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तथाकथित सिफारिश बनी मुसीबत, कमिश्नर की कुर्सी खतरे में

Suresh Tiwari सुरेश तिवारी
Updated Fri, 26 Dec 2025 06:01 AM IST
सार

एक सटोरिए के अवैध निर्माण पर कार्रवाई रोकने की कमिश्नर की कथित सिफारिश विफल रही। कलेक्टर ने कार्रवाई जारी रखी। सिफारिश के चलते भाजपा के वरिष्ठ नेता नाराज हैं और मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। इससे कमिश्नर की कुर्सी खतरे में मानी जा रही है।

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The so-called recommendation became a problem, the commissioner's position was in danger.
राज और नीति : मप्र में सियासी और प्रशासनिक हलचल बताता कॉलम - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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एक सटोरिए की तथाकथित सिफारिश को लेकर कमिश्नर की कुर्सी खतरे में दिखाई दे रही है। कमिश्नर की सिफारिश के बावजूद कलेक्टर टस से मस नहीं हुए और उन्होंने सटोरिए के अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई कर दी। हां, इतना जरूर हुआ कि कमिश्नर के हस्तक्षेप से भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अब कमिश्नर से नाराज हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह या अगली प्रशासनिक तबादला सूची में कमिश्नर का नाम भी दिखाई दे सकता है।
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आईएएस सर्विस मीट- कौन सक्रिय और कौन नहीं दिखा
मध्य प्रदेश आईएएस एसोसिएशन द्वारा हाल ही में भोपाल में आयोजित आईएएस सर्विस मीट में जहां युवा अधिकारियों की सक्रियता इस बार ज्यादा दिखाई दी, वहीं कुछ रिटायर्ड अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मीट में पी. नरहरि, इलैया राजा, फ्रैंक नोबेल सहित कुछ युवा अधिकारी ज्यादा सक्रिय दिखाई दिए। रिटायर्ड अधिकारियों में प्रसन्न दास, मदन मोहन उपाध्याय, जेएन कंसोटिया, अजय नाथ, पीडी मीणा (राजस्थान से विशेष रूप से आए थे) ने सक्रियता से कई आयोजनों में भाग लिया। अजय नाथ को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवार्ड भी मिला। पूर्व मुख्य सचिव एससी बेहर, एसआर मोहंती और बीपी सिंह भी मीट में दिखाई दिए। वरिष्ठ अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल काफी सक्रिय दिखे। उल्लेखनीय बात यह भी है कि अपर मुख्य सचिव स्तर के दो वरिष्ठ अधिकारी मीट में दिखाई ही नहीं दिए। संभागीय मुख्यालयों के कलेक्टर भी मीट में दिखाई नहीं दिए। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने युवा आईएएस अधिकारियों के साथ विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लिया और उनका उत्साहवर्धन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनु श्रीवास्तव की अगुवाई में इस साल की यह मीट यादगार बन गई।
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अमित शाह की विजयवर्गीय से चर्चा के मायने! 
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ग्वालियर प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की उनसे हुई वन टू वन मुलाकात के राजनीतिक गलियारों में सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ग्वालियर एयरपोर्ट पर शाह ने विजयवर्गीय से अलग से दो मिनट चर्चा की। अगले दिन ग्वालियर के होटल उषा किरण में सुबह नाश्ते पर पर भी दोनों नेताओं के बीच अलग से लंबी चर्चा हुई। कुछ देर बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने भी अमित शाह से मुलाकात की। एयरपोर्ट पर पूर्व मंत्री और भाजपा नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद थे, लेकिन बताते हैं कि उन्हें गृह मंत्री शाह ने विशेष भाव नहीं दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले माह इंदौर में गृह मंत्री का कार्यक्रम करवा कर कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश की राजनीति में फिर से अपनी ताकत दिखाने वाले हैं।

सुर्खियों में प्रतिमा बागरी 
गांजा तस्करी में भाई और बहनोई का नाम आने से पार्टी संगठन और सरकार के निशाने पर आईं राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी अब एक और मामले में मुख्यमंत्री की नाराजगी की शिकार हो गई हैं। बागरी ने सतना जिले के पोड़ी-मनकहरी मार्ग के निरीक्षण के दौरान अपने पैर से गिट्टी-डामर हटाते हुए गुणवत्ताहीन काम का आरोप लगाया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में प्रतिमा बागरी कहते हुए नजर आ रही थीं कि 'ये रोड बनी है देखो, इस तरह से पूरी रोड निकल रही है। इसका कोई लेखा जोखा है, कौन करेगा?' सड़क पर लात मारते हुए वे कह रही हैं- 'जरा से धक्के मारने में पूरी रोड निकल रही है।' अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने पर मुख्यमंत्री ने बागरी को तलब किया। सीएम ने बागरी से कहा कि मंत्री होते हुए विपक्ष की तरह आचरण न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही अमानक घोषित सड़क का निरीक्षण ही क्यों किया? सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रतिमा को काफी फटकार लगाई। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार अगले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रतिमा का अगर पत्ता कट जाए तो आश्चर्य मत करिएगा!

अस्वीकरण: यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw.co.in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें। 
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