Delhi-NCR AQI: दिवाली के दूसरे दिन भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर, आसमान में धुंध; जानें कहां कितना एक्यूआई
Delhi Pollution Today: दिल्ली में ग्रेप-2 लागू है, लेकिन आरके पुरम में एक्यूआई 380 तक पहुंच गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। दिवाली के बाद धुंध और स्मॉग ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है।

विस्तार
दिवाली के दूसरे दिन आज दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बरकरार है। हवा दमघोंटू बनी हुई है। हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आंकड़े जारी किए हैं। दिल्ली का औसत एक्यूआई 345-380 के बीच है। वहीं दूसरी तरफ ग्रेप-2 पूरी तरह से लागू है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के आरके पुरम क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 380 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी के अंतर्गत आता है। दिवाली के बाद, पटाखों के धुएं और अन्य मौसमी कारकों के कारण धुंध और स्मॉग की स्थिति और गंभीर हो गई है। यह स्थिति न केवल दिल्ली बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में चिंता का विषय बनी हुई है।
दिल्ली में दीपावली के दूसरे दिन लोग कर्तव्यपथ पर मॉर्निंग वॉक पर निकले। जहां एक स्थानीय निवासी शैलेंद्र रे ने साइकिलिंग के दौरान कहा कि दिवाली के बाद आमतौर पर हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। दृश्यता कम होती है। लेकिन कुल मिलाकर स्थिति हर साल जैसी ही है। अभी सांस लेने में कोई समस्या नहीं है। चूंकि हम सुबह जल्दी निकलते हैं, इसलिए उस समय दृश्यता कम होती है।#WATCH | Visuals from the ITO as GRAP-2 invoked in Delhi.
— ANI (@ANI) October 22, 2025
The Air Quality Index (AQI) in the region was recorded at 361, in the 'Very Poor' category, this morning pic.twitter.com/4KEqIV2wRc
जानें दिल्ली में प्रदूषण को लेकर क्या बोलीं सीएम रेखा गुप्ता#WATCH | Delhi: Shailendra Ray, a local, says, "The air quality usually deteriorates after Diwali. There is low visibility, but the overall situation is the same as every year. There is no such problem in breathing as of now. Since we come out early in the morning, there is low… https://t.co/aHjq0FQI9V pic.twitter.com/jcPoXPlNEW
— ANI (@ANI) October 22, 2025
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने एक्यूआई को लेकर कहा कि हम सभी ने आंकड़े देखे हैं। अगर हम दिवाली के अगले दिन के आंकड़ों की तुलना पिछली सरकारों से करें, तो संख्या में कमी आई है। हालांकि पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई थी, लेकिन दिवाली और अगले दिन के बीच का अंतर कम हुआ है, जो प्रदूषण में कमी का संकेत है। सरकार दिल्ली के लिए जो भी संभव है। वो हमारी सरकार कर रही है।
#WATCH | On the air quality in the national capital, Delhi CM Rekha Gupta says, "We have all seen the data. If we compare the data (AQI) of the next day of Diwali with the previous governments, the number has decreased. Although permission was granted to burst firecrackers, the… pic.twitter.com/DOUjNhOoDa
— ANI (@ANI) October 22, 2025
विपक्ष दोषारोपण का खेल खेलेगा: पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक इंटरव्यू के दौरान प्रदूषण को लेकर कहा कि विपक्ष दोषारोपण का खेल खेलेगा। उन्होंने 10 साल तक शासन किया। राजधानी को बर्बाद और लूटा है। अब, जब दिल्ली उभर रही है, तो उनके पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। रेखा गुप्ता की सरकार के सात महीनों में दिल्ली से 2.5 मिलियन मीट्रिक टन कचरा हटाया गया। आज दिल्ली भर में चलने वाली सभी बसों को इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बदल दिया गया है। लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी ऑटो अब ई-ऑटो हैं। आगे कहा कि डीपीसीसी के माध्यम से 500 से अधिक 'गज्जों' के निर्माण स्थलों की निगरानी की जा रही है और सख्त अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। निर्माण की निगरानी भी शुरू हो गई है। लगभग 15 हजार पुनर्स्थापित उद्योगों को नियमित किया गया। उनमें से 6 हजार को मानदंडों के तहत लाया गया। जिससे प्रदूषण समाप्त हो गया।
'यमुना नदी की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू'
बातचीत के दौरान आगे कहा कि यमुना नदी में बहने वाला सीवेज इसे प्रदूषित कर रहा था। उस पर बड़े पैमाने पर काम शुरू हो गया है। एसटीपी जो बिना निगरानी के चल रहे थे और यमुना में गंदा पानी छोड़ने की समस्या को फिर से सुलझा लिया गया है। कई विकेंद्रीकरण परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि यमुना इतनी जल्दी इतनी साफ हो जाएगी। उनका हम पर आरोप लगाना स्वाभाविक है, और यह उनकी हताशा का संकेत है।
