UK: अल्मोड़ा में HIV के मामले तिगुने...इस साल 26 मरीज, जिनमें 20 पुरुष; अधिकारी कह रहे- जागरूकता से बढ़ी जांच
अल्मोड़ा जिले में एचआईवी पॉजीटिव महिलाओं से तिगुना संख्या पुरुषों की है। बीते साल की अपेक्षा मरीज बढ़े हैं।
विस्तार
अल्मोड़ा जिले में एचआईवी पॉजीटिव महिलाओं से तिगुना संख्या पुरुषों की है। बीते साल की अपेक्षा मरीज बढ़े हैं। 2024 में जहां जिले में केवल सात एचआईवी पॉजीटिव मिले थे, वहीं इस साल अब तक जिले में कुल 26 लोग एचआईवी पॉजीटिव मिले हैं। इसमें सर्वाधिक 20 पुरुष और छह महिलाएं हैँ।
अधिकारी एचआईवी केस बढ़ने का कारण लोगों में जागरूकता को बता रहे हैं। वह कहते हैं कि लोग अधिक संख्या में जांच के लिए आ रहे हैं। पहले लोग इसकी जांच नहीं कराते थे। यही कारण है कि एचआईवी पॉजीटिव मरीज विभाग के रिकॉर्ड में आ रहे हैं। वर्ष 2024 में अल्मोड़ा में सात एचआईवी पॉजीटिव मिले थे। इसमें तीन पुरुष, तीन महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर हैं।
अल्मोड़ा में तीन स्थानों पर करा सकते हैं जांच
जिला अस्पताल अल्मोड़ा, नागरिक अस्पताल रानीखेत और मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा में स्थापित लिंक सेंटरों में मरीजों की काउंसि लिंग की जाती है। यहां खून की जांच होने के साथ ही दवाइयां दी जाती हैं। जागरूकता बढ़ने से लोग काफी संख्या में इन सेंटरों पर जांच को पहुंच रहे हैं।
नुक्कड़-नाटक के माध्यम से एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। इस साल अब तक कुल 26 लोग एचआईवी पॉजीटिव मिले हैं। -डॉ. प्रांशु डेनियल, नोडल अधिकारी एचआईवी कार्यक्रम अल्मोड़ा
महिलाएं पुरुषों की तुलना में एचआईवी से ज़्यादा संक्रमित
बागेश्वर जिले में एचआईवी के मामलों को चिह्नित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल में आईसीटीसी परामर्श सेंटर स्थापित किया गया है। जिले में 2006 से अब 128 ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के मरीज चिह्नित किए गए हैं। 90 लोगों को जिला अस्पताल के परामर्श केंद्र से उपचार किया जा रहा है। इनमें महिलाएं पुरुषों की तुलना में एचआईवी से ज़्यादा संक्रमित हैं। जिला अस्पताल में स्थित परामर्श केंद्र में परामर्शदाता डॉ. शैफाली साह ने बताया कि अस्पताल में प्रसव के आने वाली गर्भवतियों, विभिन्न बीमारियों की सर्जरी और टीबी के मरीजों की एकीकृत परामर्श और परीक्षण केंद्र (आईसीटीसी) जांच नियमित रूप से कराई जाती है।
वर्ष 2006 से अब तक 128 लोगों में एचआईवी की पुष्टि की गई है। जिनमें से 90 लोगों का उपचार किया जा रहा है। उन्हें समय-समय पर दवाइयां और सलाह दी है। संक्रमित मरीजों में आधे से अधिक महिलाएं हैं जिनमें एचआईवी की पुष्टि हुई है। पुरुषों में एचआईवी से संक्रमित चालक और होटलों में काम करने वाले लोग शामिल हैं। जिला अस्पताल के परामर्श केंद्र में बीते अप्रैल से अब तक एक भी मामला नहीं आया है।
समय पर उपचार कराने से मिलेगी राहत
आईसीटीसी पररामर्शदाता डॉ. साह ने बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों में समय-समय पर जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। जिन लोगों को बीमारी के लक्षण लगते हैं। वह समय से उपचार शुरू कर दें तो बीमारी से लड़ा जा सकता है।
यह हैं लक्षण
अचानक और अत्यधिक वजन कम होना, लंबे समय तक बुखार या रात को पसीना आना, लंबे समय तक दस्त, गंभीर और लंबे समय तक थकान रहना, लसीका ग्रंथियों में लंबे समय तक सूजन बने रहना, मुंह में सफेद धब्बे, बार-बार या गंभीर संक्रमण होना, त्वचा पर लाल, भूरे या बैंगनी रंग के धब्बे दिखना और याददाश्त कमजोर होना।