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UP: गोरखपुर में बनेगा देश का पहला रिवर सेल, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा से मिली सैद्धांतिक सहमति

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गोरखपुर Published by: विकास कुमार Updated Fri, 19 Dec 2025 10:45 PM IST
सार

रिवर सेल का उद्देश्य ऐसा विकास मॉडल तैयार करना है, जिससे बाढ़ के दुष्प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके। रिवर सेल पर आने वाला खर्च 90 प्रतिशत एनएमसीजी और 10 प्रतिशत नगर निगम देगा। रिवर सेल अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल के साथ मिलकर काम करेगा। 

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Country first river cell to be built in Gorakhpur
गंगा घाट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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गोरखपुर को देश के पहले 'रिवर सेल' की सौगात मिलने जा रही है। इसके लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। यह पहल न केवल गोरखपुर के समग्र विकास को नई दिशा देगी, बल्कि नदियों के संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी।

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रिवर सेल के गठन के बाद एनएमसीजी के विशेषज्ञ गोरखपुर आएंगे, जो शहर के विकास में तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे। ये विशेषज्ञ नदियों और अन्य जल स्रोतों के संरक्षण के साथ-साथ बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए वैज्ञानिक और व्यावहारिक उपाय सुझाएंगे। गोरखपुर में हर साल बरसात के दौरान जलभराव से जनजीवन प्रभावित होता था। 

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रिवर सेल का उद्देश्य ऐसा विकास मॉडल तैयार करना है, जिससे बाढ़ के दुष्प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके। रिवर सेल पर आने वाला खर्च 90 प्रतिशत एनएमसीजी और 10 प्रतिशत नगर निगम देगा। रिवर सेल अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल के साथ मिलकर काम करेगा। इसका काम जल स्रोतों को जीवित करना भी है। इसमें दो एक्सपर्ट केंद्र से आएंगे, जिनके साथ नगर निगम की टीम मिलकर काम करेगी।

सहायक नगर आयुक्त अविनाश प्रताप सिंह ने कहा कि इससे पहले रिवर सिटी एलायंस के माध्यम से शहर में नदी आधारित विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस मॉडल के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विकास कार्यों से नदी के प्राकृतिक प्रवाह को नुकसान न पहुंचे। अक्सर घाटों के निर्माण से नदी का रास्ता संकरा हो जाता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए घाटों के निर्माण में कंक्रीट और ईंट का न्यूनतम उपयोग किया जाएगा और प्राकृतिक सामग्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

रिवर सेल के अंतर्गत निर्माण कार्यों में विशेष डिजाइन अपनाई जाएगी, जिससे जल स्रोतों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके। नदी के किनारे ऐसे ढांचे विकसित किए जाएंगे, जो पर्यावरण के अनुकूल हों और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करें। इसी योजना के तहत एकला बांध पर रिवर फ्रंट का विकास किया जा रहा है, वहीं महेसरा क्षेत्र में इकोलॉजिकल पार्क का निर्माण भी प्रस्तावित है। ये परियोजनाएं न केवल शहर की सुंदरता बढ़ाएंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी।

गोरखपुर में बनने वाला यह रिवर सेल भविष्य में अन्य शहरों के लिए भी एक मॉडल बनेगा, जिससे नदी संरक्षण और शहरी विकास के बीच संतुलन स्थापित किया जा सकेगा। जलभराव से निपटने और जल स्रोतों को बचाने के लिए नगर निगम कई तरह के उपाय कर रहा है। अब नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत रिवर सेल का गठन किया जाएगा। गोरखपुर नगर निगम देश का पहला है जहां यह सेल काम करेगा। - गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त

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