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दूसरी पारी: कृतज्ञता, चाय की चुस्की और नया साल

अमर उजाला Published by: लव गौर Updated Fri, 26 Dec 2025 06:37 AM IST
सार

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dusri pari Gratitude, sips of tea, and the new year
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
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नए साल को आप एक उपहार की तरह देखें, जीवन की किताब में जुड़ने वाले एक अतिरिक्त अध्याय की तरह। अब जबकि आपके बच्चे अच्छी तरह सेटल हो चुके हैं और अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त हैं, तो साफ है कि आपके ऊपर से जिम्मेदारियों का बोझ उतर चुका है। अब यह समय वास्तव में आपका अपना समय है, जो पहले कभी पूरी तरह आपका नहीं था। अब आप बिना किसी मजबूरी के सिर्फ अपनी खुशी के लिए जी सकते हैं।
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आप इस नए साल को कृतज्ञता के चश्मे से भी देख सकते हैं। हर सुबह उठकर उन चीजों के लिए शुक्रिया अदा करें, जो आपके पास हैं-स्वास्थ्य (जितना भी है), परिवार का प्यार, आजादी, अनुभवों का खजाना आदि। 70 साल का मतलब है कि आपने जीवन के कई रंग देखे हैं। यह अनुभव ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है।
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इसके अलावा, इस नए वर्ष को जिज्ञासा और खेल के नजरिये से भी देख सकते हैं। नया साल एक नया अवसर है। यह कुछ नया सीखने का समय, शायद कोई वाद्य यंत्र, कोई भाषा, बागवानी, पेंटिंग, या अच्छी किताबें पढ़ने का अवसर। अच्छी किताबें सबसे बेहतर दोस्त होती हैं। अक्सर जीवन की आपाधापी में बहुत कुछ अच्छा करने और पढ़ने से छूट जाता है, जिसे जिम्मेदारियों से छुटकारा पाने के बाद अब पूरा किया जा सकता है। उम्र कोई बाधा नहीं है, बल्कि अब यह आजादी है कि आप बिना परीक्षा के डर के हर वक्त कुछ नया सीख सकते हैं।

इस समय को आप संबंधों को गहरा करने के अवसर के रूप में भी देख सकते हैं। बच्चों और पोते-पोतियों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं। उन्हें अपनी कहानियां सुनाएं, और उनकी भी सुनें। बच्चों का उत्साह आपके लिए टॉनिक का काम करेगा। पुराने दोस्तों से फिर से संपर्क करें। कई बार रिटायरमेंट के बाद दोस्ती और गहरी हो जाती है, क्योंकि अब दोनों के पास समय रहता है। अक्सर लोग जिम्मेदारियों के बोझ तले अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में, अब आप अपने शरीर और मन पर ध्यान दे सकते हैं। रोज थोड़ी देर नियमित रूप से टहलें, अच्छा व स्वस्थ खाना खाएं, पर्याप्त नींद लें। योग, ध्यान या प्रार्थना-जो भी आपके मन को शांति दे, उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। स्वास्थ्य अब निवेश नहीं, बल्कि आनंद का साधन है।

सुबह की चाय की चुस्की, पक्षियों का कलरव, सूर्यास्त का दृश्य, किसी पुराने गाने की धुन, ये सब आपको जिंदादिल बनाएंगे। नए साल का मतलब बड़े संकल्प नहीं, बल्कि रोज छोटी-छोटी खुशियां चुनना है। नए साल का आप एक पुराने दोस्त की तरह मुस्कुराते हुए स्वागत करें, जो आपके पास आया है, सिर्फ इसलिए कि वह आपके साथ समय बिताना चाहता है। कोई जल्दबाजी नहीं, कोई दबाव नहीं-बस जीने का आनंद लीजिए इस नए साल में।

जिंदगी की दूसरी पारी बहुत महत्वपूर्ण होती है। हर शुक्रवार इस पर आपको नया पढ़ने को मिलेगा। आप अपने विचार, अनुभव या समस्याएं edit@amarujala.com पर भेज सकते हैं, विशेषज्ञों की मदद से हम कोशिश करेंगे कि संवाद का पुल बन सके।  
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