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Noida News: ड्रोन से ब्लड भेजने का प्रोजेक्ट अटका

Noida Bureau नोएडा ब्यूरो
Updated Fri, 05 Dec 2025 06:02 PM IST
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Drone blood delivery project stalled
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-चाइल्ड पीजीआई को नहीं मिला बजट, ट्रायल तक नहीं हो सका शुरू
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-100 किमी के दायरे में ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों को भेजा जाना था रक्त
माई सिटी रिपोर्टर
नोएडा। चाइल्ड पीजीआई का 100 किलोमीटर की परिधि में ड्रोन के जरिए ब्लड भेजने का महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल कागजों में ही अटका गया है। संस्थान को इस प्रोजेक्ट के संचालन के लिए आवश्यक बजट अभी तक नहीं मिल पाया है। इसकी वजह से ट्रायल शुरू नहीं हो सका। संस्थान को उम्मीद थी कि प्रोजेक्ट पर स्वीकृति मिलने के बाद दूर दराज के अस्पतालों को ब्लड भेजकर उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया जा सकेगा।

ड्रोन से ब्लड भेजने के लिए तापमान नियंत्रित बॉक्स, स्पेशल फ्लाइट प्लानिंग, परीक्षण किट, डेटा रिकॉर्डिंग सिस्टम और क्वालिटी एनालिसिस लैब की तैयारी की जानी थी। इसके अलावा ड्रोन ऑपरेटर, तकनीकी टीम और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए भी अलग बजट की जरूरत है। चाइल्ड पीजीआई में 1000 यूनिट क्षमता वाला ब्लड बैंक मौजूद है। यहां थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया समेत रक्त संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हजारों बच्चों का इलाज चल रहा है।
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा सहित आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में बच्चे उपचार के लिए आते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज ग्रामीण इलाकों से आते हैं, जहां उनके नजदीक अस्पताल तो होते हैं, लेकिन वहां रक्त की उपलब्धता समय पर नहीं हो पाती। इस वजह से मरीज सीधे चाइल्ड पीजीआई आते हैं। ऐसे में समस्याओं को देखते हुए अस्पताल प्रशसन इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था।


सूक्ष्म परतों में होना था निरीक्षण
देश के कई हिस्सों में पहले भी ड्रोन के माध्यम से रक्त परिवहन की सफल कोशिशें हुई हैं, लेकिन चाइल्ड पीजीआई का यह प्रोजेक्ट खास इसलिए था क्योंकि इसमें न केवल ब्लड भेजना था बल्कि एक से दो दिनों तक ब्लड को स्टोर कर उसकी गुणवत्ता पर वैज्ञानिक अध्ययन भी किया जाना था। रक्त को तापमान नियंत्रित बॉक्स में रखकर ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास में भेजा जाता। उसके बाद रक्त में प्लाज्मा, प्लेटलेट्स लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं आदि की गुणवत्ता की वैज्ञानिक स्तर पर जांच की जानी थी। डॉक्टरों ने बताया कि इससे यह पता चलना था कि लंबी दूरी और ऊंचाई पर ड्रोन उड़ान ब्लड के घटकों हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, रेड सेल्स पर क्या असर डालती है।
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अभी तक इस प्रोजेक्ट के लिए बजट नहीं मिल पाया है। इस वजह से इस स्कीम को शुरू होने में देरी हो रही है।
डॉ अरुण कुमार सिंह, निदेशक, चाइल्ड पीजीआई
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