उत्तराखंड आपदा: सुंदरढूंगा में बचाव दल को दिखे पांच शव, बर्फबारी के कारण नहीं निकाले जा सके
Uttarakhand disaster News: एसडीआरएफ के 13 सदस्यी दल ने सोमवार को देवीकुंड क्षेत्र में नाकुंड और भनार के समीप पहुंच कर तीन किमी की परिधि में खोजबीन की।

विस्तार
बचाव दल को सुंदरढूंगा ग्लेशियर क्षेत्र में पांच लोगों के शव दिखाई दिए हैं। खराब मौसम के कारण शवों को नहीं निकाला जा सका। ट्रैकिंग दल के एक सदस्य की दल को अब भी तलाश है। लापता ट्रैकिंग दल में पांच ट्रैकर और एक गाइड शामिल था।

जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि खोजबीन के लिए गए एसडीआरएफ के 13 सदस्यी दल ने सोमवार को देवीकुंड क्षेत्र में नाकुंड और भनार के समीप पहुंच कर तीन किमी की परिधि में खोजबीन की। दल को पांच व्यक्तियों के शव दिखाई दिए। शव बर्फ में दबे हुए हैं। भारी बर्फबारी और मौसम खराब होने के कारण शवों को वहां से निकालना संभव नहीं हो पाया। एक लापता ट्रैकर की खोजबीन जारी है।
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रेस्क्यू अभियान के दौरान एसडीआरएफ के दो जवान चोटिल हो गए हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। मंगलवार को एक बार फिर रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा। सोमवार को जिलाधिकारी विनीत कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव कपकोट के केदारेश्वर मैदान में मौजूद रहे। वे रेस्क्यू टीम की गतिविधियों की जानकारी लेते रहे। केदारेश्वर मैदान में अध्यक्ष जिला पंचायत बसंती देव, विधायक कपकोट बलवंत सिंह भौर्याल, उपजिलाधिकारी कपकोट पारितोष वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।
चमोली: मलबे में दबे लोगों की खोज में जुटी एसएसबी
मलबे में दबे डुंग्री गांव के दो लोगों का सात दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है। अब खोज के लिए एसएसबी के साथ ही डॉग स्क्वायड भी उनकी खोज में जुटी हुई है। ग्राम प्रधान नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि पिछले दिनों अतिवृष्टि के दौरान ग्राम पंचायत डुंग्री के आल्यूं तोक में पानी की खराब लाइन ठीक करने गए गांव के दो लोग पहाड़ी से आए मलबे के नीचे दब गए थे।
सूचना पर एसडीआरएफ व एनडीआरएफ सहित रेगुलर पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी रहीं। इस बीच सीएम ने भी डुंग्री गांव पहुंचकर लापता युवकों के परिजनों से मुलाकात कर प्रशासन को निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्य में कोई भी कोताही नहीं बरती जाए, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी दोनों लोगों का कुछ पता नहीं लग पाया है। एसएसबी की टीम और देहरादून से डाग स्क्वायड भी घटनास्थल पर दोनों लापता युवकों की तलाशी में जुटे हैं।
आपदा से आठ जिलों में 400 से अधिक स्कूल हुए क्षतिग्रस्त
प्रदेश में 18 और 19 अक्तूबर को बारिश और अतिवृष्टि ने स्कूलों पर जमकर कहर बरपाया है। स्कूलों में जलभराव के साथ ही मलबा आ गया है। जबकि कुछ स्कूल भवनों के पुस्ते दरक गए हैं। दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक आठ जिलों में चार सौ से अधिक स्कूल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों को ठीक किए जाने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे।
प्रदेश में बीते दिनों बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जगह-जगह सड़के बंद होने के साथ जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आपदा से विभाग को 19 करोड़ से अधिक की क्षति का अनुमान है। इसमें कुमाऊं मंडल में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में 417 स्कूल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आपदा से अल्मोड़ा जिले में आठ करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके अलावा पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भी स्कूलों को काफी नुकसान पहुंचा है। शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त स्कूलों को ठीक किया जाए। इसके लिए सचिव आपदा प्रबंधन को भी पत्र लिखा गया है।