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सुनील गावस्कर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा: दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, आपत्तिजनक सामग्री हटाने का आदेश

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: स्वप्निल शशांक Updated Tue, 23 Dec 2025 02:48 PM IST
सार

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनील गावस्कर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी अनुमति के बिना नाम, तस्वीर और एआई-डीपफेक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आपत्तिजनक कंटेंट को 72 घंटे में हटाने का आदेश दिया और मामले की अगली सुनवाई 22 मई तय की है।

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Delhi High Court Protects Sunil Gavaskar’s Personality Rights, Orders Removal of Objectionable Content
सुनील गावस्कर - फोटो : ANI
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विस्तार
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दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर सुनील गावस्कर के व्यक्तित्व अधिकारों (पर्सनैलिटी राइट्स) की अहम रक्षा करते हुए कई वेबसाइटों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को उनकी अनुमति के बिना नाम, तस्वीर या पहचान का व्यावसायिक इस्तेमाल करने से रोक दिया है। कोर्ट ने साथ ही इंटरनेट पर मौजूद आपत्तिजनक और अश्लील कंटेंट को हटाने का भी सख्त आदेश दिया है।
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AI और डीपफेक के दुरुपयोग पर भी रोक
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि सुनील गावस्कर की छवि, आवाज, हाव-भाव या व्यक्तित्व से जुड़े किसी भी तत्व का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक तकनीक के जरिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने ऐसे सभी प्रतिवादियों को ऐसा करने से तुरंत रोकने का निर्देश दिया।
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72 घंटे में कंटेंट हटाने का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जिन वेबसाइट्स पर आपत्तिजनक सामग्री मौजूद है, उन्हें 72 घंटे के भीतर संबंधित यूआरएल हटाने होंगे। यदि वेबसाइट्स ऐसा करने में विफल रहती हैं, तो सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज को खुद आगे बढ़कर उस सामग्री को हटाना होगा।

पहले भी दिया जा चुका है निर्देश
इससे पहले 12 दिसंबर को हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया था कि वे सुनील गावस्कर की शिकायत पर सात दिनों के भीतर कार्रवाई करें। कोर्ट ने गावस्कर के वकील को पहले इंटरमीडियरीज से संपर्क करने को कहा था और उनकी याचिका को आईटी नियम 2021 के तहत औपचारिक शिकायत मानने का निर्देश दिया था।

अब भी पूरी तरह नहीं हटा कंटेंट
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कुछ आपत्तिजनक सामग्री हटा दी गई है, लेकिन कई लिंक और कंटेंट अभी भी इंटरनेट पर मौजूद हैं। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए दोबारा हटाने के निर्देश जारी किए और मामले की अगली सुनवाई 22 मई को तय की।

क्या होते हैं व्यक्तित्व अधिकार?
व्यक्तित्व अधिकार या पब्लिसिटी राइट्स किसी व्यक्ति को यह अधिकार देते हैं कि वह अपने नाम, तस्वीर, पहचान और छवि के इस्तेमाल को नियंत्रित कर सके और उससे होने वाले लाभ पर अपना हक जता सके। बिना अनुमति इसका व्यावसायिक उपयोग कानूनन अपराध माना जाता है।

अन्य हस्तियां भी पहुंच चुकी हैं कोर्ट
हाल के महीनों में ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऋतिक रोशन, अजय देवगन, आर. माधवन, करण जौहर, कुमार सानू, नागार्जुन, श्री श्री रविशंकर, सुधीर चौधरी और राज शमानी जैसी कई हस्तियां भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर चुकी हैं। कोर्ट ने सभी मामलों में अंतरिम राहत दी है।
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