{"_id":"641aa914888cfd153e032c78","slug":"chaitra-navratri-2023-chaitra-navratri-starts-from-today-crowds-gathered-in-temples-2023-03-22","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Chaitra Navratri 2023 : आज से चैत्र नवरात्रि शुरू, मंदिरों में उमड़ी भीड़; जानिए, इस बार क्या खास संयोग बन रहा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chaitra Navratri 2023 : आज से चैत्र नवरात्रि शुरू, मंदिरों में उमड़ी भीड़; जानिए, इस बार क्या खास संयोग बन रहा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आदित्य आनंद
Updated Wed, 22 Mar 2023 12:37 PM IST
विज्ञापन
सार
Bihar: आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। शक्ति आराधना का यह पर्व 31 मार्च तक चलेगा। 30 मार्च को श्रीरामनवमी मनाई जाएगी।

चैत्र नवरात्रि।
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। शक्ति आराधना का यह पर्व 31 मार्च तक चलेगा। 30 मार्च को श्रीरामनवमी मनाई जाएगी। पटना, भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, समेत कई इलाकों में नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना होती है। पटना सिटी स्थित बड़ी एवं छोटी पटनदेवी और महावीर मंदिर में सुबह से माता की पूजा के लिए श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ी है। नवरात्रि के दौरान मां के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं लंबी कतार में लगी रहती है।
विज्ञापन
Trending Videos
मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस बार की चैत्र नवरात्रि को बेहद ही खास माना जा रहा है, क्योंकि ये पूरे 9 दिन की होगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 10 बजकर 53 मिनट पर लग चुकी है। इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ हुई।
विज्ञापन
विज्ञापन

इस मंदिर में 1964 से चैत्र नवरात्रि मनायी जा रही।
- फोटो : अमर उजाला
सुपौल में वैदिक पद्धित से मां की पूजा
सुपौल नगर परिसद स्थित चकला निर्मली वार्ड 7 में चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना के साथ शुरू हो गई। चैती दुर्गा पूजा समिति चकला निर्मली सुपौल द्वारा इस बार बड़ी भव्यता के साथ पूरे आयोजन को करने की तैयारी है। पूजा समिति के सचिव जयंत मिश्रा ने बताया कि 1964 ई से इस ऐतिहासिक स्थल पर मूर्ति स्थापित कर भव्य रूप से पूजा अर्चना की जाती है। पूजा समिति के सचिव ने बताया कि आचार्य नूतन झा एवं बनारस से आए हुए विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक पद्धति से पूजा हो रही है। संकल्प के साथ ही पूरे 9 दिन 24 घंटा दुर्गा सप्तशती का पाठ मंदिर प्रांगण में आरंभ हो चुका है। मंदिर प्रांगण को इस बार भगवा रंग से रंग रोगन किया गया है। पंडाल में भी भगवा रंग ही दिया गया है। संध्या आरती आज से प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से होगी। इसमें बनारस से आए से आए हुए विद्वान पंडितों द्वारा भव्य आरती की जाएगी। इस बार 3 दिन यानी सप्तमी, अष्टमी एवं नवमीं तिथि को काशी विश्वनाथ के पंडितों द्वारा भव्य महाआरती की जाएगी। पूजा समिति द्वारा इस बार मेला मैदान में झूला मीना बाजार एवं कई तरह के स्टॉल लगाए जाएंगे। सुरक्षा के मद्देनजर आयोजन स्थल को CCTV कैमरा से लैश कर दिया गया है।
सुपौल नगर परिसद स्थित चकला निर्मली वार्ड 7 में चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना के साथ शुरू हो गई। चैती दुर्गा पूजा समिति चकला निर्मली सुपौल द्वारा इस बार बड़ी भव्यता के साथ पूरे आयोजन को करने की तैयारी है। पूजा समिति के सचिव जयंत मिश्रा ने बताया कि 1964 ई से इस ऐतिहासिक स्थल पर मूर्ति स्थापित कर भव्य रूप से पूजा अर्चना की जाती है। पूजा समिति के सचिव ने बताया कि आचार्य नूतन झा एवं बनारस से आए हुए विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक पद्धति से पूजा हो रही है। संकल्प के साथ ही पूरे 9 दिन 24 घंटा दुर्गा सप्तशती का पाठ मंदिर प्रांगण में आरंभ हो चुका है। मंदिर प्रांगण को इस बार भगवा रंग से रंग रोगन किया गया है। पंडाल में भी भगवा रंग ही दिया गया है। संध्या आरती आज से प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से होगी। इसमें बनारस से आए से आए हुए विद्वान पंडितों द्वारा भव्य आरती की जाएगी। इस बार 3 दिन यानी सप्तमी, अष्टमी एवं नवमीं तिथि को काशी विश्वनाथ के पंडितों द्वारा भव्य महाआरती की जाएगी। पूजा समिति द्वारा इस बार मेला मैदान में झूला मीना बाजार एवं कई तरह के स्टॉल लगाए जाएंगे। सुरक्षा के मद्देनजर आयोजन स्थल को CCTV कैमरा से लैश कर दिया गया है।

चैत्र नवरात्रि।
- फोटो : अमर उजाला
इस बन रहा महासंयोग
इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि कारक कहा जाता है। पंडितों की मानें तो इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को लगेगा। अमृत सिद्धि योग 27 व 30 मार्च को और रवि योग 24, 26 व 29 मार्च को लगेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन श्री रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है। चैत्र प्रतिपदा से ही नवसंवत्सर का प्रारंभ होता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी, इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस वर्ष के राजा बुध और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। इस कारण शिक्षा क्षेत्र में कई अवसर मिलेंगे और महिलाओं का भी विशेष उत्थान इस वर्ष दिखाई पड़ेगा।