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Bihar News: कीट और वायरस से लड़ाई आसान, समस्तीपुर के किसानों को ड्रोन सुविधा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,समस्तीपुर
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Sun, 14 Dec 2025 04:45 PM IST
सार
समस्तीपुर जिले में किसानों की फसलों को कीट-व्याधियों और वायरस से बचाने के लिए कृषि विभाग ने ड्रोन छिड़काव योजना शुरू की है। इस योजना के तहत दो हजार एकड़ में ड्रोन से कीटनाशक और तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाएगा।
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समस्तीपुर कृषि विभाग का बड़ा कदम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
समस्तीपुर जिले के किसानों के लिए यह खबर किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है। गेहूं, मक्का, आलू, दलहन, तिलहन और अन्य फसलों पर कीट-व्याधियों और वायरस के बढ़ते हमलों से किसान लगातार नुकसान झेल रहे हैं। पारंपरिक तरीके से हाथ पंप या स्प्रे मशीन के जरिए दवा का छिड़काव न केवल समय लेने वाला होता है, बल्कि इसमें अधिक मेहनत और खर्च भी आता है। कई बार खेतों में पानी भरा रहने या फसल की ऊंचाई अधिक होने के कारण सही तरीके से छिड़काव नहीं हो पाता, जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद होने की आशंका बनी रहती है।
इन समस्याओं को देखते हुए कृषि विभाग ने आधुनिक तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया है। अब ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक और तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाएगा, जो किसानों के लिए फसल सुरक्षा कवच साबित होगा। कृषि विभाग द्वारा समस्तीपुर जिले को ड्रोन छिड़काव योजना के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत जिले में दो हजार एकड़ भूमि पर ड्रोन से दवा छिड़काव करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को प्रति एकड़ छिड़काव कराने पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए दवा छिड़काव करने वाली सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है।
कृषि विभाग के अनुसार सामान्य तरीके से प्रति एकड़ छिड़काव में दो से ढाई घंटे का समय लगता है, जबकि ड्रोन की मदद से यह काम मात्र छह से सात मिनट में पूरा हो जाएगा। एक एकड़ में ड्रोन से छिड़काव करने पर कुल खर्च 480 रुपये निर्धारित किया गया है। किसानों को इस योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया आने वाले दिनों में शुरू होगी। फिलहाल विभागीय स्तर पर इसकी तैयारियां चल रही हैं। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ रैयत किसानों के साथ-साथ गैर-रैयत किसानों को भी मिलेगा। रैयत किसानों को आवेदन के साथ अपनी भूमि का रसीद लगाना अनिवार्य होगा, जबकि गैर-रैयत किसानों को स्व-घोषणा पत्र के साथ पड़ोस के दो किसानों के गवाह के हस्ताक्षर वाला आवेदन जमा करना होगा।
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योजना के तहत एक एकड़ में ड्रोन से छिड़काव पर 480 रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से केवल 240 रुपये ही किसानों को देना होगा, जबकि शेष राशि अनुदान के रूप में सरकार वहन करेगी। ड्रोन छिड़काव का लाभ एक किसान अधिकतम 15 एकड़ तक ही ले सकता है। छिड़काव के लिए आवश्यक दवा किसान को स्वयं उपलब्ध करानी होगी और कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित कीटनाशकों का ही प्रयोग करना अनिवार्य होगा। यह योजना तिलहन, दलहन, आलू, मक्का, गेहूं सहित अन्य फसलों पर कीट प्रबंधन के लिए लागू होगी। हालांकि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर निबंधित हैं।
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इन समस्याओं को देखते हुए कृषि विभाग ने आधुनिक तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया है। अब ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक और तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाएगा, जो किसानों के लिए फसल सुरक्षा कवच साबित होगा। कृषि विभाग द्वारा समस्तीपुर जिले को ड्रोन छिड़काव योजना के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत जिले में दो हजार एकड़ भूमि पर ड्रोन से दवा छिड़काव करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को प्रति एकड़ छिड़काव कराने पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए दवा छिड़काव करने वाली सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है।
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कृषि विभाग के अनुसार सामान्य तरीके से प्रति एकड़ छिड़काव में दो से ढाई घंटे का समय लगता है, जबकि ड्रोन की मदद से यह काम मात्र छह से सात मिनट में पूरा हो जाएगा। एक एकड़ में ड्रोन से छिड़काव करने पर कुल खर्च 480 रुपये निर्धारित किया गया है। किसानों को इस योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया आने वाले दिनों में शुरू होगी। फिलहाल विभागीय स्तर पर इसकी तैयारियां चल रही हैं। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ रैयत किसानों के साथ-साथ गैर-रैयत किसानों को भी मिलेगा। रैयत किसानों को आवेदन के साथ अपनी भूमि का रसीद लगाना अनिवार्य होगा, जबकि गैर-रैयत किसानों को स्व-घोषणा पत्र के साथ पड़ोस के दो किसानों के गवाह के हस्ताक्षर वाला आवेदन जमा करना होगा।
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योजना के तहत एक एकड़ में ड्रोन से छिड़काव पर 480 रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से केवल 240 रुपये ही किसानों को देना होगा, जबकि शेष राशि अनुदान के रूप में सरकार वहन करेगी। ड्रोन छिड़काव का लाभ एक किसान अधिकतम 15 एकड़ तक ही ले सकता है। छिड़काव के लिए आवश्यक दवा किसान को स्वयं उपलब्ध करानी होगी और कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित कीटनाशकों का ही प्रयोग करना अनिवार्य होगा। यह योजना तिलहन, दलहन, आलू, मक्का, गेहूं सहित अन्य फसलों पर कीट प्रबंधन के लिए लागू होगी। हालांकि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर निबंधित हैं।