#WATCH | Delhi | On Delhi pollution levels, Delhi Environment Minister Manjinder Singh Sirsa says, "After tomorrow, there won't be any firecrackers but still the AQI will remain high because as the weather cools, the smog will accumulate. The Aam Aadmi Party is in power in… https://t.co/om3EctNgFf pic.twitter.com/oJTCgZu6BQ
— ANI (@ANI) October 22, 2025
सिरसा का आम आदमी पार्टी पर हमला
दिवाली के कारण बढ़ते प्रदूषण पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह पटाखों की वजह से नहीं है। आम आदमी पार्टी पूरी ताकत लगा रही है कि दिल्ली में प्रदूषण दिवाली की वजह से है। उनका पूरा ध्यान इसी पर है क्योंकि उन्हें एक खास वोट बैंक को खुश करना है। वे यह कहकर दिवाली पर प्रतिबंध लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि दीये जलाने और पटाखे फोड़ने से धुआं निकलता है। आगे कहा कि डीपीसीसी और सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक दिवाली से एक रात पहले एक्यूआई 345 था। यह पिछले कई साल के मुकाबले कम है। 2020 में यह 414 था, 2021 में यह 382 था। हमारे समय में यह 345 था। दीपावली पर पटाखे फोड़ने के बाद यह 356 हो गया। यानी 11 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल पटाखों पर प्रतिबंध लगा था। दिवाली से एक दिन पहले एक्यूआई 328 था और दिवाली की अगली सुबह यह 360 था। इसमें 32 अंकों की बढ़ोतरी हुई थी। उससे पिछले साल (2024), दिवाली से एक दिन पहले यह 218 था और अगली सुबह 301 था। यानी 83 अंकों की बढ़ोतरी हुई। दीपावली के पटाखों को इससे जोड़ना बेईमानी होगी। असर तो हुआ ही होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि इस प्रदूषण के लिए दीपावली और हिंदू-सनातनी जिम्मेदार हैं, यह पाप है। आम आदमी पार्टी 10 साल की बीमारी पीछे छोड़ गई है। हम इन पर तेजी से काम कर रहे हैं। यह संभव नहीं है कि ये बीमारियां एक घंटे में ठीक हो जाएं।
एनसीआर में वायु प्रदूषण का गंभीर संकट लगातार बना हुआ है, जिसमें उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में से एक के रूप में सामने आया है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 324 दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। इसी श्रेणी में नोएडा (320) और हापुड़ (314) भी शामिल हैं। हरियाणा के नारनौल में एक्यूआई 390, रोहतक में 376, गुरुग्राम में 370 और बहादुरगढ़ में 368 तक पहुंच गया है, जो गंभीर स्थिति का संकेत है। राजस्थान के भिवाड़ी में 364 और गुजरात के नंदेसरी में 303 एक्यूआई दर्ज किया गया है।
ग्रेप-2 का कार्यान्वयन और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए, दिल्ली में ग्रेप-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के दूसरे चरण को लागू कर दिया गया है। इस चरण के तहत वायु प्रदूषण में वृद्धि करने वाली गतिविधियों पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें धूल पैदा करने वाली निर्माण और विध्वंस गतिविधियों को नियंत्रित करना शामिल है। साथ ही, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है, यदि बिजली की आपूर्ति बाधित होती है। ग्रेप-2 का उद्देश्य वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से प्रभावी ढंग से निपटना है।
प्रदूषण से राहत की उम्मीद कम
मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर को आने वाले दिनों में भी प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद कम है। वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी के बीच ही बने रहने की संभावना है। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र हर सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करते हैं। वाहनों का धुआं, खेतों में पराली जलाना और धूल इसके प्रमुख कारण हैं, जिससे दो करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं।
पिछले सप्ताह, सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध में कुछ ढील देते हुए दिवाली के अवसर पर हरित पटाखे चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन यह कदम वायु प्रदूषण की समग्र समस्या को हल करने में पर्याप्त नहीं है।
जानें एक्यूआई रीडिंग के मानक
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि आम जनता को वायु प्रदूषण के स्तर को समझने में मदद मिल सके।
अच्छा: 0-50
संतोषजनक: 51-100
मध्यम प्रदूषित: 101-200
खराब: 201-300
बहुत खराब: 301-400
गंभीर: 401-500
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