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खुलासा: चंद्रमा पर 12 करोड़ साल पहले होते थे ज्वालामुखी विस्फोट, चीन का चांग’ई-5 लाया था मिट्टी के नमूने

एजेंसी, लैंकेस्टर Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Mon, 09 Sep 2024 05:47 AM IST
सार

चांग’ई-5 अंतरिक्ष यान जिस हिस्से में उतरा था, उसे ओशनस प्रोसेलरम कहा जाता है। इसका अर्थ है 'तूफान का महासागर'। यह क्षेत्र चंद्रमा के निकट उत्तर से दक्षिण तक 2,500 किलोमीटर तक फैला है। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में अपेक्षाकृत नया लावा मौजूद है जो चंद्रमा पर हाल के ज्वालामुखी होने का संकेत देता है।
 

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China spacecraft brought Soil samples reveal volcanic eruptions used to occur on Moon million years ago
ज्वालामुखी (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : एएनआई/रॉयटर्स
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चंद्रमा पर करीब 12 करोड़ साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट होते थे। चीन के अंतरिक्ष यान द्वारा लाई गए मिट्टी के नमूनों के आधार पर इसका खुलासा हुआ है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, चीन के यान चांग’ई-5 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की मिट्टी लेकर आया था। इसमें करीब दो अरब साल पुराना लावा भी शामिल है, जो चंद्रमा पर ज्वालामुखी गतिविधियों की जानकारी देता है। हालांकि, करीब 2 अरब वर्ष पहले चंद्रमा यह गतिविधियां समाप्त हो गई थी।

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चांग’ई-5 अंतरिक्ष यान जिस हिस्से में उतरा था, उसे ओशनस प्रोसेलरम कहा जाता है। इसका अर्थ है 'तूफान का महासागर'। यह क्षेत्र चंद्रमा के निकट उत्तर से दक्षिण तक 2,500 किलोमीटर तक फैला है। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में अपेक्षाकृत नया लावा मौजूद है जो चंद्रमा पर हाल के ज्वालामुखी होने का संकेत देता है। कई प्रमाण बताते हैं कि अभी तक शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी सक्रिय है। साथ ही मंगल पर हम इन प्रवाहों पर प्रभाव क्रेटरों की संख्या की गणना करके बड़े लावा प्रवाह के निर्माण के समय का पता लगा सकते हैं। बता दें कि अभी तक के अध्ययन से पता चलता है कि चंद्रमा के आंतरिक भाग के कुछ हिस्से में ज्वालामुखी सक्रिय हैं।
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दिसंबर में चंद्रमा से लगभग 1,731 ग्राम नमूने लाया था चांग’ई-5
दिसंबर 2020 में, चांग’ई-5 चंद्रमा से लगभग 1,731 ग्राम नमूने लेकर वापस आया था। चीन के यान ने चंद्रमा की सतह पर 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान का भी सामना किया। इसके लाए हुए नमूने नासा के अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों के मानव रहित लूना मिशन के नमूनों से कम से कम एक अरब साल नए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

नमूनों में मिले कांच के तीन हजार मोती
चीन की एकेडमी ऑफ साइंस के प्रोफेसर युयांग ने दावा किया कि चंद्रमा पर प्राचीन ज्वालामुखी गतिविधि के कई साक्ष्य मिले हैं। लेकिन अभी पूरी तरह यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह ज्वालामुखी कितने समय तक सक्रिय रहे होंगे। उन्होंने कहा कि हमने चांग’ई-5 मिशन द्वारा इकट्ठे किए गए मिट्टी के नमूनों में कांच के करीब 3 हजार मोतियों की जांच की है। साथ ही उनकी बनावट, ट्रेस-तत्व की संरचना और इन-सीटू सल्फर आइसोचटोप के विश्लेषण से ही तीन ज्वालामुखी की पहचान की गई है।

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