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Bribe: व्यवसायी से एक करोड़ घूस मांगने के आरोप में DGFT पर केस, सीबीआई ने की कार्रवाई
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विवेक दास
Updated Thu, 06 Oct 2022 05:16 PM IST
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सार
Bribe: सीबीआई ने संयुक्त विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) संभाजी ए चव्हाण और डिप्टी DGFT प्रकाश एस कांबले और व्यवसायी रमेश मनोहर चव्हाण के दिल्ली, दमण, मुंबई और पुणे स्थित नौ ठिकानों पर छापेमारी की है।

सीबीआई की छापेमारी
- फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
सीबीआई ने 118 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में 2018 में एक व्यवसायी से कथित तौर पर 1 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप में विदेश व्यापार के संयुक्त महानिदेशक के अलावा दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
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सीबीआई ने 2008 बैच के भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारी संयुक्त विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संभाजी ए चव्हाण और 2013 बैच के उप डीजीएफटी प्रकाश एस कांबले और व्यवसायी रमेश मनोहर चव्हाण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तलाशी अभियान भी चलाया।
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अभियान दिल्ली, दमन, मुंबई और पुणे शहरों में नौ स्थानों पर चलाया गया। इस मामले में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद एजेंसी ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
इस तरह की गई धोखाधड़ी
सीबीआई के मुताबिक, पूंजीगत मशीनरी के आयात के लिए डीजीएफटी द्वारा राधा माधव कॉरपोरेशन लि. (आरएमसीएल) के नाम से आठ निर्यात संवर्धन क्रेडिट गारंटी (ईपीसीजी) लाइसेंस जारी किए थे। इसके बाद आरएमसीएल ने आयात माल पर बचाए शुल्क के मूल्य का आठ गुना निर्यात किया।
- सीबीआई का आरोप है कि आयात पर बचाई गई कुल शुल्क की राशि 16.81 करोड़ रुपये थी, जिसके खिलाफ कंपनी को 135 करोड़ रुपये के निर्यात दायित्वों को पूरा करने की जरूरत थी, लेकिन आरएमसीएल ने सिर्फ 17 करोड़ रुपये के सामान का निर्यात किया था, जो कि दायित्व से 118 करोड़ रुपये कम था।
- पहले तो कंपनी ने दायित्व की अनदेखी की, लेकिन जब 2017 में मामला उजागर हुआ, तो संभाजी चव्हाण और कांबले ने कथित तौर पर रमेश चव्हाण और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट से नकद रिश्वत की मांग की।