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उत्तराखंड: ट्रैकरों की मौत के बाद जागा प्रशासन, बिना अनुमति ग्लेशियरों की सैर पर गए तो होगी कड़ी कार्रवाई

संवाद न्यूज एजेंसी, बागेश्वर Published by: अलका त्यागी Updated Sat, 23 Oct 2021 05:59 PM IST
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सार

शुक्रवार को अमर उजाला ने "ग्लेशियरों की सैर पर जाने वालों से प्रशासन अंजान" शीर्षक से खबर प्रकाशित की। जिसमें प्रशासन के कार्यप्रणाली को उजागर किया गया।

Uttarakhand Disaster: Strict action will be taken if any one go For Trekking to glaciers without permission
ट्रैकिंग पर जाते लोग - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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उत्तराखंड में बिना अनुमति ग्लेशियरों की सैर पर गए पर्यटकों के खिलाफ वन विभाग सख्त कदम उठाएगा। आपदा के दौरान पंजीकरण संबंधी कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने के बाद विभाग ने ट्रैकरों को भेजने वाले टूर ऑपरेटरों का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है। विभाग ने बीते दिनों आई आपदा में कई ट्रैकरों की मौत के बाद सबक लेते हुए भविष्य के लिए पंजीकरण संबंधी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भी कमर कस ली है।

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प्रदेश में तीन दिन की बारिश के बाद पिंडारी, सुंदरढूंगा और कफनी ग्लेशियरों में करीब 75 पर्यटक और स्थानीय लोग फंस गए थे। पर्यटकों में बंगाल, महाराष्ट्र के अलावा अमेरिकी मूल के लोग भी शामिल थे। ट्रैकरों के फंसने के बाद खोजबीन की गई तो किसी का भी रिकॉर्ड वन विभाग के पास दर्ज नहीं था, जबकि वन क्षेत्र में पड़ने वाले ग्लेशियरों की यात्रा के लिए वन विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
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उत्तराखंड आपदा: ग्लेशियरों की सैर पर जाने वालों से प्रशासन ‘अंजान’, नहीं है कोई रिकॉर्ड

शुक्रवार को अमर उजाला ने "ग्लेशियरों की सैर पर जाने वालों से प्रशासन अंजान" शीर्षक से खबर प्रकाशित की। जिसमें प्रशासन के कार्यप्रणाली को उजागर किया गया। वन विभाग ने तय किया है कि जितने भी देशी और विदेशी पर्यटक बिना पंजीकरण कराए ग्लेशियरों की सैर पर गए थे, उनके टूर ऑपरेटरों का पता लगाया जाएगा। जिसके बाद ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कपकोट से वन विभाग के पंजीकरण केंद्र को खर्किया या खाती किया जाएगा शिफ्ट

ग्लेशियरों की सैर पर जाने वाले पर्यटकों की कपकोट और लोहारखेत में बने वन विभाग के बैरियर पर पंजीकरण और जांच की जाती है। कपकोट में पंजीकरण नहीं कराने वाले को लोहारखेत में रोक दिया जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कर्मी मोटर मार्ग और अन्य रास्तों के बनने के बाद पर्यटक बिना पंजीकरण कराए आसानी से ग्लेशियर तक पहुंच रहे हैं। बीते दिनों हुए हादसे से पहले प्रशासन ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया था, हालांकि अब कपकोट या लोहारखते के बैरियर को खाती या खर्किया में शिफ्ट कराने को लेकर चर्चा हो रही है। डीएफओ, डीएम और एसपी ने इस प्रस्ताव पर चर्चा भी कर ली है। रेस्क्यू अभियान समाप्त होने के बाद इसका प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने पर कार्य होगा।

नियम तोड़ने वालों पर विभिन्न धाराओं में हो सकती है कार्रवाई
वन विभाग के ग्लेशियर रेंज के आरओ विजय मेलकानी ने बताया कि ग्लेशियरों की सैर पर जाने वाले देशी पर्यटकों के लिए एक सप्ताह तक का पंजीकरण शुल्क 67 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 122 रुपये है। एक सप्ताह के बाद यह प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ता है। बताया कि बिना अनुमति के ग्लेशियरों में पकड़े जाने वाले के खिलाफ वन अधिनियम, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और वन पंचायत नियमावली के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

बिना अनुमति ग्लेशियरों की सैर पर गए पर्यटकों के नाम, पते एकत्र किए हैं। जिसके आधार पर टूर ऑपरेटरों का पता लगाया जा रहा है। खर्किया और खाती में पंजीकरण बैरियर को शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। भविष्य में बिना पंजीकरण कराए ग्लेशियर जाने वाले पर्यटकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- हिमांशु बागरी, डीएफओ बागेश्वर

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