश मीणा पर दो अलग-अलग केस दर्ज हैं। पहला मामला समरावता में मतदान के दिन एसडीएम द्वारा थप्पड़ मारने की घटना के बाद उपजे उपद्रव, आगजनी और हिंसा से जुड़ा है, जो केस नंबर 167 के तहत दर्ज हुआ। इस मामले में मंगलवार को एससी-एसटी कोर्ट में चार्ज बहस हुई। वहीं दूसरे मामले, यानी खुद एसडीएम द्वारा थप्पड़ मारने की घटना से जुड़े केस नंबर 166 में नौ मई को ही चार्ज बहस पूरी हो चुकी है।
अब दोनों मामलों में अगली सुनवाई 30 मई को होगी। नरेश मीणा के वकील फतेह सिंह मीणा ने बताया कि वे कोर्ट से चार्ज बहस के आदेश लेने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि 21 और 23 मई को जयपुर हाईकोर्ट में होने वाली जमानत याचिका की सुनवाई में इन आदेशों को प्रस्तुत कर सकें। वकील ने कहा कि यह मामला केवल सामान्य मारपीट का है, लेकिन पुलिस ने जानबूझकर 307 जैसी गंभीर धारा लगा दी है।
समर्थकों ने लगाए राजनीतिक साजिश के आरोप
कोर्ट परिसर में मौजूद नरेश मीणा के समर्थकों ने भी न्याय प्रक्रिया में देरी को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की। सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष मुकेश मीणा और समर्थक आरडी गुर्जर ने कहा कि यह मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े नेता नरेश मीणा की जमानत में देरी करवा रहे हैं।
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समर्थकों ने कहा कि नरेश मीणा को केवल थप्पड़ के मामले में छह महीने से जेल में रखा गया है, जबकि यह इतना गंभीर अपराध नहीं है कि उसे इस तरह जेल में रखा जाए। अब जब साफ तौर पर यह नजर आ रहा है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर मामला उलझाया जा रहा है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। समर्थकों ने चेतावनी दी कि जल्द ही आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
क्या है समरावता थप्पड़ कांड?
यह मामला उस समय सामने आया जब देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन समरावता गांव में नरेश मीणा और एक एसडीएम के बीच विवाद हो गया था। आरोप है कि नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद गांव में तनाव फैल गया और उपद्रव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं के बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया और तब से वह जेल में हैं।