Queen Elizabeth II: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु कैसे हुई? पढ़ें उनका मृत्यु प्रमाण पत्र
मृत्यु प्रमाण पत्र पर रानी की बेटी राजकुमारी ऐनी द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, जो उनकी मृत्यु के समय अपनी मां के साथ थीं। ऐनी के अलावा रानी के सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स III, उनकी पत्नी कैमिला भी उनकी मृत्यु के समय बाल्मोरल महल में मौजूद थीं।

विस्तार
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का मृत्यु प्रमाण पत्र गुरुवार को स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय रिकॉर्ड द्वारा जारी किया गया। उनके मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का आठ सितंबर को 'वृद्धावस्था' की वजह से निधन हो गया। प्रमाण पत्र में उनकी मृत्यु का समय दोपहर 3.10 बजे (1410 GMT) दर्ज किया गया है, जो जनता को इसकी सूचना देने से लगभग साढ़े तीन घंटे पहले का है। गौरतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का तीन सप्ताह पहले स्कॉटलैंड के ग्रीष्मकालीन निवास बाल्मोरल कैसल में शांतिपूर्वक निधन हो गया था।

रानी की इकलौती बेटी राजकुमारी ऐनी को उनकी मृत्यु की सूचना देने के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। मृत्यु प्रमाण पत्र पर रानी की बेटी राजकुमारी ऐनी द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, जो उनकी मृत्यु के समय अपनी मां के साथ थीं। इससे पहले, जारी एक बयान में ऐनी ने कहा, “मैं अपनी सबसे प्यारी मां के जीवन के अंतिम 24 घंटे को साझा करने के लिए भाग्यशाली थी।” ऐनी के अलावा रानी के सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स III, उनकी पत्नी कैमिला भी उनकी मृत्यु के समय बाल्मोरल महल में मौजूद थीं।
Queen’s death certificate pic.twitter.com/jzK3DP82Ia
— Max Foster (@MaxFosterCNN) September 29, 2022
किंग चार्ल्स तृतीय की तस्वीर वाले सिक्कों का अनावरण
ब्रिटेन के ‘रॉयल मिंट’ ने महाराजा चार्ल्स तृतीय की तस्वीर वाले सिक्कों का अनावरण कर दिया है। ब्रिटेन में लोगों के लिए दिसंबर से यह उपलब्ध हो जाएगा। 50-पेंस के ये सिक्के धीरे-धीरे ही बाजार में पहुंचेंगे। ब्रिटेन के सिक्के बनाने वाली कंपनी ‘रॉयल मिंट’ ने बताया कि नए महाराजा की सिक्के पर बनी तस्वीर को ब्रिटिश मूर्तिकार मार्टिन जेनिंग्स ने बनाया है। चार्ल्स ने खुद इसको मंजूरी दी है।
बकिंघम पैलेस ने एक बयान जारी किया था
महारानी की मृत्यु से कुछ घंटे पहले, बकिंघम पैलेस ने एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि डॉक्टर महारानी के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं। बयान में कहा गया था कि महारानी एलिजाबेथ चिकित्सकीय देखरेख में रहेंगी। महारानी एलिजाबेथ के निधन की आधिकारिक तौर पर शाम 6.30 बजे घोषणा की गई थी, जबकि उस समय महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु का कारण सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं किया गया था, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र में उल्लेख किया गया है कि उनकी मृत्यु 'वृद्धावस्था' के कारण हुई थी।
बता दें कि लिज ट्रस को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करते हुए, महारानी ने दो दिन पहले ही अपना अंतिम आधिकारिक कर्तव्य निभाया था। महारानी एलिजाबेथ, जिन्होंने ब्रिटेन की महारानी के रूप में 70 साल तक शासन किया, बकिंघम पैलेस ने बताया था कि पिछले साल के अंत से "एपिसोडिक मोबिलिटी प्रॉब्लम" से पीड़ित थीं, इस वजह से उन्हें अपने लगभग सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। महारानी की मृत्यु प्रमाण पत्र से पता चलता है कि उनकी मृत्यु उनकी बेटी राजकुमारी ऐनी ने 16 सितंबर को दर्ज कराई थी। ब्रिटिश शासन ने दिवंगत रानी के लिए 11 दिनों का शोक रखा था।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के समाधि स्थल के बाहर जुटी हजारों लोगों की भीड़
इस बीच दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के बर्कशायर में स्थित विंडसर कैसल, जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का समाधि स्थल है, उसके दरवाजे गुरुवार को आम जनता के लिए एक बार फिर खोल दिए गए।समाधि स्थल पर महारानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। सितंबर की शुरुआत में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद विंडसर कैसल को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था।
विंडसर कैसल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निजी शाही आवास था। 2020 में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाए जाने के बाद महारानी अपना काफी समय इस महल में गुजारती थीं। आम लोग गुरुवार से विंडसर कैसल का दौरा कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें 27 पाउंड का टिकट लेना होगा। इस सप्ताह से आगंतुक पहली बार सेंट जॉर्ज चैपल के जॉर्ज षष्टम मेमोरियल चैपल में लगाए गए दिवंगत महारानी के नाम वाले पत्थर को देख पाएंगे, जहां उनके पार्थिव शरीर को पिछले हफ्ते उनके पति प्रिंस फिलिप की कब्र के बगल में दफनाया गया था।
लगभग 900 साल पुराने विंडसर कैसल को मौजूदा समय में दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा रिहायशी किला माना जाता है। 11वीं सदी में इंग्लैंड पर आक्रमण के दौरान नॉर्मन सेना का नेतृत्व करने वाले ड्यूक विलियम द्वितीय ने इस किले को बनवाया था। तब से लेकर अब तक 40 ब्रिटिश सम्राट/सम्राज्ञी इसमें रह चुके हैं। 19 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को जॉर्ज षष्टम मेमोरियल चैपल में दफनाया गया था। इसके बाद, ड्यूक ऑफ एडिनबरा प्रिंस फिलिप के ताबूत को सेंट जॉर्ज चैपल के रॉयल वॉल्ट से हटाकर जॉर्ज षष्टम मेमोरियल चैपल में ले जाया गया था, जहां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिता महाराजा जॉर्ज और मां एलिजाबेथ प्रथम के ताबूत भी मौजूद हैं।