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दिल्ली-एनसीआर: जनवरी से जून के बीच घरों की बिक्री में 100 फीसदी से ज्यादा का इजाफा
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 15 Jul 2021 10:52 PM IST
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नाइटफ्रैंक इंडिया ने एक वेबिनार में आठ शहरों (मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद) के लिए अपनी रिपोर्ट 'इंडिया रियल एस्टेट- रेजिडेंशियल, जनवरी-जून 2021' जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 2021 कैलेंडर वर्ष (एच1 2021) की पहली छमाही में नई आवास इकाइयों की पेशकश भी 2020 की 1422 इकाइयों से 107 फीसदी बढ़ कर 2943 इकाई हो गई।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक (उत्तर) मुदस्सीर जैदी ने कहा, 'दिल्ली एनसीआर के घरों के बाजार को महामारी की पहली लहर के दुष्परिणामों का प्रभाव झेलना पड़ा था क्योंकि सब जगह अनिश्चितता छायी हुई थी।' रिपोर्ट के अनुसार डेवलपर्स द्वारा कम ब्याज दरों के साथ भुगतान विकल्पों में लचीलापन, और घरों की स्थिर कीमतों जैसी प्रोत्साहन योजनाओं ने लोगों की घर खरीदने की भावना को प्रेरित किया।
नाइटफ्रैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार एनसीआर में विशेष रूप से साल 2020 की पहली तिमाही और साल 2020 चौथी तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में पुनरुत्थान दिखाई देना शुरू हुआ और यह रुझान साल 2021 की पहली तिमाही में भी जारी रहा। नाइटफ्रैंक इंडिया की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एनसीआर में मूल्य श्रेणी के हिसाब से साल 2021 की पहली छमाही के दौरान एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के घरों की बिक्री की संख्या सबसे ज्यादा रही।
कुल बिक्री में इस श्रेणी के मकानों का हिस्सा साल 2020 की पहली छमाही के 28 फीसदी की तुलना में 39 फीसदी रहा। इसी तरह 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों का हिस्सा 36 फीसदी रहा जो 2020 की पहली छमाही में 41 फीसदी था। इसके साथ ही 50 लाख रुपये और एर करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले घरों की बिक्री का हिस्सा 2021 की पहली छमाही में घटकर 25 फीसदी हो गया, जो साल 2020 की पहली छमाही में 31 फीसदी था।
रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान संख्या के हिसाब से गुरुग्राम में नए घरों की बिक्री में उल्लेखनीय सुधार दिखा। कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 2020 की पहली छमाही में 27 से बढ़कर 2021 की पहली छमाही में 32 फीसदी हो गई। कुल बिक्री में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की स्थिति 34 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अपने पहले के स्तर पर बनी रही। नोएडा की हिस्सेदारी में गिरावट रही, जो 2020 की पहली छमाही के 18 फीसदी से घटकर 2021 की पहली छमाही में 15 फीसदी रही।