{"_id":"691a9fc915068d29420fd491","slug":"ipl-2026-auction-preview-how-each-franchise-stacks-up-and-what-they-need-to-fix-before-season-analysis-2025-11-17","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"IPL 2026 Explainer: नीलामी में कौन सी टीम किस खिलाड़ी को खरीदना चाहेगी, 10 फ्रेंचाइजियों की क्या होगी रणनीति?","category":{"title":"Cricket News","title_hn":"क्रिकेट न्यूज़","slug":"cricket-news"}}
IPL 2026 Explainer: नीलामी में कौन सी टीम किस खिलाड़ी को खरीदना चाहेगी, 10 फ्रेंचाइजियों की क्या होगी रणनीति?
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 17 Nov 2025 09:40 AM IST
सार
आईपीएल 2026 की तैयारियों के बीच सभी 10 टीमों ने अपने रिटेन और रिलीज खिलाड़ियों की सूची जारी कर दी है। नीलामी से पहले सभी 10 टीमों ने अपने स्क्वॉड का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। किसी टीम को विदेशी ऑलराउंडर और सीमर की जरूरत है, तो किसी टीम को टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज और मैच फिनिशर की खोज है। कुल मिलाकर, आईपीएल 2026 के लिए ऑक्शन टीमों के लिए अपनी कमजोरियों को दूर करने का बड़ा मौका साबित होगा।
विज्ञापन
आईपीएल 2026
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन से पहले सभी फ्रेंचाइजियों ने अपनी रिटेंशन और रिलीज लिस्ट घोषित कर दी है। इन फैसलों के बाद पता चलता है कि कौन-सी टीम कितनी संतुलित है और उन्हें किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। आंद्रे रसेल, वेंकटेश अय्यर, ग्लेन मैक्सवेल, जोश इंग्लिस, डेविड मिलर, रवि बिश्नोई, महीश तीक्षणा और वानिंदु हसरंगा जैसे बड़े खिलाड़ियों के रिलीज होने के बाद यह ऑक्शन बेहद दिलचस्प होने वाला है। आइए एक-एक कर जानें कि हर टीम को ऑक्शन में क्या चाहिए और उनकी रणनीति क्या हो सकती है।
खिलाड़ियों को रिलीज और रिटेन करने के बाद सभी 10 टीमों के पास उपलब्ध पर्स
Trending Videos
खिलाड़ियों को रिलीज और रिटेन करने के बाद सभी 10 टीमों के पास उपलब्ध पर्स
| टीम | उपलब्ध पर्स (करोड़ रुपये में) |
|---|---|
| लखनऊ सुपर जाएंट्स | 22.95 |
| राजस्थान रॉयल्स | 16.05 |
| सनराइजर्स हैदराबाद | 25.5 |
| रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर | 16.4 |
| कोलकाता नाइट राइडर्स | 64.3 |
| मुंबई इंडियंस | 2.75 |
| चेन्नई सुपर किंग्स | 43.4 |
| दिल्ली कैपिटल्स | 21.80 |
| गुजरात टाइटंस | 12.9 |
| पंजाब किंग्स | 11.5 |
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)
कुल स्लॉट खाली: 9 (4 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
सीएसके का सबसे बड़ा नुकसान है सैम करन का जाना। इसलिए फ्रेंचाइजी की पहली प्राथमिकता एक टॉप-क्लास विदेशी ऑलराउंडर होगी। उनके पास पर्याप्त पर्स है, इसलिए वे रसेल, मैक्सवेल, लिविंगस्टोन या कैमरन ग्रीन जैसे बड़े नामों के पीछे जा सकते हैं। इसके अलावा मथीशा पथिराना को रिलीज करने के बाद सीएसके एक सीम-बॉलिंग बैकअप भी चाहेगी, खासकर नाथन एलिस के सपोर्ट के लिए। चेन्नई अपनी रणनीति में स्थिर रहती है, इसलिए वे गुणवत्ता वाले खिलाड़ियों पर भरपूर खर्च कर सकते हैं।
