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सीधी कालिख कांड: शिवसेना नेता ने सिविल सर्जन खरे के मुंह पर पोत दी स्याही, वीडियो भी बनाया; फिर पहुंचा थाने
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीधी
Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी
Updated Mon, 03 Nov 2025 04:04 PM IST
सार
Sidhi News: सीधी जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे के चेहरे पर कालिख पोत दी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद नेता ने थाने जाकर सरेंडर किया। पुलिस ने सिविल सर्जन की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है।
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सीधी में शिवसेना उपाध्यक्ष, सिविल सर्जन के मुंह पर कालिख पोतते हुए।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सीधी जिले में सोमवार को स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे के चेहरे पर शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कालिख पोत दी। यह पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
घटना हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित नर्सिंग होम के पास की बताई जा रही है, जहां डॉक्टर अपने घर से क्लीनिक की ओर अस्पताल जाने के लिए निकले थे। वीडियो बनाकर थाने पहुंचे, कहा कि हम विरोध कर रहे थे, किसी को आहत करना उद्देश्य नहीं।
'नर्सिंग होम के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे'
सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष (पूरा नाम जोड़े जाने योग्य) ने यह पूरा विरोध प्रदर्शन स्वयं रिकॉर्ड किया और इसके बाद सीधे थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया। थाने के बाहर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन के खिलाफ हमने पहले भी कलेक्टर को शिकायत दी थी। प्रशासन को अवगत कराया गया था कि हम निजी नर्सिंग होम के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। हमारा उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था, यह सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद उन्होंने एसपी सीधी संतोष कोरी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन न तो कॉल रिसीव की गई और न ही कोई प्रतिक्रिया मिली।
पुलिस का क्या कहना है?
मामले में डीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि सिविल सर्जन की शिकायत के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। जब मीडिया ने पूछा कि आरोपी नेता ने स्वयं सरेंडर किया या पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो डीएसपी ने कहा कि मामले की जांच जारी है, इसलिए अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
ये भी पढ़ें- MP News: हिंदू एकता पदयात्रा को मिला मुस्लिम समाज का समर्थन, क्या है बागेश्वर धाम सरकार की 80 करोड़ की लड़ाई?
क्यों भड़का विरोध?
जिला अस्पताल में अव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट और निजी नर्सिंग होम की बढ़ती निर्भरता को लेकर शिवसेना नेता पहले से ही नाराज़ चल रहे थे। बताया जा रहा है कि लंबे समय से शिकायतें किए जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण यह विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले गया।
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घटना हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित नर्सिंग होम के पास की बताई जा रही है, जहां डॉक्टर अपने घर से क्लीनिक की ओर अस्पताल जाने के लिए निकले थे। वीडियो बनाकर थाने पहुंचे, कहा कि हम विरोध कर रहे थे, किसी को आहत करना उद्देश्य नहीं।
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'नर्सिंग होम के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे'
सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष (पूरा नाम जोड़े जाने योग्य) ने यह पूरा विरोध प्रदर्शन स्वयं रिकॉर्ड किया और इसके बाद सीधे थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया। थाने के बाहर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन के खिलाफ हमने पहले भी कलेक्टर को शिकायत दी थी। प्रशासन को अवगत कराया गया था कि हम निजी नर्सिंग होम के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। हमारा उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था, यह सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद उन्होंने एसपी सीधी संतोष कोरी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन न तो कॉल रिसीव की गई और न ही कोई प्रतिक्रिया मिली।
पुलिस का क्या कहना है?
मामले में डीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि सिविल सर्जन की शिकायत के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। जब मीडिया ने पूछा कि आरोपी नेता ने स्वयं सरेंडर किया या पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो डीएसपी ने कहा कि मामले की जांच जारी है, इसलिए अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
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क्यों भड़का विरोध?
जिला अस्पताल में अव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट और निजी नर्सिंग होम की बढ़ती निर्भरता को लेकर शिवसेना नेता पहले से ही नाराज़ चल रहे थे। बताया जा रहा है कि लंबे समय से शिकायतें किए जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण यह विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले गया।

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