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Ghaziabad News: फ्लैट के नाम पर ठगी, बिल्डर व बैंक प्रबंधक समेत चार पर प्राथमिकी
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इंदिरापुरम। अहिंसाखंड दो स्थित मेसर्स ऋषभ बिल्डवैल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संजीव जैन और उनकी पत्नी कविता जैन समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। 23 दिसंबर को दर्ज हुए मामले में नोएडा सेक्टर 62 स्थित एचडीएफसी बैंक शाखा के प्रबंधक को भी शामिल किया गया है। आरोप है कि बिल्डर ने इंदिरापुरम स्थित हिंडन ग्रीन वैली प्रोजेक्ट में फ्लैट देने के बहाने करीब 26.63 लाख रुपये लेकर हड़प लिए। फ्लैट न मिलने पर जब तकादा किया तब आरोपियों ने पीड़ित को धमकी भी दे डाली। यह आरोप दिल्ली के कृष्णा नगर निवासी राजीव जैन ने लगाए हैं।
दर्ज मामले में राजीव जैन ने बताया कि 20 अक्तूबर 2016 को उन्होंने बिल्डर से संपर्क किया था। बिल्डर ने उन्हें हिंडन ग्रीन वैली के 11वें तल पर एक दो बीएचके फ्लैट दिलाने का सौदा करीब 63.84 लाख रुपये में हुआ। बयाना बतौर 2.74 लाख रुपये उन्होंने बिल्डर के बैंक खाते में भुगतान किया। इस तरह आरोपियों ने कुल 26.63 लाख रुपये भी ले लिए और फ्लैट भी नहीं दिया। तय अनुबंध के तहत वर्ष 2017 में उन्हें फ्लैट मिलना था और ऐसा न होने पर बिल्डर जमा की गई रकम को छह प्रतिशत ब्याज के साथ उन्हें वापस करते। आरोप है कि नोएडा स्थित निजी बैंक की शाखा से उन्होंने लोन लिया जो सीधे बिल्डर के नाम पर आवंटित हुआ। फ्लैट में निर्माण कार्य कराना बिल्डर की जिम्मेदारी थी। काम न होने और फ्लैट न मिलने पर उन्होंने बैंक से लोन की रकम निकाले जाने पर रोक लगवा दी। आरोप है कि तब बिल्डर ने बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से साठगांठ कर लोन की अग्रिम राशि स्थानांतरित करा ली। पुलिस से शिकायत करने पर भी जब कार्रवाई नहीं हुई तब उन्होंने कोर्ट का रुख किया। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट के आदेश से प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़ित के दिए साक्ष्यों की जांच की जा रही है। आरोपियों को नोटिस भेजा गया है।
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दर्ज मामले में राजीव जैन ने बताया कि 20 अक्तूबर 2016 को उन्होंने बिल्डर से संपर्क किया था। बिल्डर ने उन्हें हिंडन ग्रीन वैली के 11वें तल पर एक दो बीएचके फ्लैट दिलाने का सौदा करीब 63.84 लाख रुपये में हुआ। बयाना बतौर 2.74 लाख रुपये उन्होंने बिल्डर के बैंक खाते में भुगतान किया। इस तरह आरोपियों ने कुल 26.63 लाख रुपये भी ले लिए और फ्लैट भी नहीं दिया। तय अनुबंध के तहत वर्ष 2017 में उन्हें फ्लैट मिलना था और ऐसा न होने पर बिल्डर जमा की गई रकम को छह प्रतिशत ब्याज के साथ उन्हें वापस करते। आरोप है कि नोएडा स्थित निजी बैंक की शाखा से उन्होंने लोन लिया जो सीधे बिल्डर के नाम पर आवंटित हुआ। फ्लैट में निर्माण कार्य कराना बिल्डर की जिम्मेदारी थी। काम न होने और फ्लैट न मिलने पर उन्होंने बैंक से लोन की रकम निकाले जाने पर रोक लगवा दी। आरोप है कि तब बिल्डर ने बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से साठगांठ कर लोन की अग्रिम राशि स्थानांतरित करा ली। पुलिस से शिकायत करने पर भी जब कार्रवाई नहीं हुई तब उन्होंने कोर्ट का रुख किया। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट के आदेश से प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़ित के दिए साक्ष्यों की जांच की जा रही है। आरोपियों को नोटिस भेजा गया है।
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