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Bihar: दरवाजे पर शराब रोकना पड़ा भारी! माफिया का कहर; 51 दिन से बेघर एक परिवार की दहशतभरी कहानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,औरंगाबाद
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Fri, 12 Dec 2025 03:41 PM IST
सार
बिहार के औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के ईंटवा गांव में शराबबंदी के बावजूद शराब बेचने के खिलाफ आवाज उठाना एक परिवार को भारी पड़ गया।
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दरवाजे पर शराब बेचने से मना करने पर धंधेबाज का कहर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब बिक्री का गोरखधंधा जारी है और इसे रोकने या टोकने की अघोषित मनाही भी। इसका विरोध करने का अंजाम कभी-कभी इतना भयावह होता है कि मासूम परिवारों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसा ही दर्दनाक मामला औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के ईंटवा गांव से सामने आया है, जहां परिवार के लोगों का सिर्फ इतना कसूर था कि उन्होंने अपने ही घर के दरवाजे पर बैठकर शराब बेच रहे धंधेबाज को रोक दिया। इसके बाद जो हुआ, उसने पूरे परिवार को 51 दिनों से घर छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया।
परिजनों के मुताबिक, घर के दरवाजे पर शराब बेचने से मना किया गया तो शराब माफिया ने ऐसा तांडव किया कि पूरा परिवार छह बच्चों के साथ घर छोड़कर कहीं और छिपने को मजबूर है। पीड़ितों ने स्थानीय थाना से लेकर औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक (SP) तक गुहार लगाई, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। मजबूरन परिवार अब भी घर से दूर रह रहा है।
SP से मिलने पहुंची पीड़िता ने सुनाई पूरी दास्तान
इंसाफ की गुहार लगाने अपने पति और दो बच्चों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची पीड़िता खुशबू निशा ने बताया कि उनके गांव ईंटवा के दो शराब बेचने वाले (नाम बताने से इंकार करते हुए) 21 अक्टूबर को उनके घर के दरवाजे पर शराब बेच रहे थे। जब उन्हें रोका गया तो उसी रात दोनों धंधेबाज चार–पांच लोगों के साथ छत के सहारे घर के अंदर घुस आए और पूरे परिवार के साथ मारपीट की। इतना ही नहीं, उन्होंने घर में आग लगा देने की धमकी भी दी। खुशबू निशा का कहना है कि घटना की शिकायत जब हसपुरा थानाध्यक्ष से की गई तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर वह SP से न्याय मांगने आई हैं।
ये भी पढ़ें- Bihar News: पटना में 25 जगह बनेंगे वेंडिंग जोन, मंत्री नितिन नवीन बोले- राजधानी को स्मार्ट बनना प्राथमिकता
'न्याय नहीं मिला तो पूरे परिवार के साथ जान दे दूंगा'
खुशबू के पति सलाम आलम ने बताया कि शराब माफिया के डर से वह छह बच्चों के साथ घर छोड़कर कहीं और रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी तीसरी कोशिश है SP से मिलने की, लेकिन हर बार उन्हें आवेदन शिकायत पेटी में डालकर लौटना पड़ जाता है। यह तक पता नहीं चलता कि उनका आवेदन आखिर जाता कहां है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह पूरे परिवार के साथ “कुछ खाकर सो जाने” जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे।
इस संबंध में हसपुरा थानाध्यक्ष दिनेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं थी। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से अब मामला संज्ञान में आया है और जांच कर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
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परिजनों के मुताबिक, घर के दरवाजे पर शराब बेचने से मना किया गया तो शराब माफिया ने ऐसा तांडव किया कि पूरा परिवार छह बच्चों के साथ घर छोड़कर कहीं और छिपने को मजबूर है। पीड़ितों ने स्थानीय थाना से लेकर औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक (SP) तक गुहार लगाई, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। मजबूरन परिवार अब भी घर से दूर रह रहा है।
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SP से मिलने पहुंची पीड़िता ने सुनाई पूरी दास्तान
इंसाफ की गुहार लगाने अपने पति और दो बच्चों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची पीड़िता खुशबू निशा ने बताया कि उनके गांव ईंटवा के दो शराब बेचने वाले (नाम बताने से इंकार करते हुए) 21 अक्टूबर को उनके घर के दरवाजे पर शराब बेच रहे थे। जब उन्हें रोका गया तो उसी रात दोनों धंधेबाज चार–पांच लोगों के साथ छत के सहारे घर के अंदर घुस आए और पूरे परिवार के साथ मारपीट की। इतना ही नहीं, उन्होंने घर में आग लगा देने की धमकी भी दी। खुशबू निशा का कहना है कि घटना की शिकायत जब हसपुरा थानाध्यक्ष से की गई तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर वह SP से न्याय मांगने आई हैं।
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'न्याय नहीं मिला तो पूरे परिवार के साथ जान दे दूंगा'
खुशबू के पति सलाम आलम ने बताया कि शराब माफिया के डर से वह छह बच्चों के साथ घर छोड़कर कहीं और रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी तीसरी कोशिश है SP से मिलने की, लेकिन हर बार उन्हें आवेदन शिकायत पेटी में डालकर लौटना पड़ जाता है। यह तक पता नहीं चलता कि उनका आवेदन आखिर जाता कहां है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह पूरे परिवार के साथ “कुछ खाकर सो जाने” जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे।
इस संबंध में हसपुरा थानाध्यक्ष दिनेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं थी। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से अब मामला संज्ञान में आया है और जांच कर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।