Biz Updates: चौथी तिमाही में एलआईसी का मुनाफा 13762 करोड़ रुपये, यस बैंक-आईसीआईसीआई बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि मार्च तिमाही में कंपनी को 13,762 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। मार्च 2024 तिमाही के नतीजों के साथ ही कंपनी ने निवेशकों के लिए 6 रुपये प्रति शेयर के लाभांश का भी एलान किया है। दूसरी ओर आरबीआई ने गड़बड़ियों के लिए यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर कार्रवाई की है।


विस्तार
देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी ने सोमवार को चौथी तिमाही के लिए अपने नतीजों का एलान कर दिया। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि मार्च तिमाही में कंपनी को 13,762 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। मार्च 2024 तिमाही के नतीजों के साथ ही कंपनी ने निवेशकों के लिए 6 रुपये प्रति शेयर के लाभांश का भी एलान किया है। मार्च 2024 तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछले वित्तीय वर्ष के समान तिमाही के 13,191 करोड़ रुपये की तुलना में 4.5% अधिक है।
आरबीआई ने यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना लगाया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सोमवार को निजी क्षेत्र के दो बैंकों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। केंद्रीय बैंक ने बताया कि यस बैंक (YES Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) कई नियमों का उल्लंघन करने के दोषी पाए गए हैं। इसके चलते आरबीआई ने यस बैंक पर 91 लाख रुपये और आईसीआईसीआई बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया।
यस बैंक ने कस्टमर सर्विस से जुड़े नियमों का नहीं किया पालन
आरबीआई ने सोमवार को जानकारी दी कि यह दोनों बैंक कई दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। आरबीआई के मुताबिक यस बैंक पर ग्राहक सेवाओं और आंतरिक व ऑफिस अकाउंट से जुड़े दिशानिर्देशों के उल्लंघन का आरोप था। केंद्रीय बैंक के अनुसार, उसे ऐसे कई उदाहरण मिले, जहां बैंक ने पर्याप्त बैलेंस न होने पर कई अकाउंट से चार्ज वसूला था। साथ ही आंतरिक व ऑफिस अकाउंट से अवैध गतिविधियां की जा रही थीं। आरबीआई ने अपने मूल्यांकन में पाया कि साल 2022 के दौरान यस बैंक की ओर से ऐसा कई बार किया गया। बैंक ने फंड पार्किंग और कस्टमर ट्रांजेक्शन को रूट करने जैसे अवैध उद्देश्यों के लिए अपने ग्राहकों के नाम पर कुछ आंतरिक खाते खोले और चलाए थे।
आईसीआईसीआई बैंक पर लोन देने में कोताही का आरोप
आरबीआई के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक को लोन और एडवांस से जुड़े निर्देशों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। इस लिए बैंक पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। बैंक ने आधी-अधूरी जांच पड़ताल के आधार पर कई लोन स्वीकृत किए। इसके चलते बैंक को वित्तीय जोखिम का सामना करना पड़ा। केंद्रीय बैंक कीजांच में बैंक की लोन मंजूरी प्रक्रिया में में भी खामियां मिलीं। बैंक ने कई परियोजनाओं की व्यवहारिकता और लोन चुकाने की क्षमता का विस्तृत विश्लेषण किए बिना ही लोन की राशि स्वीकृत कर दी।