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Protest in Nepal: Four names most discussed amid the protests | Nepal Gen-Z Protest | Nepal News
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Protest in Nepal: प्रदर्शन के बीच सबसे ज्यादा चर्चा में चार नाम | Nepal Gen-Z Protest | Nepal News
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Thu, 11 Sep 2025 05:01 AM IST
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नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ सोमवार को शुरू हुए युवाओं के हिंसक प्रदर्शन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। आलम यह रहा कि नेपाल सरकार के कई मंत्रियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तक को इस्तीफा देना पड़ा। इस दौरान नेताओं के घरों से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट तक में आगजनी की गई। हालांकि, बुधवार आते-आते नेपाल की सेना ने राजधानी काठमांडू समेत अलग-अलग शहरों में शांति स्थापित करने की कोशिशें शुरू कर दीं और हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाई।
फिलहाल नेपाल में प्रदर्शनों के सूत्रधार और आगे की सियासत का रास्ता तय करने वालों में चार नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है। इनमें से दो नाम- सुदन गुरुंग और बालेन शाह के हैं, जिन्हें 'जेन जी' के प्रदर्शनों का सूत्रधार माना जा रहा है। इसके अलावा तीसरा नाम है रबि लमिछाने और चौथा नाम सुशीला कार्की का है। ऐसे में यह जानना अहम है कि नेपाल में प्रदर्शनों की वजह बताए जा रहे यह चेहरे कौन हैं? इन तीनों का इतिहास क्या रहा है? नेपाल की राजनीति में इनका क्या असर है? इसके अलावा और कौन से चेहरे नेपाल के भविष्य की इबारत लिखने में आगे आ सकते हैं? भारत को लेकर इनका क्या रुख है? आइये जानते हैं...
गुरुंग ने इवेंट मैनेजमेंट और नाइटलाइफ इंडस्ट्री छोड़कर सामाजिक कार्य करना शुरू किया। 2015 के नेपाल भूकंप में उन्होंने 'हमि नेपाल' की स्थापना की। इस एनजीओ ने न सिर्फ भूकंप से प्रभावित लोगों के खाने और अस्थायी तौर पर रहने की व्यवस्था की, बल्कि पांच साल बाद आई कोरोना महामारी में राहत कार्यों के कारण यह एनजीओ चर्चा में रहा। 2020 में 'इनफ इज इनफ' आंदोलन के दौरान वे युवाओं के नेता बने। इसी साल तक यह 1600 से अधिक सदस्यों के साथ एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के रूप में पंजीकृत हो गया था।
प्रदर्शन के पीछे सुदन गुरुंग का नाम इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर छात्रों से अपील की कि वे सरकार के सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर और किताबें लेकर आएं, ताकि यह विरोध शांति का प्रतीक बने। उन्होंने रैली के लिए औपचारिक अनुमति भी मांगी और सोशल मीडिया के जरिए सुरक्षा और रूट प्लान साझा किया। गुरुंग ने अपने पोस्ट के जरिए सरकारी भ्रष्टाचार की ओर युवाओं का ध्यान भी आकर्षित किया।
इस बीच जब सरकार ने प्रदर्शनों को दबाने के लिए पुलिस से बल प्रयोग करवाया तो सुदन भड़क गए। उन्होंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से तुरंत इस्तीफे की मांग रख दी। इसके अलावा उन्होंने मंत्रियों से भी इस्तीफे की मांग की और प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की भी मांग कर दी।
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