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EV Policy India: भारत की प्रमुख ईवी पॉलिसी लॉन्च, इसके बारे में अहम डिटेल्स जो आपको जानना चाहिए
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 04 Jun 2025 05:27 PM IST
सार
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और ग्लोबल ईवी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए अपनी बहुप्रतीक्षित फ्लैगशिप ईवी नीति को लॉन्च कर दिया है।
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BMW iX1 LWB Electric Car
- फोटो : Amar Sharma
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और ग्लोबल ईवी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए अपनी बहुप्रतीक्षित फ्लैगशिप ईवी नीति को लॉन्च कर दिया है। मार्च 2024 में प्रस्तावित नीति की तर्ज पर बनी इस नई नीति में अब ज्यादा स्पष्ट दिशा-निर्देश और शर्तें जोड़ी गई हैं।
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निवेश की शर्तें और समयसीमा
कंपनी को भारत में कम-से-कम 4,100 करोड़ रुपये (486 मिलियन डॉलर) का निवेश करना होगा। और यह निवेश तीन साल के अंदर करना अनिवार्य होगा। इसी समयसीमा में स्थानीय उत्पादन भी शुरू करना होगा। निवेश की गणना सिर्फ रिसर्च एंड डेवलपमेंट, प्लांट, मशीनरी और उपकरण पर खर्च किए गए पैसों के आधार पर होगी। जमीन की लागत इसमें नहीं जोड़ी जाएगी, जबकि इमारत और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत क्रमश: 10 प्रतिशत और 5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
सालाना 8000 गाड़ियों के इम्पोर्ट की छूट
सरकार ने एक कंपनी को साल में अधिकतम 8000 ईवी यूनिट्स आयात करने की अनुमति दी है। अगर किसी साल ये कोटा पूरा नहीं होता है, तो बचे हुए यूनिट्स को अगले साल के लिए ट्रांसफर किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें - Commercial Vehicles: एक नवंबर से दिल्ली में गैर-BS6 और गैर-CNG व्यावसायिक गाड़ियों पर बैन
कंपनी को भारत में कम-से-कम 4,100 करोड़ रुपये (486 मिलियन डॉलर) का निवेश करना होगा। और यह निवेश तीन साल के अंदर करना अनिवार्य होगा। इसी समयसीमा में स्थानीय उत्पादन भी शुरू करना होगा। निवेश की गणना सिर्फ रिसर्च एंड डेवलपमेंट, प्लांट, मशीनरी और उपकरण पर खर्च किए गए पैसों के आधार पर होगी। जमीन की लागत इसमें नहीं जोड़ी जाएगी, जबकि इमारत और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत क्रमश: 10 प्रतिशत और 5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
सालाना 8000 गाड़ियों के इम्पोर्ट की छूट
सरकार ने एक कंपनी को साल में अधिकतम 8000 ईवी यूनिट्स आयात करने की अनुमति दी है। अगर किसी साल ये कोटा पूरा नहीं होता है, तो बचे हुए यूनिट्स को अगले साल के लिए ट्रांसफर किया जा सकता है।
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Electric Car
- फोटो : Freepik
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना के लिए वही कंपनियां आवेदन कर सकती हैं जिनका सालाना ऑटोमोबाइल रेवेन्यू 10,000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हो। और उनके पास कम से कम 3,000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड एसेट्स हों। कंपनियों को तीन साल के भीतर 25 प्रतिशत और पांच साल में 50 प्रतिशत तक घरेलू मूल्य संवर्धन हासिल करना होगा।
आवेदन की समयसीमा
नीति के तहत आवेदन की विंडो जल्दी ही खोली जाएगी और यह कम से कम 120 दिनों तक खुली रहेगी। अगर ज़रूरत पड़ी तो यह विंडो 15 मार्च 2026 से पहले कभी भी दोबारा खोली जा सकती है।
यह भी पढ़ें - Electric Cars: आईईए प्रमुख ने कहा- भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की कुंजी हैं इलेक्ट्रिक कारें, ईवी पर सब्सिडी जरूरी
इस योजना के लिए वही कंपनियां आवेदन कर सकती हैं जिनका सालाना ऑटोमोबाइल रेवेन्यू 10,000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हो। और उनके पास कम से कम 3,000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड एसेट्स हों। कंपनियों को तीन साल के भीतर 25 प्रतिशत और पांच साल में 50 प्रतिशत तक घरेलू मूल्य संवर्धन हासिल करना होगा।
आवेदन की समयसीमा
नीति के तहत आवेदन की विंडो जल्दी ही खोली जाएगी और यह कम से कम 120 दिनों तक खुली रहेगी। अगर ज़रूरत पड़ी तो यह विंडो 15 मार्च 2026 से पहले कभी भी दोबारा खोली जा सकती है।
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2025 Tesla Model Y
- फोटो : X/@Tesla
टेस्ला के लिए बुरी खबर
इस नीति से टेस्ला को कोई बड़ा फायदा नहीं मिलेगा। भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने साफ किया कि टेस्ला फिलहाल भारत में स्थानीय निर्माण शुरू नहीं कर रही है। टेस्ला सिर्फ इम्पोर्टेड गाड़ियां बेचने की योजना बना रही है, वो भी पूरी इम्पोर्ट ड्यूटी के साथ। टेस्ला के लिए एक बड़ी चुनौती है - देशभर में सुपरचार्जर नेटवर्क बनाना, जिसमें कंपनी ने फिलहाल कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
यह भी पढ़ें - Tesla India: मुंबई में टेस्ला इंडिया ने किराए पर लिया गोदाम, भारत में एंट्री की तैयारियां तेज
इस नीति से टेस्ला को कोई बड़ा फायदा नहीं मिलेगा। भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने साफ किया कि टेस्ला फिलहाल भारत में स्थानीय निर्माण शुरू नहीं कर रही है। टेस्ला सिर्फ इम्पोर्टेड गाड़ियां बेचने की योजना बना रही है, वो भी पूरी इम्पोर्ट ड्यूटी के साथ। टेस्ला के लिए एक बड़ी चुनौती है - देशभर में सुपरचार्जर नेटवर्क बनाना, जिसमें कंपनी ने फिलहाल कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
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2025 BYD Seal
- फोटो : Amar Sharma
बीवाईडी भी बाहर, घरेलू कंपनियों को राहत
नीति में सख्त नियमों की वजह से चीन की BYD (बीवाईडी) जैसी कंपनियों को भी एंट्री नहीं मिल पाई है। इससे भारतीय ईवी कंपनियों पर प्रतिस्पर्धा का सीधा दबाव कम होगा। हालांकि यह विदेशी कंपोनेंट और सप्लाई चेन एक्सपर्ट्स के देश में आने की संभावना को भी कम कर सकता है, जिससे ईवी सेक्टर की ग्रोथ थोड़ी धीमी हो सकती है।
यह भी पढ़ें - Tata Harrier EV: टाटा हैरियर ईवी हुई लॉन्च, अब मिलेगी AWD की ताकत, जानें कीमत और फीचर्स
नीति में सख्त नियमों की वजह से चीन की BYD (बीवाईडी) जैसी कंपनियों को भी एंट्री नहीं मिल पाई है। इससे भारतीय ईवी कंपनियों पर प्रतिस्पर्धा का सीधा दबाव कम होगा। हालांकि यह विदेशी कंपोनेंट और सप्लाई चेन एक्सपर्ट्स के देश में आने की संभावना को भी कम कर सकता है, जिससे ईवी सेक्टर की ग्रोथ थोड़ी धीमी हो सकती है।
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