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Israel Hamas War: Israel's PM Benjamin Netanyahu made this big announcement regarding Palestine
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Israel Hamas War: इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने फलस्तीन को लेकर किया ये बड़ा एलान
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: सत्यम दुबे Updated Fri, 12 Sep 2025 07:51 PM IST
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इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को एक बड़ा बयान दिया। नेतन्याहू ने कहा कि कोई फलस्तीनी देश नहीं होगा और ये हमारी जमीन है। इस्राइली पीएम का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब कई पश्चिमी देश फलस्तीन को मान्यता देने की का एलान कर चुके हैं। गुरुवार को वेस्ट बैंक में एक प्रमुख यहूदी बस्ती परियोजना के लिए एक हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए इस्राइली प्रधानमंत्री ने ये बात कही। यह समारोह यरुशलम के पूर्व में स्थित यहूदी बस्ती माले अदुमिम में आयोजित किया गया और इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया।
कार्यक्रम के दौरान इस्राइली प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपना वादा पूरा करेंगे और कोई फलस्तीनी राज्य नहीं होगा, ये हमारी जमीन है। हम अपनी विरासत, अपनी जमीन और अपनी सुरक्षा की रक्षा करेंगे। हम शहर की आबादी को दोगुना करने जा रहे हैं। इस्राइल वेस्ट बैंक में लंबे समय से E1 नामक करीब 12 वर्ग किलोमीटर जमीन पर यहूदी बस्ती बसाने की योजना पर काम कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विरोध के कारण वर्षों से यह योजना अटकी हुई थी। जिस जगह नई बस्ती E1 बनाई जा रही है, वह इस्राइली बस्ती माले अदुमिम और यरुशलम के बीच का इलाका है। आपको बता दें कि नई बस्ती फलस्तीन के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित है।
पिछले महीने इस्राइल के वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने इस बेहद संवेदनशील जगह पर 3400 घरों वाली यहूदी बस्ती बसाने की योजना का खुलकर समर्थन किया था। लेकिन स्मोट्रिच के इस कदम की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से फलस्तीनी राज्य के अस्तित्व को खतरा पैदा होगा। खास बात यह है कि पश्चिमी तट पर बनीं सभी इस्राइली बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध मानी जाती हैं। ब्रिटेन और फ्रांस सहित कई पश्चिमी देशों की सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में फलस्तीन को अलग देश की मान्यता देने का एलान किया है। ब्रिटेन ने कहा है कि अगर इस्राइल गाजा में शुरू हुए विनाशकारी युद्ध को तुरंत खत्म नहीं करता है तो उन्हें फलस्तीन को देश की मान्यता देने का कदम उठाना पड़ेगा।
लेकिन भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद इस्राइल के दक्षिणपंथी लोग खुलकर संवेदनशील इलाके में यहूदी बस्ती बनाने का समर्थन कर रहे हैं। पश्चिमी तट की बस्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक इस्राइली एनजीओ का कहना है कि E1 बस्ती के निर्माण का काम कुछ महीनों में ही शुरू हो सकता है और करीब एक साल के भीतर आवासों का निर्माण शुरू हो जाएगा। एनजीओ ने चेतावनी दी कि ई1 योजना से इस्राइल के भविष्य और द्वि-राज्य समाधान की संभावना को खतरा पैदा हो सकता है।
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