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Mandi: धर्मपुर में अवैध डंपिग के लोग खिलाफ, बोले- कंपनियां नियमों को रख रही हैं ताक पर
जालंधर मंडी अटारी राष्ट्रीय उच्च मार्ग का कार्य चला हुआ है और जो कंपनियां इसमें काम रही हैं उन्होंने सरकार, प्रशासन व वन विभाग को दर किनार करते हुए जगह-जगह अवैध डंपिग साइट अपनी मर्जी से बनाकर रखी हुई हैं। पराच्छु खड्ड से लेकर सोन खड्ड पूरी तरह से मिटटी से भर चुकी हैं और इस बार अगर बरसात ज्यादा होगी तो फिर धर्मपुर को बरसात के कहर से खुद भगवान भी नहीं बचा सकता है, क्योंकि यहां जगह-जगह अवैध डंपिग की हुई है और इसमें सरकार, वन विभाग, प्रशासन इन कंपनियों के आगे मुंह नहीं खोल रहे है। वहीं, लोग इस बार पहले ही डर रहे हैं कि उनका क्या होगा। इसी को लेकर लौंगणी वार्ड से जिला परिषद सदस्य जगदीश चंद बिट्टा ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले को जिला परिषद की बैठकों में भी कई बार उठा चुके हैं और प्रशासन व वन विभाग को भी इसके बारे में लिखित व मौखिक इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह चुके हैं, लेकिन कोई भी इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा है और वन विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि हमने डैमेज रिपोर्ट काट दी है। उन्होंने कहा कि तीस पैंतीस हजार डैमेज रिपोर्ट काटने से क्या खतरा टल जाएगा। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी ने धर्मपुर की सैकड़ों बीघा भूमि नष्ट करवा दी और यह कंपनियां सरेआम नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रही हैं, लेकिन मजाल है कोई इनके खिलाफ बोले। उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि इसमें बहुत बड़ी मिलीभक्त हो सकती है। जिसके कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी अपील की कि वह इसमें संज्ञान लें और इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने एनजीटी के अधिकारियों से भी इसमें कड़ा संज्ञान लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि हजारों पेड़ इस अवैध डपिंग की वजह से खत्म हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसमें कोई कार्रवाई नहीं होती है और बरसात में कोई नुकसान होता है तो इसकी भरपाई कंपनी, वन विभाग, प्रशासन से की जाए।
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