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Punjab: जेल से लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू का मामला, हाईकोर्ट का आदेश- दो माह में रिपोर्ट सौंपे एसआईटी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Thu, 25 Jan 2024 07:30 PM IST
सार

जेल से लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले की जांच कर रही एसआईटी को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। लॉरेंस बिश्नोई ने एक निजी टीवी चैनल को जेल से इंटरव्यू दिया था। हालांकि यह इंटरव्यू किस जेल से दिया गया, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। इस मामले की जांच हाईकोर्ट की गठित एसआईटी कर रही है।

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Order to SIT to submit report within two months in Lawrence Bishnoi jail interview case
लॉरेंस बिश्नोई की फाइल फोटो। - फोटो : सोशल मीडिया
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जेल से लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को दो माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही जेलों में मोबाइल फोन के अवैध इस्तेमाल को रोकने के लिए लैंडलाइन फोन लगाने हेतु पंजाब सरकार की ओर से मांगी गई आठ माह की मोहलत को हाईकोर्ट ने गैर वाजिब बताया और इस मामले में दोबारा जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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मामले की सुनवाई आरंभ होते ही पंजाब सरकार की ओर से जेलों की सुरक्षा को लेकर उपकरणों की खरीद व विभिन्न व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए समय अवधि हाईकोर्ट में सौंपी गई। हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई पर सौंपी गई समय अवधि को घटाकर इस बार जवाब दाखिल किया गया था। इस जवाब पर आपत्ति जताते हुए इस मामले में अदालत का सहयोग कर रही वकील तनु बेदी ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन की तस्करी का सबसे बड़ा कारण है कि लोग अपने परिजनों से बात नहीं कर पाते क्योंकि जेलों में लैंडलाइन फोन की पर्याप्त संख्या नहीं है। अगर जेलों में पर्याप्त संख्या में लैंडलाइन फोन उपलब्ध हो जाएं तो मोबाइल की तस्करी के 90 प्रतिशत मामले समाप्त हो जाएंगे।

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पंजाब सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि सभी जेल में लैंडलाइन की व्यवस्था करने में आठ माह का समय लगेगा। हालांकि इसके लिए बजट की कोई आवश्यकता नहीं बताई गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन की तस्करी के मामलों की सबसे बड़ी वहज होने व बजट की जरूरत न होने के बावजूद इस काम के लिए आठ माह मांगे जा रहे हैं जो स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने इस अवधि को कम कर अदालत को सूचित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही जेलों की मुख्य दीवारों के समीप सुरक्षा बढ़ाने को लेकर भी हरियाणा व पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

हरियाणा के मामले सुर्खियों में नहीं आए, इसका मतलब यह नहीं जेलों में सब ठीक

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अदालत का सहयोग कर रही एडवोकेट तनु बेदी से पूछा कि क्या हरियाणा में भी जेलों में मोबाइल तस्करी के बड़े मामले सामने आए हैं। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला कभी सुर्खियों में नहीं आया। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सुर्खियों में नहीं आया इसका मतलब यह नहीं कि सब बिलकुल ठीक है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को अगली सुनवाई पर जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर दर्ज मामलों का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया है।

तीन माह में पूरा हो जाएगा जेलों में जैमर, बॉडी स्कैनर व अन्य सुरक्षा इंतजाम का काम

सरकार ने हाईकोर्ट में टाइम लाइन पेश करते हुए बताया कि जैमर, बॉडी स्कैनर व अन्य सुरक्षा इंतजामों का काम तीन माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया से लेकर इंस्टॉलेशन की अवधि को इस टाइम लाइन में शामिल किया गया है। हाईकोर्ट ने पूर्व के मुकाबले इन कामों के लिए समय अवधि को कम करने पर पंजाब सरकार की सराहना की।

एआई सीसीटीवी कैमरे होंगे इंस्टॉल

पंजाब सरकर ने बताया कि जेलों में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। कैमरे हाईडेफिनेशन वाले होंगे और नाइट विजन की क्षमता से युक्त होंगे। इनके माध्यम से कैदियों की निगरानी बेहतर तरीके से की जा सकेगी। हालांकि अतिरिक्त बैरिक निर्माण के लिए करीब डेढ़ वर्ष का समय लगेगा।

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