सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Bihar ›   Patna News ›   bihar legislative assembly election commission bihar election date bihar news eci.gov.in bihar

Bihar Election Schedule : 6, 5, 3 के बाद अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कितने चरणों में? दो या एक फेज़ की मांग

सार

Bihar Election Date : कांग्रेस चुनाव आयोग पर हमलावर है। राजद आयोग को आरोपों से मुक्त होने के लिए सलाह दे रहा है। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त से जदयू ने एक चरण में चुनाव कराने की मांग की है। क्या रहा है ट्रेंड और कितनी वाजिब है यह मांग?

विज्ञापन
bihar legislative assembly election commission bihar election date bihar news eci.gov.in bihar
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार फिलहाल बिहार दौरे पर हैं। - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बिहार विधानसभा की मुख्य विपक्षी पार्टी- राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार का चुनाव दो चरणों में कराने की मांग की। सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड दो कदम आगे रहा। मुख्य चुनाव आयुक्त जब बिहार में राजनीतिक दलों से राय-मशविरा करने आए तो जदयू ने एक चरण में ही बिहार विधानसभा चुनाव कराने की सलाह दे दी। भारतीय जनता पार्टी ने भी जदयू की सलाह को सही माना है। यानी, बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने वाले राजनीतिक दल कम चरणों में चुनाव चाहते हैं। ऐसे में यह जानना रोचक है कि 2010 का चुनाव छह, 2015 का पांच और 2020 का तीन चरणों में हुआ था। कम चरण में मतदान का फायदा-नुकसान भी समझने वाली बात है।

Trending Videos


बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर होना है मतदान
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त बिहार में हैं। दिल्ली लौटने के बाद वह दो-तीन दिनों में मतदान की तारीखें घोषित कर सकते हैं। मतलब, अधिसूचना जारी कर सकते हैं। मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण और दुर्गा पूजा के कारण अधिसूचना जारी होने में पहले ही देर हो चुकी है। अब मुख्य चुनाव आयुक्त के बिहार दौरे के बाद अधिसूचना जारी होना तय है। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए अमूमन सितंबर अंत तक अधिसूचना जारी होती रही है। 2010 में 27 सितंबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी हुई थी और अंतिम छठे चरण का मतदान 20 नवंबर को हुआ था। 2015 में तो 16 सितंबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी कर पांचवें और अंतिम चरण का मतदान 5 नवंबर को करा लिया गया था। 2020 में पहले चरण की अधिसूचना 1 अक्टूबर को जारी हुई थी और तीसरे-अंतिम चरण का मतदान 7 नवंबर को हो गया था।
विज्ञापन
विज्ञापन


24 दिन हैं, इसमें दो चरण के मतदान की संभावना ज्यादा
इस बार अब दो-तीन दिनों में चुनाव की तारीखें घोषित हो सकती हैं। 27-28 अक्टूबर तक बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ की धूम रहेगी। उसके बाद से 22 नवंबर के बीच लगभग 24 दिनों के अंदर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराने का समय रहेगा। ऐसे में विपक्षी मांग को देखते हुए चुनाव आयोग दो चरणों में भी चुनाव करा सकता है। एक चरण में चुनाव की सलाह भले ही सत्ताधारी दलों ने की है, लेकिन अपने संसाधनों के साथ छोटे राजनीतिक दलों के हितों को देखते हुए चुनाव आयोग शायद ही ले।

"संसाधनों की कमी और सुरक्षा कारणों से ज्यादा चरण"
जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के अध्यक्ष रहे वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत कहते हैं कि चुनाव कम चरणों में हो तो बेहतर होता है, हालांकि इसमें कुछ बड़े नेताओं को अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच चुनावी दौरे में दिक्कत आती है। वह बताते हैं- "बहुत पहले तो एक ही चरण में चुनाव होता था। 1990 के दशक में चुनावी सुरक्षा को देखते हुए अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति और आवाजाही में परेशानी को देखते हुए कई चरणों में चुनाव कराने की परंपरा बन गई। एक परेशानी यह भी रहती थी कि एक साथ देश के कई हिस्सों में चुनाव हो रहा होता था। इस बार ऐसी स्थिति नहीं है तो बेहतर कम-से-कम चरण में चुनाव कराना ही होगा।"

"कम चरण से छोटे दलों को नुकसान, आम आदमी को राहत"
देश में बिहार पहला राज्य है, जहां राज्य निर्वाचन आयोग मोबाइल एप से ई-वोटिंग तक का सफल प्रयोग कर चुका है। भारत निर्वाचन आयोग इस चुनाव में ई-वोटिंग जैसा कुछ करता नहीं दिख रहा है, लेकिन संसाधनों के लिहाज से देखा जाए तो चुनाव आयोग अब संसाधन-संपन्न है। विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। चुनावों के लिए मतदानकर्मियों का प्रशिक्षण भी अब पहले जितना जटिल नहीं। इस काम में लगने वाले मोबाइल से संपर्क में रहते हैं। इन परिस्थितियों के आधार पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं- "अर्द्धसैनिक बलों और चुनावी कार्याें के लिए वाहनों की उपलब्धता का संकट नहीं है। सड़कें अब शायद ही कहीं दुर्गम हैं। इसलिए चुनाव के चरणों को कम करना आयोग के लिए बहुत बड़ा विषय नहीं होगा। हां, कम चरण में चुनाव होने से बड़े और साधन-संपन्न राजनीतिक दलों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। आम आदमी को भी राहत मिलेगी। हां, पैसे के मामले में वास्तविक रूप से कमजोर राजनीतिक दल परेशान होंगे क्योंकि वह हर तरफ दौड़भाग नहीं करा सकेंगे।"

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed