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Noida News: रिटायरमेंट के 9 साल बाद भी क्वार्टर खाली नहीं किया, जुर्माना
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निचली अदालतों ने 1 लाख रुपये जुर्माना और क्वार्टर खाली करने का आदेश सुनाया था
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व बिजली कर्मचारी विनोद कुमार भाटिया की रिवीजन याचिका खारिज कर दी। भाटिया पर रिटायरमेंट के बाद कंपनी का आवास खाली न करने के आरोप में 1 लाख रुपये जुर्माना और क्वार्टर खाली करने का आदेश पहले ही सुनाया गया था।
न्यायमूर्ति अमित महाजन की एकल पीठ ने निचली अदालतों के फैसले में कोई कानूनी खामी नहीं पाई और याचिका निरस्त कर दी। दिल्ली विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी विनोद को सर्विस के दौरान 1987 में त्रिपोलिया कॉलोनी, दिल्ली में टाइप-2 का क्वार्टर नंबर जी-1 आवंटित किया गया था। भाटिया 31 दिसंबर 2016 को रिटायर हो गए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया। 2001 में दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट के तहत बोर्ड की संपत्तियां निजी डिस्कॉम्स में ट्रांसफर कर दी गईं। त्रिपोलिया कॉलोनी के सभी 429 क्वार्टर (टाइप-1 से टाइप-4 तक) बेस पावर रिस्पॉन्स कंपनी लिमिटेड को सौंप दिए गए। इसके बावजूद भाटिया ने करीब 9 साल तक क्वार्टर पर कब्जा बनाए रखा। कंपनी ने शिकायत दर्ज की, जिसके तहत पूर्व कर्मचारी द्वारा कंपनी की संपत्ति गलत तरीके से रोके रखना अपराध है। ट्रायल कोर्ट ने 11 अक्टूबर 2021 को भाटिया को दोषी ठहराया। वहीं, 18 जुलाई 2022 को 1 लाख रुपये जुर्माना और 12 महीने में क्वार्टर खाली करने का आदेश दिया।अब याचिका खारिज होने के साथ ही भाटिया पर 1 लाख रुपये जुर्माना और क्वार्टर खाली करने का अंतिम आदेश बरकरार है।
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नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व बिजली कर्मचारी विनोद कुमार भाटिया की रिवीजन याचिका खारिज कर दी। भाटिया पर रिटायरमेंट के बाद कंपनी का आवास खाली न करने के आरोप में 1 लाख रुपये जुर्माना और क्वार्टर खाली करने का आदेश पहले ही सुनाया गया था।
न्यायमूर्ति अमित महाजन की एकल पीठ ने निचली अदालतों के फैसले में कोई कानूनी खामी नहीं पाई और याचिका निरस्त कर दी। दिल्ली विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी विनोद को सर्विस के दौरान 1987 में त्रिपोलिया कॉलोनी, दिल्ली में टाइप-2 का क्वार्टर नंबर जी-1 आवंटित किया गया था। भाटिया 31 दिसंबर 2016 को रिटायर हो गए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया। 2001 में दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट के तहत बोर्ड की संपत्तियां निजी डिस्कॉम्स में ट्रांसफर कर दी गईं। त्रिपोलिया कॉलोनी के सभी 429 क्वार्टर (टाइप-1 से टाइप-4 तक) बेस पावर रिस्पॉन्स कंपनी लिमिटेड को सौंप दिए गए। इसके बावजूद भाटिया ने करीब 9 साल तक क्वार्टर पर कब्जा बनाए रखा। कंपनी ने शिकायत दर्ज की, जिसके तहत पूर्व कर्मचारी द्वारा कंपनी की संपत्ति गलत तरीके से रोके रखना अपराध है। ट्रायल कोर्ट ने 11 अक्टूबर 2021 को भाटिया को दोषी ठहराया। वहीं, 18 जुलाई 2022 को 1 लाख रुपये जुर्माना और 12 महीने में क्वार्टर खाली करने का आदेश दिया।अब याचिका खारिज होने के साथ ही भाटिया पर 1 लाख रुपये जुर्माना और क्वार्टर खाली करने का अंतिम आदेश बरकरार है।
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