Korba News: मजदूर की मौत के मामले में सीनियर सेक्शन इंचार्ज सस्पेंड, शव देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
कोरबा में ओएचई लाइन की चपेट में आए दो मजदूरों में से एक की इलाज के दौरान भिलाई में मौत हो गई, जबकि दूसरे को छुट्टी दे दी गई। मामले में प्राथमिक रूप से दोषी पाए गए सीनियर सेक्शन इंचार्ज को सस्पेंड किया गया।
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कोरबा जिले में दो मजदूरों में से एक की शनिवार सुबह चार बजे इलाज के दौरान भिलाई के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई, जबकि दूसरे की स्थिति सामान्य होने पर जिला अस्पताल कोरबा से छुट्टी दे दी गई थी। घटना के लिए प्राथमिक रूप से जिम्मेदार माने गए सीनियर सेक्शन इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं मृतक के परिजन खबर मिलने के बाद शव लेने भिलाई रवाना हो गए थे, जो देर शाम तक नहीं लौट पाए थे। शव जिला मेडिकल कॉलेज के शव कक्ष में रखा गया था। रविवार की सुबह जब शव को उसके घर लेकर पहुंचे तो उसकी मां का रो रोकर बुरा हाल था।
इस घटना के बाद घर पहुंचने पर शव रखकर स्टेशन पर आंदोलन के अंदेशे को देखते हुए आरपीएफ और कोतवाली पुलिस तैनात रही ताकि किसी तरह का प्रदर्शन न हो या समय रहते रोका जा सके। स्टेशन के अंदर भी काफी संख्या में रेलवे पुलिस बल तैनात था, ताकि किसी तरह का हंगामा या घटना न हो।
बताया जा रहा है कि कोरबा रेलवे यार्ड में दुर्घटना राहत वैन की पेंटिंग कराने के लिए वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर जितेंद्र देवांगन बिना टेंडर लोकल पेटी ठेकेदार के जरिए स्टेशन के पास इमलीडुग्गू बस्ती निवासी श्याम चौहान और प्रेम कुमार से काम करा रहे थे। 24 नवंबर को दोनों मजदूर पेंटिंग के दौरान ओएचई लाइन के संपर्क में आने से झुलस गए थे। दोनों को जिला अस्पताल कोरबा में भर्ती कराया गया, जहां श्याम को भिलाई रेफर कर दिया गया था, जबकि प्रेम कुमार को अगले ही दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
दूसरे दिन पहुंची थी पांच सदस्यीय जांच टीम
घटना के बाद अगले ही दिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल से सीनियर डीएनई, टीआरडी और सेफ्टी काउंसलर की पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए कोरबा स्टेशन पहुंची थी। जांच के दौरान टीम ने प्रारंभिक तौर पर काम में नियोजन करने वाले सीनियर सेक्शन इंचार्ज जितेंद्र कुमार देवांगन को दोषी पाया। टीम के लौटने के बाद अगले दिन देवांगन को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया गया।