Bihar Election Result: पूर्णिया में एनडीए की धमाकेदार जीत, भाजपा-जेडीयू उम्मीदवारों ने रचे कई रिकॉर्ड; जानें
Bihar Election Result: पूर्णिया सदर सीट पर भाजपा के विजय खेमका ने लगातार तीसरी बार जीत (हैट्रिक) दर्ज की। उन्होंने 1,27,614 वोट प्राप्त किए, जबकि महागठबंधन समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार जितेंद्र यादव को 95,392 वोट मिले।
विस्तार
बिहार की चुनावी बिसात पर इस बार पूर्णिया जिले ने कई रोचक अध्याय जोड़े हैं। जिले की सात विधानसभा सीटों के आए नतीजों में न केवल सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का परचम लहराया, बल्कि कई उम्मीदवारों ने जीत के नए रिकॉर्ड भी बनाए। एक ओर जहाँ भाजपा के दो दिग्गजों ने हैट्रिक और छक्का लगाकर इतिहास दोहराया, वहीं महागठबंधन का पूरा किला ध्वस्त हो गया। जिले की सबसे बड़ी जीत रुपौली में दर्ज हुई, जबकि अमौर में एआईएमआईएम अपनी बादशाहत बचाने में सफल रही। पूर्णिया की राजनीति में यह परिणाम महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह कोई भी बड़ी सीट बचाने में नाकाम रहा।
चुनावी नतीजों के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि मतदाताओं का भरोसा उन चेहरों पर टिका रहा, जो लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं। बनमनखी सीट से भाजपा के कद्दावर नेता कृष्ण कुमार ऋषि ने अपने करियर की छठी जीत दर्ज कर नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने 1,22,494 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी देवनारायण रजक को 77,198 वोट मिले। इस तरह ऋषि ने 45,296 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जो उनके राजनीतिक कद का संकेत है।
पूर्णिया सदर सीट पर भाजपा के विजय खेमका ने लगातार तीसरी बार जीत (हैट्रिक) दर्ज की। उन्होंने 1,27,614 वोट प्राप्त किए, जबकि महागठबंधन समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार जितेंद्र यादव को 95,392 वोट मिले। खेमका ने यादव को 33,222 वोटों से हराकर सदर सीट पर भाजपा का दबदबा कायम रखा।
रुपौली सीट पर एनडीए समर्थित जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल ने महागठबंधन की राजद उम्मीदवार बीमा भारती को 73,572 वोटों के विशाल अंतर से शिकस्त देकर जिले की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। मंडल को कुल 1,24,826 वोट मिले, जबकि बीमा भारती को 51,254 वोट हासिल हुए। यह भारी अंतर बताता है कि रुपौली के मतदाताओं ने एनडीए के पक्ष में प्रचंड जनादेश दिया।
पढ़ें: तेजस्वी जीते तो तेजप्रताप की हार, सम्राट-अनंत सिंह-मंगल पांडे जीते; मैथिली का चला जादू
धमदाहा सीट पर जेडीयू की वरिष्ठ नेता लेशी सिंह ने रिकॉर्ड 1,38,750 वोटों के साथ आरजेडी उम्मीदवार संतोष कुशवाहा (83,591 वोट) को 55,159 वोटों से हराया। यह जीत लेशी सिंह की लोकप्रियता और संगठनात्मक मजबूती को दर्शाती है।
पूरे जिले में महागठबंधन (राजद और कांग्रेस) का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और सीटों की दृष्टि से उसका पूरी तरह सफाया हो गया। अमौर सीट पर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने 1,00,836 वोट हासिल कर एनडीए समर्थित जेडीयू प्रत्याशी सबा जफर (61,908 वोट) को 38,928 वोटों से हराया। यह साबित करता है कि सीमांचल में उनका राजनीतिक आधार अभी भी मजबूत है।
गुलाम सरवर बुरी तरह हारे
बायसी सीट पर आरजेडी के गुलाम सरवर ने 92,766 वोट हासिल कर एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी विनोद यादव (65,515 वोट) को 27,251 वोटों से हराकर महागठबंधन का एकमात्र खाता खोला। कसबा सीट पर मुकाबला बेहद करीबी रहा, जिसमें लोजपा (रामविलास) उम्मीदवार नितेश कुमार सिंह ने 86,877 वोट हासिल कर कांग्रेस के इरफान आलम (74,002 वोट) को 12,875 वोटों से मात दी। कुल मिलाकर, पूर्णिया ने एनडीए के पक्ष में स्पष्ट और निर्णायक जनादेश दिया है, जहाँ अनुभवी नेताओं की रिकॉर्ड-तोड़ जीत ने चुनावी नतीजों को रोचक बना दिया है और महागठबंधन को आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया है।