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Air Pollution: बच्चों को ड्राइव पर ले जा रहे हैं? तो वायु प्रदूषण से बचाव कैसे करें, जानें पांच अहम तरीके
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 24 Nov 2025 04:19 PM IST
सार
बच्चे बड़ों की तुलना में तेज सांस लेते हैं, जिससे वे कम समय में अधिक प्रदूषण अंदर ले सकते हैं। इसलिए रोजमर्रा की ड्राइविंग में भी प्रदूषण से बचाव करना उनके फेफड़ों की सेहत के लिए दीर्घकालिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
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Air Pollution
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
सर्दियों के आते ही देश के कई शहरों में धुंध, स्मॉग और खराब होती वायु गुणवत्ता (एयर क्वालिटी) आम बात बन जाती है। इस मौसम में बाहर निकलना ही मुश्किल होता है, और अगर बात बच्चों की हो, जिनकी फेफड़ों की क्षमता अभी विकसित हो रही होती है, तो प्रदूषण का जोखिम और बढ़ जाता है। PM2.5 (पीएम 2.5) और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक बच्चों के स्वास्थ्य पर जल्दी असर डालते हैं, इसलिए यात्रा के दौरान उनका बचाव बेहद जरूरी है।
अगर बाहर निकलना टालना संभव नहीं है, तो यहां पांच सरल और व्यावहारिक तरीके दिए गए हैं। जिनकी मदद से आप कार के अंदर की हवा अधिक सुरक्षित रख सकते हैं और बच्चों के प्रदूषण के संपर्क को कम कर सकते हैं।
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सही समय चुनकर ही यात्रा करें
सर्दियों में प्रदूषण का स्तर पूरे दिन एक बराबर नहीं रहता। सुबह जल्दी और देर शाम के समय हवा ज्यादा खराब पाई जाती है। बेहतर होगा कि यात्रा दिन के थोड़े देर बाद करें या बारिश के बाद निकलें। साफ मौसम वाले समय में छोटी दूरी तय करने से कुल प्रदूषण का असर कम होता है।
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रीसर्क्युलेशन मोड चालू करें
व्यस्त सड़कों या कम दृश्यता वाली स्थिति में कार की खिड़कियां बंद रखना बेहतर है। कार के एयर रीसर्क्युलेशन मोड का इस्तेमाल करें, इससे बाहर की दूषित हवा अंदर आने से रुकती है। अगर अंदर का माहौल भारी लगे, तो थोड़ी देर के लिए रीसर्क्युलेशन बंद किया जा सकता है। ध्यान दें कि नई कारों में अक्सर रीसर्क्युलेशन लगातार चालू रखने से कोई नुकसान नहीं होता।
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व्यस्त सड़कों या कम दृश्यता वाली स्थिति में कार की खिड़कियां बंद रखना बेहतर है। कार के एयर रीसर्क्युलेशन मोड का इस्तेमाल करें, इससे बाहर की दूषित हवा अंदर आने से रुकती है। अगर अंदर का माहौल भारी लगे, तो थोड़ी देर के लिए रीसर्क्युलेशन बंद किया जा सकता है। ध्यान दें कि नई कारों में अक्सर रीसर्क्युलेशन लगातार चालू रखने से कोई नुकसान नहीं होता।
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कार के फिल्टर की नियमित देखभाल करें
एक साफ केबिन एयर फिल्टर प्रदूषण रोकने में बड़ी भूमिका निभाता है। समय-समय पर इसे बदलते रहें। अगर आपकी कार सपोर्ट करती है, तो एक्टिवेटेड कार्बन के साथ फाइन पार्टिकल मीडिया वाले उच्च-स्तरीय फिल्टर का इस्तेमाल करें। ये फिल्टर सड़क की धूल, धुआं और सूक्ष्म कणों को केबिन में पहुंचने से रोकते हैं।
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पोर्टेबल HEPA एयर प्यूरीफायर जोड़ें
कार में एक छोटा, प्रमाणित HEPA प्यूरीफायर पीएम 2.5 जैसे महीन प्रदूषकों को हटाने में सक्षम होता है। इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां से हवा पीछे की सीटों तक आसानी से पहुंच सके। अगर किसी अत्यधिक प्रदूषित इलाके में बच्चों को थोड़ी देर के लिए कार से बाहर निकालना पड़े, तो उनके लिए मास्क साथ रखें। बच्चों के लिए फिट बैठने वाला एन95 या केएन95 मास्क बाहर प्रदूषित हवा में उनका जोखिम काफी कम करता है।
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कम प्रदूषण वाले रास्तों की योजना बनाएं
भारी ट्रैफिक, धीमी रफ्तार वाली सड़कें, निर्माण स्थल और डीजल वाहनों वाले मार्ग प्रदूषण को बढ़ाते हैं। संभव हो तो ऐसे रास्तों से बचें। थोड़ा लंबा लेकिन निर्बाध ट्रैफिक वाला मार्ग अक्सर एक भीड़-भाड़ वाले शॉर्टकट से कहीं बेहतर साबित होता है।
बच्चे बड़ों की तुलना में तेज सांस लेते हैं, जिससे वे कम समय में अधिक प्रदूषण अंदर ले सकते हैं। इसलिए रोजमर्रा की ड्राइविंग में भी प्रदूषण से बचाव करना उनके फेफड़ों की सेहत के लिए दीर्घकालिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
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