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JD Vance: 'गाजा में नहीं उतरेंगे अमेरिकी सैनिक', इस्राइल दौरे पर वेंस बोले- शांति बनाए रखना ही ट्रंप का मकसद
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, तेल अवीव
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Wed, 22 Oct 2025 04:22 PM IST
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सार
इस्राइल दौरे पर पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा कि गाजा में अमेरिकी सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका सिर्फ शांति और समन्वय के लिए काम करेगा, जमीनी युद्ध के लिए नहीं।

जेडी वेंस, अमेरिकी उपराष्ट्रपति
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस्राइल दौरे के दौरान दोहराया कि गाजा में अमेरिकी सैनिकों के बूट नहीं उतरेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सैन्य नेतृत्व दोनों का रुख साफ है। अमेरिका किसी भी हाल में गाजा में जमीनी कार्रवाई नहीं करेगा। वेंस इस्राइल में गाजा संघर्षविराम को स्थिर बनाए रखने के मिशन पर पहुंचे हैं।
दक्षिण इस्राइल के किर्यात गात शहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वेंस ने कहा कि गाजा में अमेरिकी सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है, और हमारी सैन्य नेतृत्व ने भी यही दोहराया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका शांति प्रक्रिया में उपयोगी समन्वय जारी रखेगा। उनका कहना था कि ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य इस्राइल और फलस्तीन के बीच जारी संघर्षविराम को हर हाल में बनाए रखना है।
दौरे का मकसद और मुलाकातों का दौर
वेंस मंगलवार को इस्राइल पहुंचे और गाजा सीमा से जुड़े किर्यात गात कमांड सेंटर का दौरा किया, जहां अमेरिकी नेतृत्व वाली टीम संघर्षविराम की निगरानी कर रही है। उनके साथ द्वितीय महिला उषा वेंस भी मौजूद थीं। वहां उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की। अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। बुधवार को उनकी मुलाकात इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से होगी, जहां वे राष्ट्रपति ट्रंप का यह स्पष्ट संदेश देंगे कि अमेरिका किसी भी कीमत पर गाजा शांति समझौते को टूटने नहीं देगा।
ये भी पढ़ें- ताइवान में अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने दी दस्तक, सरकार ने सूअर मारने पर लगाई रोक; देशभर में अलर्ट जारी
ट्रंप का सख्त संदेश
वहीं, मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमास सही कदम उठाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसका अंत तेज, उग्र और निर्दय होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हमास संघर्षविराम तोड़ता है, तो मध्य पूर्व के सहयोगी देशों को तुरंत आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका हिंसा नहीं चाहता लेकिन अगर शांति भंग होती है तो जवाब कड़ा होगा।
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में पोलियो का कहर जारी, खैबर पख्तूनख्वा में नया मामला आने से सालाना संख्या 30 पहुंची
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शांति प्रयास
ट्रंप ने इंडोनेशिया को क्षेत्रीय समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं इंडोनेशिया और उसके महान नेता का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मध्य पूर्व और अमेरिका दोनों की मदद की। इंडोनेशिया ने गाजा में संयुक्त राष्ट्र की संभावित शांति सेना में 20,000 सैनिक भेजने की पेशकश की है। वहीं तुर्की और अज़रबैजान ने भी युद्धोत्तर सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की इच्छा जताई है। वेंस का यह दौरा इस बात का संकेत है कि अमेरिका सीधे सैन्य कार्रवाई से दूर रहते हुए भी कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है।

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दक्षिण इस्राइल के किर्यात गात शहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वेंस ने कहा कि गाजा में अमेरिकी सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है, और हमारी सैन्य नेतृत्व ने भी यही दोहराया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका शांति प्रक्रिया में उपयोगी समन्वय जारी रखेगा। उनका कहना था कि ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य इस्राइल और फलस्तीन के बीच जारी संघर्षविराम को हर हाल में बनाए रखना है।
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दौरे का मकसद और मुलाकातों का दौर
वेंस मंगलवार को इस्राइल पहुंचे और गाजा सीमा से जुड़े किर्यात गात कमांड सेंटर का दौरा किया, जहां अमेरिकी नेतृत्व वाली टीम संघर्षविराम की निगरानी कर रही है। उनके साथ द्वितीय महिला उषा वेंस भी मौजूद थीं। वहां उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की। अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। बुधवार को उनकी मुलाकात इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से होगी, जहां वे राष्ट्रपति ट्रंप का यह स्पष्ट संदेश देंगे कि अमेरिका किसी भी कीमत पर गाजा शांति समझौते को टूटने नहीं देगा।
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ट्रंप का सख्त संदेश
वहीं, मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमास सही कदम उठाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसका अंत तेज, उग्र और निर्दय होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हमास संघर्षविराम तोड़ता है, तो मध्य पूर्व के सहयोगी देशों को तुरंत आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका हिंसा नहीं चाहता लेकिन अगर शांति भंग होती है तो जवाब कड़ा होगा।
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ट्रंप ने इंडोनेशिया को क्षेत्रीय समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं इंडोनेशिया और उसके महान नेता का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मध्य पूर्व और अमेरिका दोनों की मदद की। इंडोनेशिया ने गाजा में संयुक्त राष्ट्र की संभावित शांति सेना में 20,000 सैनिक भेजने की पेशकश की है। वहीं तुर्की और अज़रबैजान ने भी युद्धोत्तर सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की इच्छा जताई है। वेंस का यह दौरा इस बात का संकेत है कि अमेरिका सीधे सैन्य कार्रवाई से दूर रहते हुए भी कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है।
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