Mukesh Sahani Seats: अब राहुल गांधी बात कर रहे; बिहार चुनाव में मुकेश सहनी की PC प्रेशर पॉलिटिक्स सफल?
Bihar Election 2025 : मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने दोपहर एक बजे प्रेस कांफ्रेंस की सूचना दी, फिर उसे कुछ ही समय बाद बदल कर चार बजे किया गया। फिर 6 बजे कर दिया। अंत में बताया गया कि राहुल गांधी बात कर रहे हैं अब।

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अब लगता है कि आज किसी भी समय आखिरकार बिहार में महागठबंधन के दलों में सीट बंटवारा हो जाएगा। विकासशील इंसान पार्टी ने गुरुवार को इस बंटवारे के लिए नया प्रेशर पॉलिटिक्स खेला। दिन 1 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को बुलाया कि बात करें। जैसे ही यह सूचना आई कि राष्ट्रीय जनता दल से लेकर कांग्रेस तक परेशान हो गई। इसके बाद सहनी को कहा गया कि इसे टालना होगा। फिर 4 बजे का समय दिया गया। मीडियाकर्मी फिर आए तो कहा गया कि 6 बजे का समय कर दिया गया है। आखिरकार 5 बजे पार्टी के लोग आए और राहत के साथ कहा कि माफ कीजिएगा, अब यह संवाददाता सम्मेलन रद्द कर दिया गया है, क्योंकि राहुल गांधी के नेतृत्व में सीट बंटवारे पर बात हो रही है।

लोकसभा में तेजस्वी प्रभावी, विधानसभा में राहुल के फेर में फंसे
विकासशील इंसान पार्टी को लोकसभा चुनाव के समय इतनी परेशानी नहीं हुई थी, क्योंकि उस समय तेजस्वी यादव की खूब चल रही थी। बिहार विधानसभा चुनाव में सहनी के लिए कांग्रेस का ताकतवर दिखना मुसीबत बन गया है। दो चरणों में होने जा रहे मतदान के लिए पहले चरण का नामांकन शुक्रवार 17 अक्टूबर तक ही है और सहनी की पार्टी को कितनी सीटें महागठबंधन में मिल रहीं, यह साफ नहीं हो सका। तेजस्वी यादव तक नामांकन कर चुके। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी तैयारी कर चुके, लेकिन सहनी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए सहनी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस का प्रेशर पॉलिटिक्स खेला और अब लगता है कि दबाव का अंतिम दांव कामयाब रहा।
एनडीए वाला फॉर्मूला महागठबंधन में भी
मुकेश सहनी अपनी पार्टी को ताकतवर दिखाने में लगता है कि नाकाम रहे हैं। तभी तो, 2020 में जैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उनके चुनाव चिह्न पर भाजपा के प्रत्याशी उतरे थे; उसी तरह इस बार भी उनके साथ होता हुआ दिख रहा है। महागठबंधन के विभिन्न दलों के अंदर चल रही चर्चा की मानें तो राष्ट्रीय जनता दल मुकेश सहनी को अपने कोटे से 10 सीटें देने को तैयार है और चार सीटों पर राजद के नेता वीआईपी के टिकट पर उतरेंगे- यह बात भी है। यह बात कुछ हद तक जगह पर भी पहुंची, लेकिन मामला कांग्रेस में जाकर अटका है। कांग्रेस से कहा गया है कि वह सहनी को अपने कोटे से आठ सीटें दे। कांग्रेस अपनी सीटों के साथ सहनी को भी अटकाए हुए है।
पिछली बार 13 सीटों पर लड़ी थी सहनी की पार्टी
मुकेश सहनी की पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव के समय राजग में थी। तब सहनी ने 13 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे। खुद भी हार गए थे। कुल 9 प्रत्याशी की सीटों पर हार मिली थी। जो चार जीते थे, उनमें से एक का निधन हो गया और बाकी तीन भाजपाई थे। वह तीनों वापस भाजपा में लौट गए। सहनी को भाजपा ने विधान परिषद् में जगह देकर मंत्रिमंडल में भी रखा। फिर खटपट बढ़ी तो उनका विधान परिषद् का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया। इसके बाद लालू प्रसाद यादव से मिलकर सहनी राजद के साथ महागठबंधन में आ गए। लोकसभा चुनाव में वह तेजस्वी के साथ साया बनकर रहे। इसी फेर में एनडीए में वापसी की स्थिति होकर भी उसे नकारते रहे। अब चूंकि भाजपा और जदयू ने सारे प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं तो उस दरवाजे पर सीलबंद ताला लग चुका है।