Madagascar: मेडागास्कर में सैन्य तख्तापलट की यूएन ने की कड़ी निंदा; आज शपथ ग्रहण करेंगे नए राष्ट्रपति
मेडागास्कर में विरोध प्रदर्शन इतने उग्र हो गए कि राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना को देश छोड़कर भागना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने मेडागास्कर में हुए हालिया सैन्य तख्तापलट की कड़ी निंदा की है।

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मेडागास्कर में पिछले कुछ हफ्तों से जारी बड़े विरोध प्रदर्शनों ने देश में सत्ता परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर दिया। विरोध प्रदर्शन इतने उग्र हो गए कि राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना को देश छोड़कर भागना पड़ा। ताजा घटनाक्रम में, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने मेडागास्कर में हुए हालिया सैन्य तख्तापलट की कड़ी निंदा की है। वहीं, कर्नल माइकल रैंड्रियानीरिना, जिन्होंने इस तख्तापलट का नेतृत्व किया, शुक्रवार को उच्च संवैधानिक न्यायालय में आयोजित समारोह में मेडागास्कर के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा वे मेडागास्कर में असंवैधानिक सरकार परिवर्तन की निंदा करते हैं और संवैधानिक व्यवस्था और कानून के शासन की वापसी का आह्वान करते हैं।
सेना ने संभाली देश की बागडोर
रैंड्रियानीरिना ने कहा कि मंगलवार को हमने जिम्मेदारी ली क्योंकि देश में अब न राष्ट्रपति है और न प्रधानमंत्री और न ही संसद की कोई सक्रियता। हालांकि मेडागास्कर के संवैधानिक न्यायालय ने भी रैंड्रियानीरिना को अंतरिम रूप से राष्ट्रपति पद संभालने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि देश में संकट को जल्दी खत्म करने के लिए नई सरकार जल्द बनाई जाएगी और एक नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा।
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क्यों राजोइलिना ने छोड़ा देश, समझिए
हालांकि इन सबसे अलग 2018 से सत्ता में रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति राजोइलिना ने इस कदम को गैरकानूनी सैन्य तख्तापलट बताया है। साथ ही ये भी दावा किया कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ा है। वहीं कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ओलुफेमी ताइवो ने कहा कि यह एक सिविल सोसाइटी (नागरिक आंदोलन) है, जिसे सेना के बिना सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने अफ्रीकी संघ से इस तख्तापलट की कड़ी निंदा करने की अपील की। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफ्रीकी संघ की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, हालांकि अफ्रीकी संघ ने एक आपात बैठक बुलाई है।
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मेडागास्कर में कई बार भी हो चुके है तख्तापलट
गौरतलब है कि मेडागास्कर में 1960 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद कई बार तख्तापलट हो चुके हैं। खुद राजोइलिना भी 2009 में सेना के समर्थन से सत्ता में आए थे। इस बार के विद्रोह में बड़ी भूमिका जेन-जी युवाओं की रही, जो पिछले एक महीने से पानी, बिजली और बुनियादी सेवाओं की कमी के खिलाफ सड़कों पर थे। प्रदर्शन 25 सितंबर से पानी और बिजली की कमी को लेकर शुरू हुए थे और इस आंदोलन को युवाओं ने जेन-जेड मेडागास्कर नाम दिया है।