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रायगढ़: दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, कोर्ट ने पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, पढ़ें पूरा मामला
अमर उजाला नेटवर्क, रायगढ़
Published by: Digvijay Singh
Updated Wed, 17 Dec 2025 07:04 PM IST
सार
रायगढ़ जिले में चाकू की नोक पर डरा धमकाकर लगातार पीड़िता के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी शिशुपाल सेठ को अदालत ने 20 साल सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया है।
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जिला एवं सत्र न्यायालय रायगढ़
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
रायगढ़ जिले में चाकू की नोक पर डरा धमकाकर लगातार पीड़िता के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी शिशुपाल सेठ को अदालत ने 20 साल सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता ने चक्रधर नगर थाने में लिखित शिकायत करते हुए बताया है कि वह अपनी बूढी दादी के साथ रहती है। उसके साथ गांव ही एक लड़का शिशुपाल सेठ 22 साल पिछले दो साल से उसे डरा धमकाकर बलात्कार कर रहा है।
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पुलिस में शिकायत करने से दो साल पहले जब वह अपने घर से रात के लगभग 9 बजे दिशा-मैदान के लिये बाहर निकली थी तब शिशुपाल उसे खेत में चाकू दिखाते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और इसका जिक्र किसी से करने पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। इसका फायदा उठाकर शिशुपाल आए दिन उससे शारीरिक संबंध बनाने के लिये दबाव देता था और पूरे समाज में उसकी और उसके परिवार की बदनामी करने एवं जान से मारने का भय दिखाता था। इस दरम्यान कई बार पीड़िता के साथ बलात्कार करता रहा। पीड़िता के द्वारा शिशुपाल के हरकतों की जानकारी उसके परिजनों को दिये जाने के बावजूद उसकी बातों को नही सुना गया। बल्कि उसे ही डांट फटकार लगाते हुए भगा दिया गया।
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पीडिता की शिकायत पर चक्रधर नगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 (2) (एन) 506 भारतीय दण्ड संहिता एवं धारा-6 लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आरोपी युवक को गिरफ्तार करके न्यायालय पेश किया गया। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीएससी पास्को के विद्वान न्यायाधीश देवेन्द्र साहू ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए आरोपी शिशुपाल सेठ का दोष सिद्ध पाया और आरोपी महंत को 20 साल सश्रम कारावास एवं 5 हजार के जुर्माने से दंडित किया है। अर्थदण्ड न पटाने पर 4 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताने को कहा गया है। इस मामले में अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।