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Pakstan-Afghanistan: भारत और मध्य एशियाई देशों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर की चर्चा, तनाव के बीच शांति पर जोर
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बिश्केक
Published by: शिवम गर्ग
Updated Fri, 17 Oct 2025 01:17 AM IST
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सार
भारत और मध्य एशियाई देशों ने बिश्केक में हुई तीसरी उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में अफगानिस्तान की सुरक्षा चुनौतियों, पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया।

एनएसए अजीत डोभाल
- फोटो : PTI
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विस्तार
भारत और मध्य एशियाई देशों ने गुरुवार को अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चर्चा की और आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि वे क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम करेंगे। यह बैठक किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित भारत-मध्य एशिया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सुरक्षा परिषद सचिवों की तीसरी बैठक थी।

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बैठक में भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि बैठक में मुख्य रूप से आतंकवाद, उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
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अफगानिस्तान में तनाव पर चिंता, शांति प्रयासों पर सहमति
हाल के दिनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़े सैन्य संघर्ष को देखते हुए बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई गई। दोनों देशों के बीच यह तनाव तब बढ़ा जब पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमला किया, जिसके जवाब में अफगानिस्तान ने कड़ी कार्रवाई की। संघर्ष के बाद बुधवार को दोनों देशों ने अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई। भारत और मध्य एशियाई देशों ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिरता पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, और इसके लिए सभी देशों को मिलकर सहयोग बढ़ाना चाहिए।
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डोभाल की द्विपक्षीय मुलाकातें और रणनीतिक बातचीत
अजीत डोभाल ने बिश्केक में किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर झापारोव से मुलाकात की और कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के सुरक्षा परिषद सचिवों से अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। इन बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति और आर्थिक साझेदारी को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ।
चीन ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान से की स्थायी युद्धविराम की अपील
इसी बीच चीन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्धविराम का स्वागत करते हुए दोनों देशों से स्थायी और व्यापक शांति समझौते की अपील की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा बीजिंग दोनों पक्षों से संयम बरतने और संवाद के माध्यम से मतभेद दूर करने का आग्रह करता है। चीन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
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चीन की कूटनीतिक भूमिका
चीन लंबे समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के साथ करीबी संबंध रखता है। बीजिंग ने दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखने के लिए एक त्रिपक्षीय वार्ता तंत्र भी स्थापित किया है। इन बैठकों का उद्देश्य इस्लामाबाद और काबुल के बीच बढ़ते अविश्वास को कम करना है, विशेषकर पाकिस्तान के इस आरोप के बाद कि अफगानिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे आतंकी संगठनों को शरण दे रहा है। दूसरी ओर, अफगान तालिबान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और इसके बजाय पाकिस्तानी सेना की आक्रामक कार्रवाइयों, विशेषकर हवाई हमलों को, मौजूदा संघर्ष का कारण बताया है।