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'मां बांग्लादेश न छोड़तीं तो...': शेख हसीना के बेटे वाजेब बोले- जान बचाने के लिए मोदी सरकार का आभारी रहूंगा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वर्जीनिया Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Wed, 19 Nov 2025 09:10 AM IST
सार

शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर सजीब ने कहा, "प्रत्यर्पण के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। बांग्लादेश में एक अनिर्वाचित, असंवैधानिक और अवैध सरकार है। मेरी मां को दोषी ठहराने के लिए, उनके मुकदमे की सुनवाई तेज करने के लिए कानूनों में संशोधन किया गया। यानी इन कानूनों में अवैध रूप से संशोधन किया गया। मेरी मां को अपने बचाव पक्ष के वकील नियुक्त करने की अनुमति तक नहीं थी।"

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शेख हसीना और सजीब वाजेद - फोटो : ANI
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विस्तार
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बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। इस बीच हसीना फिलहाल सुरक्षित भारत में मौजूद हैं। भारत की तरफ से अपदस्थ पीएम को इस तरह सुरक्षा दिए जाने पर शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने बुधवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में भारत सरकार की तारीफ की है और कहा है कि वे इसके लिए पीएम मोदी की सरकार के आभारी रहेंगे। 
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अमेरिका के वर्जीनिया में रह रहे सजीब ने कहा, "भारत हमेशा से एक अच्छा दोस्त रहा है। संकट के समय भारत ने मेरी मां की जान बचाई है। अगर वो बांग्लादेश नहीं छोड़तीं, तो उग्रवादियों ने उनकी हत्या की योजना बना ली होती। इसलिए मैं अपनी मां की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का हमेशा आभारी रहूंगा।"
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शेख हसीना के बेटे ने बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया पर उठाए सवाल
शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर सजीब ने कहा, "प्रत्यर्पण के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। बांग्लादेश में एक अनिर्वाचित, असंवैधानिक और अवैध सरकार है। मेरी मां को दोषी ठहराने के लिए, उनके मुकदमे की सुनवाई तेज करने के लिए कानूनों में संशोधन किया गया। यानी इन कानूनों में अवैध रूप से संशोधन किया गया। मेरी मां को अपने बचाव पक्ष के वकील नियुक्त करने की अनुमति नहीं थी। ट्रायल से पहले ही अदालत के 17 जजों को बर्खास्त कर दिया गया, नए जज नियुक्त किए गए, जिनमें से कुछ को बेंच पर काम करने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था और वे राजनीतिक रूप से जुड़े हुए थे। इसलिए, कोई उचित प्रक्रिया नहीं थी। प्रत्यर्पण के लिए उचित प्रक्रिया का होना आवश्यक है।"

अमेरिका से दबाव के सवाल पर क्या बोले सजीब?
अमेरिकी सरकार की ओर से उन पर कोई दबाव बनाए जाने के सवाल पर शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कहा, "नहीं, हमें किसी भी तरह की कोई धमकी नहीं मिली है। बस एक मामूली समस्या यह थी कि अमेरिका एकमात्र ऐसा देश था, जिसने हमारे 2024 के चुनावों पर नकारात्मक बयान जारी किया था। इसके अलावा, चुनावों को सभी ने शांतिपूर्ण माना था। इसलिए कोई सीधा दबाव नहीं था। अब, अमेरिका में एक बिल्कुल नई सरकार है। स्थिति पूरी तरह से अलग है। हमने दृष्टिकोण में एक बहुत ही स्पष्ट बदलाव देखा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद इस साल की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि पिछले प्रशासन ने यूएसएआईडी के माध्यम से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पर लाखों डॉलर खर्च किए थे। वह पिछले साल हुए विरोध प्रदर्शनों का जिक्र कर रहे थे। अमेरिका का रवैया निश्चित रूप से बदल गया है, और वे बांग्लादेश में आतंकवाद के खतरे और इस्लामवाद के उदय को लेकर पिछले प्रशासन से कहीं ज्यादा चिंतित हैं।"

'यूनुस की अंतरिम सरकार के पास बिल्कुल समर्थन नहीं'
सजीब वाजेद ने आगे बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "अगर मोहम्मद यूनुस लोकप्रिय होते, तो वे चुनाव क्यों नहीं कराते और फिर देश को वैधता से क्यों नहीं चलाते? वे डेढ़ साल से बिना चुनाव कराए सत्ता में बने हैं। असल में उनके पास बिल्कुल भी जनसमर्थन नहीं है। छात्रों की तरफ से गठित राजनीतिक दल- एनसीपी (नेशनल सिटिजन पार्टी), बांग्लादेश में हुए सभी चुनावों में 2% वोट हासिल कर रही है। उनकी लोकप्रियता कभी भी 2% से ऊपर नहीं गई। यूनुस और छात्रों की पार्टी की लोकप्रियता लगभग न के बराबर है। इसलिए वे बिना चुनाव के सत्ता में बने हुए हैं। 

उन्होंने आगे कहा, "हमारी सरकार की नीति सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने की रही है। हमने चीन, भारत और अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखे। यूनुस सरकार चीन के और करीब आने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चीन की कई राजकीय यात्राएं की हैं। यहां तक कि हमारी विपक्षी पार्टी, बीएनपी, भी चीन से सीधे संपर्क साध रही है। हमारे लिए, बेल्ट एंड रोड पहल बस परिवहन को सुगम बनाने के लिए एक आर्थिक पहल थी।"
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