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क्षेत्रीय संकट के चलते सऊदी अरब में मिले खाड़ी देशों के नेता
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Updated Mon, 10 Dec 2018 04:30 AM IST
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Sheikh Tamim bin Hamad al-Thani

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सऊदी अरब ने रविवार को खाड़ी देशों के नेताओं की एक बैठक की मेजबानी की। इस बैठक में क्षेत्रीय संकटों से उपजे हालातों पर चर्चा की गई, जिसमें कतर के साथ सऊदी अरब का विवाद, यमन में चल रही लड़ाई और सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या विशेष मुद्दा रही।
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की बैठक में सऊदी अरब ने कतर के अमीर (शासक) शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी को भी आमंत्रित किया था। लेकिन अल-थानी ने जीसीसी की वार्षिक बैठक में अपने स्थान पर विदेश मामलों के मंत्री को भाग लेने के लिए भेजा, जिससे साफ झलक रहा है कि अन्य खाड़ी देशों के साथ चल रहा उसका विवाद फिलहाल सुलझने वाला नहीं है।
बता दें कि 2017 में सऊदी अरब ने मिस्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर दोहा के साथ राजनयिक व आर्थिक रिश्ते खत्म कर दिए थे। लेकिन फिलहाल इस्तांबुल में सऊदी दूतावास के अंदर पत्रकार खशोगी की हत्या के कारण दबाव में चल रहे सऊदी अरब ने अमेरिका के कहने पर रिश्ते सुधाने की कोशिश शुरू की थी।
कतर के अमीर के बैठक में भाग नहीं लेने पर बहरीन के विदेश मंत्री शेख खालिद बिन अहमद अल खलीफा ने उनकी आलोचना की है। उधर, कुवैत और ओमान भी खाड़ी देशों के बीच इस सबसे खराब राजनीतिक झगड़े के बीच हो रहे आयोजन से दूर रहे हैं।
सऊदी अरब और उसके सहयोगी कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और उनके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान के साथ नजदीकी संबंध बनाने का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि इस महीने के शुरू में सऊदी नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक से बाहर निकलने की घोषणा कर चुका कतर इन आरोपों को झुठलाता रहा है। इसके बावजूद यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
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खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की बैठक में सऊदी अरब ने कतर के अमीर (शासक) शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी को भी आमंत्रित किया था। लेकिन अल-थानी ने जीसीसी की वार्षिक बैठक में अपने स्थान पर विदेश मामलों के मंत्री को भाग लेने के लिए भेजा, जिससे साफ झलक रहा है कि अन्य खाड़ी देशों के साथ चल रहा उसका विवाद फिलहाल सुलझने वाला नहीं है।
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बता दें कि 2017 में सऊदी अरब ने मिस्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर दोहा के साथ राजनयिक व आर्थिक रिश्ते खत्म कर दिए थे। लेकिन फिलहाल इस्तांबुल में सऊदी दूतावास के अंदर पत्रकार खशोगी की हत्या के कारण दबाव में चल रहे सऊदी अरब ने अमेरिका के कहने पर रिश्ते सुधाने की कोशिश शुरू की थी।
कतर के अमीर के बैठक में भाग नहीं लेने पर बहरीन के विदेश मंत्री शेख खालिद बिन अहमद अल खलीफा ने उनकी आलोचना की है। उधर, कुवैत और ओमान भी खाड़ी देशों के बीच इस सबसे खराब राजनीतिक झगड़े के बीच हो रहे आयोजन से दूर रहे हैं।
सऊदी अरब और उसके सहयोगी कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और उनके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान के साथ नजदीकी संबंध बनाने का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि इस महीने के शुरू में सऊदी नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक से बाहर निकलने की घोषणा कर चुका कतर इन आरोपों को झुठलाता रहा है। इसके बावजूद यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है।