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Mongolia: सत्ता संघर्ष में मंगोलिया के पीएम को गंवानी पड़ी कुर्सी, सिर्फ 4 महीने सरकार में रहे गोम्बोजाव

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग Published by: लव गौर Updated Fri, 17 Oct 2025 03:41 PM IST
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सार

Mongolia PM Zandanshatar Gombojav News: मंगोलिया के प्रधानमंत्री जंदनशतार गोम्बोजाव को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सत्ता संघर्ष के बीच मंगोलिया पीएम को महज चार महीने में अपना पद छोड़ना पड़ा है।  

Mongolia's PM Zandanshatar Gombojav dismissed from PM Post News in hindi
मंगोलिया के प्रधानमंत्री ज़ंदनशतर गोम्बोजाव (फाइल फोटो) - फोटो : Ani Photos
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सत्ता संघर्ष में मंगोलिया के प्रधानमंत्री जंदनशतर गोम्बोजाव को पद से हटा दिया गया है। मंगोलिया के दिग्गज नेता को महज 4 महीने में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। शुक्रवार (17 अक्तूबर) को मंगोलिया की संसद ने प्रधानमंत्री गोम्बोजाव को पद से हटाने के लिए मतदान किया। यह फैसला सत्तारूढ़ मंगोलियन पीपल्स पार्टी (एमपीपी) के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच लिया गया।
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संसद ने राजनेताओं से भारी अविश्वास प्रस्ताव मिलने के बाद उनको पद छोड़ना पड़ा। 13 जून 2025 को लुवसन्नामस्रेन ओयुन-एर्डीन के इस्तीफे के बाद जंदनशतर गोम्बोजाव ने प्रधानमंत्री पद संभाला था। हालांकि प्रधानमंत्री जंदनशतर के विरोधियों ने संसद में एक विवादित प्रस्ताव पारित कर दिया, जिससे उन्हें प्रभावी रूप से पद से हटा दिया गया है। इसी बीच संसद अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के प्रमुख प्रतिद्वंदी अमरबायसगलन दशजेगवे के इस्तीफे पर भी बहस जारी रही।
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71 सांसदों ने किया बर्खास्तगी का समर्थन
मंगोलिया की 126 सीटों वाली राष्ट्रीय संसद, स्टेट ग्रेट खुराल में शुक्रवार को मतदान हुआ, जिसमें कथित तौर पर 111 सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। संसदीय बयान के अनुसार 71 सांसदों ने जंदनशतार की बर्खास्तगी का समर्थन किया और 40 सांसदों ने इसका विरोध किया।

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फिलहाल कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे गोम्बोजाव
जंदनशतर गोम्बोजाव को जून में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, और अब वे नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वे अपने पद से हटाए जाने को चुनौती देंगे या नहीं। 

यह राजनीतिक उथल-पुथल ऐसे समय में हुई है, जब अगले वित्त वर्ष का बजट अभी पारित नहीं हुआ है। बजट में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर इस सप्ताह शिक्षकों ने हड़ताल की है, और चिकित्सकों ने भी ऐसा करने की चेतावनी दी है।

दरअसल, सत्तारूढ़ दल में यह कलह तब शुरू हुई जब जंदनशतर पार्टी नेतृत्व का चुनाव अमरबायसगलन से हार गए। इसके बाद जंदनशतर के समर्थकों ने संसद अध्यक्ष पर कोयला खनन उद्योग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिसके बाद सरकार ने जांच शुरू की।

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जंदनशतर ने अपनी बर्खास्तगी पर मतदान से पहले बहस के दौरान कहा, "हम देश की संपत्ति की चोरी के खिलाफ लड़ रहे हैं, जिसने हर मंगोलियन को लूटा है। हम शिक्षकों और डॉक्टरों के वेतन बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।"

पद से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया
रिपोर्टों के अनुसार 10 अक्टूबर को 50 से ज्यादा विधानमंडल सदस्यों ने संवैधानिक उल्लंघनों और शासन संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए जंदनशतर को उनके पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। इस विवाद के केंद्र में प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में न्याय और गृह मंत्री की नियुक्ति थी।
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