{"_id":"692959d66ab0ece271046907","slug":"emphasis-on-sports-infrastructure-and-talent-development-minister-shreyasi-singh-did-a-detailed-review-2025-11-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bihar News: खेल अवसंरचना और प्रतिभा विकास पर जोर, मंत्री श्रेयसी सिंह ने की विस्तृत समीक्षा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bihar News: खेल अवसंरचना और प्रतिभा विकास पर जोर, मंत्री श्रेयसी सिंह ने की विस्तृत समीक्षा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Fri, 28 Nov 2025 01:44 PM IST
सार
बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने विकास भवन में खेल विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में खेल विभाग, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, बिहार खेल विश्वविद्यालय और बिहार खेल अकादमी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
विज्ञापन
मंत्री श्रेयसी सिंह
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने आज विकास भवन स्थित अपने कक्ष में खेल विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, बिहार खेल विश्वविद्यालय और बिहार खेल अकादमी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, खेल विभाग ने विभाग की विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुल 668 करोड़ रुपये के बजट में से 498 करोड़ रुपये का व्यय भवन निर्माण, खेल अवसंरचना विकास, अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन, एकलव्य केंद्र, ओपन जिम, मल्टी जिम और जिला तथा पंचायत स्तर के खेल मैदानों के निर्माण पर किया गया है।
एकलव्य केंद्रों की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया गया कि इन केंद्रों में बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ विद्यालयीय शिक्षा के दौरान खेल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रत्येक जिले में उस जिले में लोकप्रिय खेलों के आधार पर एकलव्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। कुल 64 केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 54 केंद्र विभिन्न खेल विधाओं में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। श्रेयसी सिंह ने इन केंद्रों के संचालन और व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की।
मंत्री ने राज्य के पदक विजेता खिलाड़ियों की बिहार सरकार की सेवाओं में नियुक्ति की स्थिति की जानकारी ली और कहा कि इससे राज्य के खेल पारिस्थितिकी तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। खेल छात्रवृत्ति योजना के विषय में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यह योजना खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और इसे तीन स्तरों में प्रदान किया जा रहा है।
बैठक में ‘मशाल’ प्रतियोगिता की समीक्षा भी की गई, जिसके तहत पिछले डेढ़ वर्ष में बिहार के सभी जिलों और प्रखंडों में लगभग 16 लाख विद्यार्थियों का बैटरी टेस्ट किया गया है। पंचायत स्तर पर मनरेगा के माध्यम से खेल मैदानों के निर्माण की समीक्षा की गई। कुल 5425 मैदान सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें से 4662 मैदान पूर्ण हो चुके हैं और 763 मैदान निर्माणाधीन हैं।
ये भी पढ़ें- Bihar : 'पापा-माई को कष्ट नहीं होना चाहिए', चिट्ठी लिखी फिर जान दी; दो नंबर से UPSC एग्जाम में पिछड़ा था अंकित
श्रेयसी सिंह ने खेल क्लब चुनावों की स्थिति की जानकारी भी ली। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि खेल क्लबों के लिए 21,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगर पंचायत में अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष का चयन किया जा चुका है। प्रखंड स्तरीय आउटडोर स्टेडियम परियोजना के तहत 257 स्टेडियम पूर्ण हो चुके हैं जबकि 77 नए स्टेडियम स्वीकृत किए गए हैं। मंत्री ने इन स्टेडियमों के रखरखाव की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों द्वारा सुनिश्चित करने पर बल दिया और कहा कि खेल क्लबों के माध्यम से इन अवसंरचनाओं का सक्रिय उपयोग प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने जिला और प्रमंडल मुख्यालय स्तर पर निर्मित खेल अवसंरचना की नियमित देखरेख पर जोर दिया और निर्देश दिया कि विभिन्न जिलों में उपलब्ध खेल प्रतिभा के अनुसार खेल केंद्रों का विकास किया जाए, ताकि युवाओं को उनकी खेल विधा के अनुसार उपयुक्त सुविधाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित खेल विभाग से जुड़ी 14 परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। सभी परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनमें से 8 तीव्र गति से आगे बढ़ रही हैं और निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएंगी।
