Chaukhutia Health Protest: 60 दिन के आंदोलन को CM धामी का आश्वासन, चौखुटिया अस्पताल के लिए जारी होगा टोकन मनी
चौखुटिया अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर 60 दिनों से राम गंगा आरती घाट पर चल रहा आंदोलन आखिर रविवार को रंग लगाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों से वीडियो वार्ता की।
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उप जिला चिकित्सालय चौखुटिया में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर 60 दिनों से राम गंगा आरती घाट पर चल रहा आंदोलन आखिर रविवार को रंग लगाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों से वीडियो वार्ता की। सीएम ने आंदोलनकारियों के समक्ष सभी प्रमुख बिंदुओं पर सकारात्मक और ठोस आश्वासन दिए। इसके बाद आंदोलनकारियों ने आंदोलन को 20 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने रविवार को मुख्य अनशनकारी भुवन सिंह कठायत से वर्चुअल वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप जिला चिकित्सालय के लिए आवश्यक टोकन मनी 20 दिन के भीतर जारी कर दी जाएगी। इससे अस्पताल से संबंधित सभी प्रक्रियाएं त्वरित गति से आगे बढ़ सकेंगी। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई प्रगति पर है और तीन दिसंबर को साक्षात्कार प्रस्तावित है। इसके तहत प्राथमिकता के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चौखुटिया क्षेत्र का सर्वांगीण विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। जनता की सभी जायज मांगों को धरातल पर उतारने के लिए विभागीय स्तर पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। वीडियो वार्ता के दौरान आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि भुवन कठायत, अशोक कुमार, उप जिलाधिकारी सुनील कुमार राज और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
दो माह बाद सरकार ने ली पहाड़ के स्वास्थ्य की सुध, मिला सिर्फ आश्वासन
बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण की मांग को लेकर हाड़ कंपाती ठंड में रामगंगा आरती घाट में दो माह से आमरण अनशन कर रहे आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री से हुई वर्चुअल वार्ता के बाद संजीवनी मिली है। सीएम के आश्वासन के बाद उन्हें मांगें पूरी होने की उम्मीद जगी है। ग्रामीणों की एकजुटता से आंदोलन रंग लाया है।
ऑपरेशन स्वास्थ्य के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन से राम गंगा आरती घाट पर स्थानीय लोगों ने आंदोलन का बिगुल फूंका था। लगातार दो माह तक अनशन जारी रहा। सर्द रात में भी आंदोलनकारी अनशन पर डटे रहे। आंदोलनकारियों की उग्र तेवर और बुलंद इरादों से सरकार भी हिल गई। पहले शासन स्तर पर आंदोलनकारियों से कई बार संवाद हुआ लेकिन अपनी मांगों को धरातल पर उतारने को लेकर प्रशासन और अनशनकारियों के बीच वार्ता विफल रही। आखिरकार रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को आंदोलनकारियों से वर्चुअल वार्ता करनी पड़ी। कुल मिलाकर ऑपरेशन स्वास्थ्य की अब तक की उपलब्धियां चौखुटिया क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत करती दिखाई दे रही हैं।
अब सबकी निगाहें आने वाले 20 दिनों पर टिकी हैं, जिनमें सरकार द्वारा किए जाने वाले ठोस निर्णय, आंदोलन के भविष्य और क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का स्वरूप तय करेंगे। आंदोलन के चलते ही चौखुटिया क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू हो चुकी है, जिससे मरीजों को तत्काल परामर्श का लाभ मिल रहा है। अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन, ईसीजी आदि की सुविधा सहित अन्य आवश्यक सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं। साथ ही, विशेषज्ञ डॉक्टर क्रमवार रूप से सेवाएं दे रहे हैं, जिससे क्षेत्रवासियों को राहत मिलनी शुरू हो गई है। इधर प्रशासन भी अब सक्रिय हो गया है।
डीएम ने हाल ही में उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर आवश्यक सुधार के निर्देश जारी किए। अस्पताल में संसाधन बढ़ाने और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की प्रक्रिया भी तेज हुई है। कुल मिलाकर ऑपरेशन स्वास्थ्य की अब तक की उपलब्धियां चौखुटिया क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत करती दिखाई दे रही हैं। अब सबकी निगाहें आने वाले 20 दिनों पर टिकी हैं, जिनमें सरकार द्वारा किए जाने वाले ठोस निर्णय आंदोलन के भविष्य और क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का स्वरूप तय करेंगे।
आश्वासन पूरा न हुआ तो फिर करेंगे आंदोलन
आंदोलनकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री आश्वासन पर उनकी निगाहें टिकी हैं। यदि मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया आश्वासन पूरा नहीं हुआ तो फिर से आंदोेलन करने को बाध्य होंगे, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार रहेगी।
चौखुटिया से पैदल देहरादून जाकर सरकार को जगाया
मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने चौखुटिया से देहरादून तक पैदल यात्रा की। मुख्य अनशनकारी भुवन सिंह कठायत ने आत्मदाह की चेतावनी। भुवन सिंह का गुम हो जाना, काले झंडों के साथ महिलाओं की अग्रिम भागीदारी और युवाओं का आंदोलन में कूदना आंदोलन को मजबूती दे गया। 82 वर्षीय कुंवर सिंह एक पांव से अक्षम होते हुए भी लगातार क्रमिक धरना दे रहे हैं।