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Delhi: माली समेत अन्य कर्मचारियों की कमी से जूझ रही MCD, ठेके पर रखेगी स्टाफ, हरियाली-प्रदूषण नियंत्रण पर जोर
विनोद डबास, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Tue, 14 Oct 2025 05:29 AM IST
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सार
एमसीडी के उद्यान विभाग में 6,433 माली (एमटीएस उद्यान) के पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 2,070 माली कार्यरत हैं। इस भारी कमी के कारण 15,000 पार्क और हरित क्षेत्र सही ढंग से बनाए नहीं जा रहे थे। इसी तरह, 98 वाहन उपलब्ध होने के बावजूद केवल 26 चालक ही काम कर पा रहे थे।

एमसीडी मुख्यालय
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
एमसीडी ने शहर के पार्कों और हरित क्षेत्रों में हरियाली बनाए रखने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एमसीडी के उद्यान विभाग में माली, चालक और तकनीकी सहायक की भारी कमी के कारण पार्कों का अनुरक्षण प्रभावित हो रहा था। इसी कमी को दूर करने के लिए कर्मचारी आउटसोर्सिंग करने का निर्णय लिया है।

एमसीडी के उद्यान विभाग में 6,433 माली (एमटीएस उद्यान) के पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 2,070 माली कार्यरत हैं। इस भारी कमी के कारण 15,000 पार्क और हरित क्षेत्र सही ढंग से बनाए नहीं जा रहे थे। इसी तरह, 98 वाहन उपलब्ध होने के बावजूद केवल 26 चालक ही काम कर पा रहे थे, जिससे पानी के टैंकर, ट्रैक्टर और टिपर जैसी सेवाओं में भी व्यवधान आ रहा था। साथ ही तकनीकी सहायक (उद्यान) के तीनों पद खाली थे, जिससे पार्कों की गुणवत्ता जांच और योजनाओं की तैयारी भी प्रभावित हो रही थी। इन समस्याओं को देखते हुए एमसीडी ने माली, चालक और तकनीकी सहायक की आउटसोर्सिंग करने का निर्णय लिया है। वह 2,355 माली, 33 चालक और तीन तकनीकी सहायक ठेके पर ले रही है।
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हरे-भरे पार्क और स्वच्छ वातावरण का लक्ष्य
एमसीडी अधिकारियों ने बताया कि इससे न केवल पार्कों की हरियाली बढ़ेगी, बल्कि शहर में वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी। एमसीडी चाहती हैं कि दिल्ली के पार्क साफ-सुथरे और हरे-भरे हों। इसके लिए जरूरी जनशक्ति अब पूरी की जा रही है। उद्यान विभाग ने बताया कि तीन एकड़ से बड़े पार्कों के अनुरक्षण के लिए भी आउटसोर्सिंग प्रक्रिया जारी है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो पार्कों में कर्मचारियों का वितरण समानुपातिक रूप से किया जाएगा। इन कर्मचारियों के लिए एमसीडी करीब 143 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह कर्मचारी दो साल तक लिए जा रहे हैं। एमसीडी का मानना है कि इस पहल से दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण मिलेगा।