बैठक में बिहार खेल विश्वविद्यालय की प्रवेश स्थिति और प्रशिक्षण विधाओं की भी समीक्षा की गई। श्रेयसी सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति और नामांकित छात्रों से मुलाकात कर सुविधाओं और पाठ्यक्रम की जानकारी ली। इसके अतिरिक्त मोइनुल हक स्टेडियम, बी.पी. सिन्हा राज्य शारीरिक शिक्षा संस्थान, राजगीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। अंत में मंत्री ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्रों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बिहार के सभी जिलों में खेल प्रतिभाओं का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत करें, ताकि राज्य में खेल विकास की रणनीति और अधिक प्रभावी बनाई जा सके।
Trending Videos
बैठक में अपर मुख्य सचिव, खेल विभाग ने विभाग की विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुल 668 करोड़ रुपये के बजट में से 498 करोड़ रुपये का व्यय भवन निर्माण, खेल अवसंरचना विकास, अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन, एकलव्य केंद्र, ओपन जिम, मल्टी जिम और जिला तथा पंचायत स्तर के खेल मैदानों के निर्माण पर किया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
एकलव्य केंद्रों की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया गया कि इन केंद्रों में बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ विद्यालयीय शिक्षा के दौरान खेल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रत्येक जिले में उस जिले में लोकप्रिय खेलों के आधार पर एकलव्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। कुल 64 केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 54 केंद्र विभिन्न खेल विधाओं में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। श्रेयसी सिंह ने इन केंद्रों के संचालन और व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की।
मंत्री ने राज्य के पदक विजेता खिलाड़ियों की बिहार सरकार की सेवाओं में नियुक्ति की स्थिति की जानकारी ली और कहा कि इससे राज्य के खेल पारिस्थितिकी तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। खेल छात्रवृत्ति योजना के विषय में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यह योजना खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और इसे तीन स्तरों में प्रदान किया जा रहा है।
बैठक में ‘मशाल’ प्रतियोगिता की समीक्षा भी की गई, जिसके तहत पिछले डेढ़ वर्ष में बिहार के सभी जिलों और प्रखंडों में लगभग 16 लाख विद्यार्थियों का बैटरी टेस्ट किया गया है। पंचायत स्तर पर मनरेगा के माध्यम से खेल मैदानों के निर्माण की समीक्षा की गई। कुल 5425 मैदान सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें से 4662 मैदान पूर्ण हो चुके हैं और 763 मैदान निर्माणाधीन हैं।
ये भी पढ़ें- Bihar : 'पापा-माई को कष्ट नहीं होना चाहिए', चिट्ठी लिखी फिर जान दी; दो नंबर से UPSC एग्जाम में पिछड़ा था अंकित
श्रेयसी सिंह ने खेल क्लब चुनावों की स्थिति की जानकारी भी ली। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि खेल क्लबों के लिए 21,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगर पंचायत में अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष का चयन किया जा चुका है। प्रखंड स्तरीय आउटडोर स्टेडियम परियोजना के तहत 257 स्टेडियम पूर्ण हो चुके हैं जबकि 77 नए स्टेडियम स्वीकृत किए गए हैं। मंत्री ने इन स्टेडियमों के रखरखाव की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों द्वारा सुनिश्चित करने पर बल दिया और कहा कि खेल क्लबों के माध्यम से इन अवसंरचनाओं का सक्रिय उपयोग प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने जिला और प्रमंडल मुख्यालय स्तर पर निर्मित खेल अवसंरचना की नियमित देखरेख पर जोर दिया और निर्देश दिया कि विभिन्न जिलों में उपलब्ध खेल प्रतिभा के अनुसार खेल केंद्रों का विकास किया जाए, ताकि युवाओं को उनकी खेल विधा के अनुसार उपयुक्त सुविधाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित खेल विभाग से जुड़ी 14 परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। सभी परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनमें से 8 तीव्र गति से आगे बढ़ रही हैं और निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएंगी।
बैठक में बिहार खेल विश्वविद्यालय की प्रवेश स्थिति और प्रशिक्षण विधाओं की भी समीक्षा की गई। श्रेयसी सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति और नामांकित छात्रों से मुलाकात कर सुविधाओं और पाठ्यक्रम की जानकारी ली। इसके अतिरिक्त मोइनुल हक स्टेडियम, बी.पी. सिन्हा राज्य शारीरिक शिक्षा संस्थान, राजगीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। अंत में मंत्री ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्रों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बिहार के सभी जिलों में खेल प्रतिभाओं का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत करें, ताकि राज्य में खेल विकास की रणनीति और अधिक प्रभावी बनाई जा सके।