कुल स्लॉट खाली: 9 (4 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
सीएसके का सबसे बड़ा नुकसान है सैम करन का जाना। इसलिए फ्रेंचाइजी की पहली प्राथमिकता एक टॉप-क्लास विदेशी ऑलराउंडर होगी। उनके पास पर्याप्त पर्स है, इसलिए वे रसेल, मैक्सवेल, लिविंगस्टोन या कैमरन ग्रीन जैसे बड़े नामों के पीछे जा सकते हैं। इसके अलावा मथीशा पथिराना को रिलीज करने के बाद सीएसके एक सीम-बॉलिंग बैकअप भी चाहेगी, खासकर नाथन एलिस के सपोर्ट के लिए। चेन्नई अपनी रणनीति में स्थिर रहती है, इसलिए वे गुणवत्ता वाले खिलाड़ियों पर भरपूर खर्च कर सकते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
दिल्ली कैपिटल्स (DC)
कुल स्लॉट खाली: 8 (5 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
दिल्ली कैपिटल्स ने फाफ डुप्लेसिस और जेक फ्रेजर-मैकगर्क जैसे टॉप-ऑर्डर खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया है, जिससे शीर्षक्रम में कमी साफ दिख रही है। टीम के पास केवल तीन विदेशी खिलाड़ी बचे हैं, इसलिए ऑक्शन में उन्हें कई विदेशी स्लॉट भरने होंगे। नीलामी में डीसी का पूरा फोकस टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज, पावर-हिटर और तीन-चार विदेशी विकल्प को खरीदने पर होगा। टीम नीलामी में वेंकटेश अय्यर और जोश इंग्लिस पर खर्च कर सकती है।
कुल स्लॉट खाली: 8 (5 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
दिल्ली कैपिटल्स ने फाफ डुप्लेसिस और जेक फ्रेजर-मैकगर्क जैसे टॉप-ऑर्डर खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया है, जिससे शीर्षक्रम में कमी साफ दिख रही है। टीम के पास केवल तीन विदेशी खिलाड़ी बचे हैं, इसलिए ऑक्शन में उन्हें कई विदेशी स्लॉट भरने होंगे। नीलामी में डीसी का पूरा फोकस टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज, पावर-हिटर और तीन-चार विदेशी विकल्प को खरीदने पर होगा। टीम नीलामी में वेंकटेश अय्यर और जोश इंग्लिस पर खर्च कर सकती है।
गुजरात टाइटंस (GT)
कुल स्लॉट खाली: 5 (4 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
जीटी के लिए सबसे बड़ा गैप है एक फिनिशर का, क्योंकि शेरफेन रदरफोर्ड अब टीम का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा टीम कम से कम एक ऑलराउंडर को भी जोड़ना चाहेगी ताकि बैलेंस मजबूत रहे। वे ऐसे खिलाड़ी देखेंगे जो डेथ ओवर्स में मैच खत्म कर सकें यानी मैच फिनिशर्स पर खासा ध्यान होगा। वे आंद्रे रसेल, लिविंस्टोन, विजय शंकर, महिपाल लोमरोर, डेविड मिलर और मैक्सवेल में से किसी को टारगेट कर सकते हैं।
कुल स्लॉट खाली: 5 (4 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
जीटी के लिए सबसे बड़ा गैप है एक फिनिशर का, क्योंकि शेरफेन रदरफोर्ड अब टीम का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा टीम कम से कम एक ऑलराउंडर को भी जोड़ना चाहेगी ताकि बैलेंस मजबूत रहे। वे ऐसे खिलाड़ी देखेंगे जो डेथ ओवर्स में मैच खत्म कर सकें यानी मैच फिनिशर्स पर खासा ध्यान होगा। वे आंद्रे रसेल, लिविंस्टोन, विजय शंकर, महिपाल लोमरोर, डेविड मिलर और मैक्सवेल में से किसी को टारगेट कर सकते हैं।
कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR)
