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बिहार: गया के ग्रामीणों का आरोप- बाालू माफियाओं ने महिलाओं के हाथ-पैर बांध कर की पिटाई, प्रशासन ने भी भांजीं लाठियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गया
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 17 Feb 2022 02:31 PM IST
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सार
बिहार के गया में प्रशासन और ग्रामीणों के बीच बालू उत्खनन को लेकर हिंसक झड़प की जानकारी सामने आ रही है। इस घटना में जहां पुलिस के 10 जवान घायल हो गए हैं वहीं महिलाओं की पिटाई की बात भी सामने आ रही है।

बिहार के गया में बालू उत्खनन का विरोध
- फोटो : ANI

विस्तार
बिहार के गया में बालू माफिया की दबंगई की जानकारी सामने आ रही है। गया के आढ़तपुर गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन और बालू उत्खनन करने आए लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मनोहर नदी के पास कुछ बालू माफिया पहुंचे और रेत उत्खनन के लिए सीमांकन करने लगे। जब हमने अपनी बात रखने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस की शह पर हमें पीटना शुरू कर दिया। आंसू गैस के गोले दागे गए। प्रशासन व बालू माफिया पुंज शर्मा का गिरोह शामिल है। इसके अलावा महिलाओं ने हाथ-पैर बांधकर पिटाई करने के आरोप लगाए हैं।
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पुलिस ने बताई कुछ और कहानी
गया के सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि 15 फरवरी को, ग्रामीणों के द्वारा रेत इकट्ठा करने के लिए आवंटित किए गए निविदाकारों को बाधित किया गया था। शिकायत के बाद डीएम ने सीमांकन करने के आदेश दिए लेकिन असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को भड़काया फिर प्रशासन पर पथराव किया जिसमें पुलिस के 9 जवान घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने बल प्रयोग किया। 10 असामाजिक तत्व गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बाकी की पहचान की जा रही है। पुलिस पर हमला होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी को सीमांकन पर आपत्ति है तो वह पुलिस पर हमला करने के बजाय उचित प्रक्रिया का पालन करें।
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आरजेडी विधायक ने की निंदा
घटना के बाद मौके पर पहुंचे राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को तालिबानी करतूत बताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से तालिबानी हाथ पैर बांधकर गोली मार देते हैं उसी तरह से महिला और बूढ़े-बुजुर्ग के साथ व्यवहार किया जा रहा है।