Bihar Flood: मुंगेर में गंगा उफान पर, तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा; ग्रामीणों में बढ़ी चिंता
Bihar: ग्रामीणों का कहना है कि इस बार उनके मकान कटने और गंगा में समाने का खतरा अधिक है। प्रशासन द्वारा अब तक किए गए बचाव प्रयास पर्याप्त नहीं रहे हैं, जिसके कारण ग्रामीणों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।

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मुंगेर जिले के जमालपुर में गंगा नदी एक बार फिर उफान पर है। तटवर्ती इलाकों में हालात बाढ़ जैसे बन गए हैं। कई स्कूलों में पानी भर जाने से शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

गुरुवार दोपहर गंगा का जलस्तर 39.18 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से केवल 15 सेंटीमीटर कम है। इन्द्ररूख पश्चिमी पंचायत अंतर्गत हेरू दियारा के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो महीने से वे बाढ़ का सामना कर रहे हैं। अगस्त से सितंबर तक यह चौथी बार है जब गंगा का जलस्तर बढ़ा है। स्थिति ऐसी ही रही तो अगले 24 घंटे में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।
जलस्तर में वृद्धि के कारण कटाव का खतरा भी बढ़ गया है। डकरा के पास पंप नहर परियोजना के हौज बाढ़ में बह जाने से कटाव की स्थिति गंभीर हो गई थी। इससे आसपास लगभग तीस घरों को नुकसान का खतरा था। हालांकि जलस्तर में थोड़ी गिरावट आने पर ग्रामीणों ने कुछ राहत की सांस ली थी, लेकिन हाल ही में जलस्तर में फिर वृद्धि ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
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ग्रामीणों का कहना है कि इस बार उनके मकान कटने और गंगा में समाने का खतरा अधिक है। प्रशासन द्वारा अब तक किए गए बचाव प्रयास पर्याप्त नहीं रहे हैं, जिसके कारण ग्रामीणों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।
प्रखंड की पांच पंचायतों सिंघिया, परहम, इन्द्ररूख पश्चिमी, इटहरी और कला रामपुर के लगभग 40 गांवों में हर साल करीब 22 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित होते हैं। गुरुवार को हेरू दियारा और फरदा के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी टापू जैसे हालात पैदा कर दिया। ग्रामीण विषैले जीव-जंतु और अन्य हिंसक जानवरों के डर से काफी सावधानी बरत रहे हैं। कुछ जगहों पर लोग देर रात तक अपने गांव की रखवाली करते भी देखे गए।