कुल स्लॉट खाली: 13 (6 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
केकेआर ने नीलामी से पहले सबसे ज्यादा खिलाड़ियों को रिलीज किया है। टीम एक तरह से खुद को नए सिरे से तैयार करेगी। रसेल, वेंकटेश अय्यर, डिकॉक और गुरबाज, फ्रेंचाइजी ने सभी स्टार खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। टीम को लगभग हर विभाग में स्लॉट फिल करना है। उनकी सबसे अहम जरूरतों में एक विकेटकीपर, एक ओपनिंग बैटर और एक अनुभवी ऑलराउंडर शामिल हैं। उनके पास भारी पर्स है, इसलिए केकेआर किसी भी बड़े खिलाड़ी को खरीदने की क्षमता रखता है। यह टीम सबसे आक्रामक बोली लगाने वाली फ्रेंचाइजी बन सकती है। टीम मैकगर्क, डुप्लेसिस, रचिन रवींद्र, कॉनवे और मिलर पर निशाना साध सकती है। कॉनवे के रूप में उन्हें एक ओपनर बैटर और विकेटकीपर मिल सकता है।
कुल स्लॉट खाली: 13 (6 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
केकेआर ने नीलामी से पहले सबसे ज्यादा खिलाड़ियों को रिलीज किया है। टीम एक तरह से खुद को नए सिरे से तैयार करेगी। रसेल, वेंकटेश अय्यर, डिकॉक और गुरबाज, फ्रेंचाइजी ने सभी स्टार खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। टीम को लगभग हर विभाग में स्लॉट फिल करना है। उनकी सबसे अहम जरूरतों में एक विकेटकीपर, एक ओपनिंग बैटर और एक अनुभवी ऑलराउंडर शामिल हैं। उनके पास भारी पर्स है, इसलिए केकेआर किसी भी बड़े खिलाड़ी को खरीदने की क्षमता रखता है। यह टीम सबसे आक्रामक बोली लगाने वाली फ्रेंचाइजी बन सकती है। टीम मैकगर्क, डुप्लेसिस, रचिन रवींद्र, कॉनवे और मिलर पर निशाना साध सकती है। कॉनवे के रूप में उन्हें एक ओपनर बैटर और विकेटकीपर मिल सकता है।
लखनऊ सुपर जाएंट्स (LSG)
कुल स्लॉट खाली: 6 (4 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
एलएसजी ने डेविड मिलर और रवि बिश्नोई जैसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को रिलीज किया है। इसलिए टीम को एक मैच फिनिशर और एक अच्छे स्पिनर की सख्त जरूरत है, जो दिग्वेश राठी का साथ दे सके। लखनऊ को एक पावर-हिटर मिडिल ऑर्डर बैटर और एक क्वालिटी लेग-स्पिनर और एक ऑलराउंडर की जरूरत है। एलएसजी हमेशा डेटा-चालित रणनीति अपनाती है, इसलिए वे स्मार्ट खरीदारी करते दिख सकते हैं। टीम की नजरें रमनदीप सिंह, क्विंटन डिकॉक, रसेल, रचिन रवींद्र, एडम जैंपा, हसरंगा या महीश तीक्षणा में से किसी पर हो सकती हैं।
कुल स्लॉट खाली: 6 (4 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
एलएसजी ने डेविड मिलर और रवि बिश्नोई जैसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को रिलीज किया है। इसलिए टीम को एक मैच फिनिशर और एक अच्छे स्पिनर की सख्त जरूरत है, जो दिग्वेश राठी का साथ दे सके। लखनऊ को एक पावर-हिटर मिडिल ऑर्डर बैटर और एक क्वालिटी लेग-स्पिनर और एक ऑलराउंडर की जरूरत है। एलएसजी हमेशा डेटा-चालित रणनीति अपनाती है, इसलिए वे स्मार्ट खरीदारी करते दिख सकते हैं। टीम की नजरें रमनदीप सिंह, क्विंटन डिकॉक, रसेल, रचिन रवींद्र, एडम जैंपा, हसरंगा या महीश तीक्षणा में से किसी पर हो सकती हैं।
मुंबई इंडियंस (MI)
