BRD में आग मामला: परिजनों का आरोप- ऑक्सीजन के अभाव में मौत, बीआरडी ने बताया पल्मोनरी अरेस्ट
अखंड प्रताप सिंह के भाई रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वार्ड में धुआं भर गया था। सब लोग भाग रहे थे। हमें व्हीलचेयर मिली, तो उसी पर बीमार भाई को लेकर नीचे की ओर भागे। लेकिन नीचे आते-आते दम घुटने से उनकी मौत हो गई।

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बीआरडी मेडिकल काॅलेज में बृहस्पतिवार की रात आग लगने के दौरान खजुरी निवासी अखंड प्रताप सिंह की मौत की वजह मेडिकल कॉलेज प्रशासन बीमारी बता रहा है। कॉलेज की तरफ से जो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है, उसमें पल्मोनरी अरेस्ट (दिल का धड़कना बंद होना) लिखा गया है। जबकि परिजनों ने ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत का सर्टिफिकेट जारी करने की मांग की, जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, खजनी क्षेत्र के खजुरी गांव निवासी अखंड प्रताप सिंह मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर नौ में भर्ती थे। वार्ड नंबर 14 में आग लगने पर अफरा-तफरी मची तो उनके परिजन भी उन्हें सुरक्षित बाहर लेकर जाने को भागे, लेकिन उनकी दम घुटने से मौत हो गई।
अखंड प्रताप सिंह के भाई रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वार्ड में धुआं भर गया था। सब लोग भाग रहे थे। हमें व्हीलचेयर मिली, तो उसी पर बीमार भाई को लेकर नीचे की ओर भागे। लेकिन नीचे आते-आते दम घुटने से उनकी मौत हो गई। सब कुछ सामान्य होने के बाद वह ट्रॉमा सेंटर में मौजूद महिला डाक्टर के पास डेथ सर्टिफिकेट के लिए गए तो उन्होंने कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट लिखकर सर्टिफिकेट दे दिया। हमने कई बार कहा कि भाई की मौत दम घुटने से हुई, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुईं। कॉलेज के डॉक्टरों का कहना था कि आपके भाई को पहले से बीमारी थी, इसलिए सर्टिफिकेट उसी का जारी होगा।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. गणेश कुमार का कहना है कि आग लगने के दौरान जिस मरीज की मौत की बात कही जा रही है, उन्हें पहले से कई बीमारियां थीं और वह गंभीर अवस्था में थे। दूसरी बात यह है कि आग वार्ड 14 में लगी थी, जबकि वे वार्ड नौ में भर्ती थे। यह संयोग है कि घटना के समय उनकी मौत हो गई।
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उपकरणों की सक्रियता जांची जाएगी
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घटना के वक्त अग्निशमन उपकरणों के चालू हालत में नहीं होने के सवाल पर प्राचार्य ने बताया कि सभी उपकरण पूरी तरह से सक्रिय हैं। फिर भी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे दोबारा सारे अग्निशमन उपकरण व आपात स्थिति से निपटने के उपायों की जांच कर लें। अगर कोई कमी है तो उसे दुरुस्त कर लें।