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CCPI 2026: वैश्विक जलवायु प्रदर्शन में भारत 13 पायदान फिसला, शीर्ष तीन स्थानों पर कोई देश नहीं
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बेलेम
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 18 Nov 2025 10:52 PM IST
सार
न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार भारत उच्च प्रदर्शन वाले देशों से फिसलकर अब मध्यम प्रदर्शन करने वाले देशों की श्रेणी में आ गया है। सीसीपीआई 2026 में भारत को 61.31 अंक मिले।
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सीसीपीआई 2026
- फोटो : https://ccpi.org/
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विस्तार
वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई 2026) में भारत पिछले साल के मुकाबले 13 पायदान फिसलकर 23वें स्थान पर आ गया है। इस गिरावट की मुख्य वजह देश में कोयला उपयोग को खत्म करने की कोई निश्चित समय-सीमा का न होना बताया गया है।
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जर्मनवॉच, न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार भारत उच्च प्रदर्शन वाले देशों से फिसलकर अब मध्यम प्रदर्शन करने वाले देशों की श्रेणी में आ गया है। सीसीपीआई 2026 में भारत को 61.31 अंक मिले। पिछले साल यह बेहतर स्थिति में था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल, गैस और कोयला उत्पादकों में से एक है। देश में अब भी नए कोयला ब्लॉकों की नीलामी जारी है, जो जलवायु कार्रवाई के लिए एक बड़ी बाधा है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों और कार्यक्रमों जैसे ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) और परफॉर्म, अचीव एंड ट्रेड (पीएटी) तंत्र के साथ जलवायु कार्रवाई के लिए दीर्घकालिक इरादे दिखा रहा है। भारत ने 2030 के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्य से पहले ही 50 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म स्रोतों से हासिल कर ली है।
विशेषज्ञों ने भारत को कोयला चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की समय-सीमा तय करने और जीवाश्म ईंधन पर दी जाने वाली सब्सिडी को सामुदायिक स्वामित्व वाली नवीकरणीय ऊर्जा की ओर मोड़ने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का 2070 शुद्ध शून्य लक्ष्य 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि की राह के अनुरूप नहीं है। डेनमार्क (80.52 अंकों के साथ) चौथे स्थान पर रहा, जबकि शीर्ष तीन स्थानों पर कोई देश नहीं पहुंच पाया, क्योंकि कोई भी देश खतरनाक जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं कर रहा है।