कुल स्लॉट खाली: 5 (1 स्लॉट विदेशी खिलाड़ी के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
मुंबई इंडियंस पहले से ही काफी संतुलित दिख रही है। उनके पर्स में केवल 2.75 करोड़ रुपये बचे हैं, इसलिए टीम बड़े खिलाड़ियों के पीछे नहीं जाएगी। उन्हें केवल लो-प्रोफाइल घरेलू खिलाड़ी चाहिए, जो बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत कर सके। यह मीनी ऑक्शन एमआई के लिए शांत रहने वाला है।
कुल स्लॉट खाली: 5 (1 स्लॉट विदेशी खिलाड़ी के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
मुंबई इंडियंस पहले से ही काफी संतुलित दिख रही है। उनके पर्स में केवल 2.75 करोड़ रुपये बचे हैं, इसलिए टीम बड़े खिलाड़ियों के पीछे नहीं जाएगी। उन्हें केवल लो-प्रोफाइल घरेलू खिलाड़ी चाहिए, जो बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत कर सके। यह मीनी ऑक्शन एमआई के लिए शांत रहने वाला है।
पंजाब किंग्स (PBKS)
कुल स्लॉट खाली: 4 (2 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
पंजाब की प्लेइंग-11 लगभग तय है। अधिक पर्स न होने की वजह से टीम केवल फिल-अप खिलाड़ियों को ही खरीदेगी। ऑक्शन में पंजाब का प्रदर्शन बहुत शांत रहने की उम्मीद है। टीम केवल स्टोइनिस के बैकअप ऑलराउंडर और एक अनुभवी मध्यक्रम के बल्लेबाजी की तलाश करेगी। उनकी जगह डेविड मिलर को वापस लाने और रचिन रवींद्र-कॉनवे में से किसी एक को खरीदने पर होगी। ताकी बैकअप मजबूत रह सके।
कुल स्लॉट खाली: 4 (2 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
पंजाब की प्लेइंग-11 लगभग तय है। अधिक पर्स न होने की वजह से टीम केवल फिल-अप खिलाड़ियों को ही खरीदेगी। ऑक्शन में पंजाब का प्रदर्शन बहुत शांत रहने की उम्मीद है। टीम केवल स्टोइनिस के बैकअप ऑलराउंडर और एक अनुभवी मध्यक्रम के बल्लेबाजी की तलाश करेगी। उनकी जगह डेविड मिलर को वापस लाने और रचिन रवींद्र-कॉनवे में से किसी एक को खरीदने पर होगी। ताकी बैकअप मजबूत रह सके।
राजस्थान रॉयल्स (RR)
कुल स्लॉट खाली: 9 (1 स्लॉट विदेशी खिलाड़ी के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
आरआर ने अपने तीनों प्रमुख स्पिनर्स तीक्षणा, हसरंगा और कार्तिकेय को रिलीज कर दिया है। हालांकि, उनके पास रवींद्र जडेजा के रूप में अनुभवी स्पिनर मिला है, लेकिन फिर भी जयपुर की पिच को देखते हुए टीम एक या दो स्पिन विकल्प और रखना चाहेगी। साथ ही टीम को एक अनुभवी तेज गेंदबाज की सख्त जरूरत है। विदेशी स्लॉट केवल एक है, इसलिए उन्हें भारतीय स्पिनर्स पर बोली लगानी होगी। राजस्थान के टारगेट पर अनुभवी लेग स्पिनर कर्ण शर्मा और रवि बिश्नोई होंगे। या फिर टीम मैक्सवेल के रूप में एक अच्छे स्पिनर और बल्लेबाज को खरीदकर, फिर तेज गेंदबाजी का विकल्प चुनती दिख सकती है।
कुल स्लॉट खाली: 9 (1 स्लॉट विदेशी खिलाड़ी के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
