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DBS इंडिया और लक्ष्मी विलास बैंक का होगा विलय, जानिए क्या है पूरा मामला

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: ‌डिंपल अलवधी Updated Wed, 25 Nov 2020 11:08 PM IST
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Union Cabinet approved merger of Lakshmi Vilas Bank with DBS Bank India
लक्ष्मी विलास बैंक का होगा डीबीएस इंडिया में विलय - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डीबीएस बैंक इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के विलय की योजना को मंजूरी दे दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 17 नवंबर 2020 को 94 साल पुराने ऋणदाता को सिंगापुर के डीबीएस बैंक के भारतीय शाखा के साथ विलय का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत डिवेलपमेंट बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) लक्ष्मी विलास बैंक को 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराएगा। उधर, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने कहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक के इक्विटी शेयर ट्रेडिंग के लिए 26 नवंबर कर उपलब्ध नहीं होंगे।

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20.5 लाख जमाकर्ताओं को राहत
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी है कि इससे 20.5 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि सरकार ने जमाकर्ताओं के लिए बैंक से निकासी की सीमा को भी हटा लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आरबीआई को कहा है कि कुप्रबंधन करके जो बैंक को डूबने के कगार पर लाते हैं, ऐसे दोषियों को सजा होना चाहिए।
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बरकरार रहेगी कर्मचारियों की नौकरी
साथ ही 4000 कर्मचारियों की नौकरी भी बरकरार रहेगी। गौरतलब है कि कोरोना काल में एक ओर जहां लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिए पाबंदियां लगाई थीं, जिसके तहत बैंक के खाताधारक सिर्फ 25,000 रुपये तक की ही निकासी कर सकते थे। इससे बैंक के शेयर भी धड़ाम हुए थे। 

क्या है मामला?
बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए आरबीआई की सलाह के बाद पाबंदी लगाई गई थी। इसमें बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का ख्याल रखा गया है। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिए उसका प्रशासक नियुक्त किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगाई है।

क्या है विलय का मसौदा?
आरबीआई ने कहा, 'विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगाएगा। इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जाएगा।' 

यस बैंक के बाद मुश्किलों में फंसने वाला निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक
यस बैंक के बाद इस साल मुश्किलों में फंसने वाला लक्ष्मी विलास बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है। यस बैंक के ऊपर मार्च में पाबंदियां लगाई गई थीं। सरकार ने तब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मदद से यस बैंक को उबारा था। एसबीआई ने यस बैंक की 45 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 7,250 करोड़ रुपये लगाए थे।
 

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