आरआर ने अपने तीनों प्रमुख स्पिनर्स तीक्षणा, हसरंगा और कार्तिकेय को रिलीज कर दिया है। हालांकि, उनके पास रवींद्र जडेजा के रूप में अनुभवी स्पिनर मिला है, लेकिन फिर भी जयपुर की पिच को देखते हुए टीम एक या दो स्पिन विकल्प और रखना चाहेगी। साथ ही टीम को एक अनुभवी तेज गेंदबाज की सख्त जरूरत है। विदेशी स्लॉट केवल एक है, इसलिए उन्हें भारतीय स्पिनर्स पर बोली लगानी होगी। राजस्थान के टारगेट पर अनुभवी लेग स्पिनर कर्ण शर्मा और रवि बिश्नोई होंगे। या फिर टीम मैक्सवेल के रूप में एक अच्छे स्पिनर और बल्लेबाज को खरीदकर, फिर तेज गेंदबाजी का विकल्प चुनती दिख सकती है।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB)
कुल स्लॉट खाली: 8 (2 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
आरसीबी को सबसे ज्यादा जरूरत है एक ओवरसीज फास्ट बॉलिंग बैकअप की, जो हेजलवुड की अनुपस्थिति या वर्कलोड में मदद कर सके। टीम ने लुंगी एनगिडी को रिलीज कर दिया है। इसके अलावा यश दयाल के बैकअप की भी जरूरत होगी, क्योंकि यश पिछले सीजन कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखे थे। साथ ही एक डेथ ओवर स्पेशलिस्ट भी जरूरी है, जो भुवनेश्वर का साथ दे सके। आरसीबी गेंदबाजी विभाग को और मजबूती देने पर ध्यान देगी।
कुल स्लॉट खाली: 8 (2 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
आरसीबी को सबसे ज्यादा जरूरत है एक ओवरसीज फास्ट बॉलिंग बैकअप की, जो हेजलवुड की अनुपस्थिति या वर्कलोड में मदद कर सके। टीम ने लुंगी एनगिडी को रिलीज कर दिया है। इसके अलावा यश दयाल के बैकअप की भी जरूरत होगी, क्योंकि यश पिछले सीजन कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखे थे। साथ ही एक डेथ ओवर स्पेशलिस्ट भी जरूरी है, जो भुवनेश्वर का साथ दे सके। आरसीबी गेंदबाजी विभाग को और मजबूती देने पर ध्यान देगी।
सनराइजर्स हैदराबाद (SRH)
कुल स्लॉट खाली: 10 (2 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
जैम्पा और राहुल चाहर को रिलीज करने के बाद हैदराबाद को दो अनुभवी स्पिनर्स की तलाश ही। टीम का फोकस भारतीय स्पिनर ढूंढने पर होगा और ऐसे में रवि बिश्नोई अहम साबित हो सकते हैं। इसके अलावा टीम हसरंगा या फिर तीक्षणा को भी टारगेट कर सकती है। साथ ही हैदराबाद को एक ऑलराउंडर और एक भारतीय तेज गेंदबाज की भी जरूरत है। शमी को ट्रेड करने के बाद हैदराबाद गेंदबाजी विभाग को और मजबूत करना चाहेगी। सनराइजर्स हमेशा बोल्ड पिक करती है, इसलिए वे कुछ अनोखे खिलाड़ियों पर दांव लगा सकते हैं। टीम आकाश मधवाल, चेतन साकरिया, कमलेश नागरकोटी, आकाश दीप या राजवर्धन हंगरगेकर को टारगेट करती दिख सकती है। पथिराना और नॉर्त्जे पर भी फ्रेंचाइजी की नजरें होंगी।
कुल स्लॉट खाली: 10 (2 स्लॉट विदेशी खिलाड़ियों के लिए)
नीलामी में क्या चाहिए:
जैम्पा और राहुल चाहर को रिलीज करने के बाद हैदराबाद को दो अनुभवी स्पिनर्स की तलाश ही। टीम का फोकस भारतीय स्पिनर ढूंढने पर होगा और ऐसे में रवि बिश्नोई अहम साबित हो सकते हैं। इसके अलावा टीम हसरंगा या फिर तीक्षणा को भी टारगेट कर सकती है। साथ ही हैदराबाद को एक ऑलराउंडर और एक भारतीय तेज गेंदबाज की भी जरूरत है। शमी को ट्रेड करने के बाद हैदराबाद गेंदबाजी विभाग को और मजबूत करना चाहेगी। सनराइजर्स हमेशा बोल्ड पिक करती है, इसलिए वे कुछ अनोखे खिलाड़ियों पर दांव लगा सकते हैं। टीम आकाश मधवाल, चेतन साकरिया, कमलेश नागरकोटी, आकाश दीप या राजवर्धन हंगरगेकर को टारगेट करती दिख सकती है। पथिराना और नॉर्त्जे पर भी फ्रेंचाइजी की नजरें होंगी।